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नाविक 2.0 (NavIC) न केवल भारत की रक्षा क्षमताओं को मज़बूत करता ह�
भारत द्विपक्षीय निवेश संधियों पर नए सिरे से बातचीत करना �
नवी दिल्लीला याची जाणीव आहे की पाकिस्तानची लष्करी यंत्र�
आतंकवादी हमलों के लिए अब जिस तरह तकनीकी का इस्तेमाल हो रह�
योग्य ट्रेड-ऑफमुळे दीर्घकालीन वाढीस मदत होते व मूलभूत सु
भारत में उपभोक्ताओं के ख़र्च के तौर-तरीक़ों का विस्तृत अ�
भारताच्या ऊर्जेशी संबंधित समस्येचे मुख्य कारण म्हणजे भ�
अस्थिर जागतिक सुरक्षेमुळे भारत व त्याचे आखाती भागीदार य�
खासगी वाहनांच्या प्रचंड वाढीमुळे भारतीय शहरांमध्ये पार
वैसे तो उर्सुला वॉन डेर लेयेन, पिछले कई वर्षों के दौरान अप
ऐसी दुनिया जहां तकनीक़ और AI को लेकर कानूनी खालीपन कायम है,
न तो नैरेटिव, न ही बयानबाज़ी: यूरोपीय संघ को चाहिए कि वो अप�
हो सकता है कि पाकिस्तान अपनी ‘भारत संबंधी नीति’ को ‘कश्म�
आपूर्ति की तरफ के पैरामीटर पर ध्यान देकर पानी की कमी का सम
गेल्या दोन दशकांतील वापरातील वाढीचा कल दर्शवितो की, विद्
संरक्षण प्रणाली आणि सुरक्षेसंबंधित पायाभूत सुविधा वाढव
वन्यजीव संरक्षण आणि शाश्वत पीक उत्पादनाचा समतोल साधण्य�
म्यांमार में बढ़ती राजनीतिक अस्थिरता भारत की एक्ट ईस्ट प
जब तक शहरी योजना को कुशल कामगारों और धन के मेल के साथ प्रो�
नवीकरणीय ऊर्जा इकोसिस्टम में डिजिटल ट्विन टेक्नोलॉजी क�
जापान अपनी साइबर सुरक्षा को बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयासर
जब तक बिजली वितरण कंपनियों की आर्थिक स्थिति में सुधार नह�
जॉर्जिया के सामने EU की सदस्यता की अपनी कोशिश को रूस के दुस�
व्यवस्थापनात दीर्घकालीन समाधान शोधण्यासाठी संस्थात्म�
जल जीवन मिशनच्या माध्यमातून झालेली प्रगती ही सार्वजनिक �
आज जब भारत टिकाऊ विकास की जटिलताओं से जूझ रहा है, ऐसे में अ�
संघीय संस्थाओं को मजबूत बनाने के साथ-साथ अगर हम सभी पक्षो�
उभरती हुई तकनीकों के बढ़ते प्रचलन के साथ ही पानी के संसाध�
जल जीवन मिशन के तहत हुई प्रगति ने जनता की सेहत के आयामों म�
जल संसाधनों की बहाली, प्रबंधन और संरक्षण से शांति और दूरग�
भारताला पाण्याच्या सर्वांगीण विकासाच्या गुंतागुंतीचा �
पाणी टंचाई दूर करण्यासाठी भारताने ऐतिहासिकदृष्ट्या पॅर
लक्षद्वीपमधील नवीन नौदल तळ हा भागीदारांना आणि शत्रूंना �
जनतंत्रों को चाहिए कि वो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की अस�
चीन-मालदीव FTA की वजह से आयात शुल्क संग्रह में बहुत ज़्यादा
2030 पर्यंत, केवळ 77 टक्के लोकांकडे स्वच्छ स्वयंपाक इंधनाची �
सरकारने भारतीय कंपन्यांना GDPR बद्दल माहिती देण्यास आणि त्
दक्षिण एशिया में, मुख्यधारा के प्रयासों में पहल एवं राजन�
पिछले दो दशकों के रुझान को देखें तो ये कहा जा सकता है कि अं�
भारतीय अर्थव्यवस्था एक निर्णायक मोड़ पर है जहां भविष्य म
भारत की ऊर्जा संबंधी समस्या का मुख्य कारण यह है कि भारत मे
भारत-रशिया संबंधांना 'विक्रेता-खरेदीदार' स्वरूपापासून प�
भारतीय वीज बाजारपेठेचे भविष्य नवीकरणीय ऊर्जा पुरवठादार
वर्ष 2030 तक, सिर्फ़ 77 प्रतिशत आबादी को खाना पकाने का स्वच्छ �
आज हर क्षेत्र में एआई का दखल बढ़ता जा रहा है. ऐसे में ये ज़र
वैसे तो MDB में बदलाव लाने की हालिया कोशिशें स्वागतयोग्य ह�
जब वन्यजीव संरक्षण और टिकाऊ फसल उत्पादन के बीच संतुलन की �
भारत आणि युगांडा यांच्यातील संबंध संतुलित करणे ही भारती�
प्राइवेट गाड़ियों में बेतहाशा बढ़ोतरी ने भारतीय शहरों म�