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Published on Mar 22, 2024 Updated 0 Hours ago

चीन-मालदीव FTA की वजह से आयात शुल्क संग्रह में बहुत ज़्यादा कमी और कर्ज़ का स्तर बढ़ने के कारण मालदीव लंबे समय में ख़ुद को अनिश्चित हालात में पाएगा.

चीन-मालदीव फ्री ट्रेड एग्रीमेंट: घरेलू आर्थिक पैरामीटर का विश्लेषण

नवंबर 2017 में मालदीव की संसद ने चीन-मालदीव फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) को मंज़ूरी दी थी. इस तरह पाकिस्तान के बाद मालदीव दक्षिण एशिया में दूसरा देश बन गया जिसके साथ चीन का इस तरह का समझौता है. FTA को लेकर बातचीत की शुरुआत 2015 में हुई थी और ये वार्ता सितंबर 2017 में ख़त्म हुई थी. चीन ने भले ही 16वें FTA पर हस्ताक्षर किए लेकिन किसी देश के साथ पहले द्विपक्षीय FTA के रूप में ये समझौता मालदीव के लिए विशेष महत्व रखता है और दोनों देशों के बीच बढ़ते आर्थिक सहयोग को दिखाता है. इस समझौते में सामानों और सेवाओं का व्यापार शामिल है और ये मालदीव में चीन से आयात होने वाले सामानों को तीन श्रेणियों में बांटता है. 

विपक्ष की कुछ पार्टियों के बहिष्कार के बावजूद मालदीव की संसद के द्वारा समझौते को मंज़ूरी चीन की व्यापक आर्थिक भागीदारी की रणनीति के साथ मेल खाती है और ये समझौता 2015 से मालदीव के लिए बदलती व्यापार गतिशीलता में योगदान देता है.

विपक्ष की कुछ पार्टियों के बहिष्कार के बावजूद मालदीव की संसद के द्वारा समझौते को मंज़ूरी चीन की व्यापक आर्थिक भागीदारी की रणनीति के साथ मेल खाती है और ये समझौता 2015 से मालदीव के लिए बदलती व्यापार गतिशीलता में योगदान देता है. चीन के राजदूत ने मेरीटाइम सिल्क रोड इनिशिएटिव के ज़रिए मालदीव के उत्पादों, ख़ास तौर पर मछली, की संभावित बढ़ोतरी पर ज़ोर दिया. हालांकि जल्दबाज़ी में मंज़ूरी की प्रक्रिया के साथ जुड़ी पारदर्शिता और संभावित भू-राजनीतिक जोखिमों के बारे में चिंता जताई गई है. विपक्षी मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (MDP) ने आर्थिक और भू-राजनीतिक दोनों चिंताओं का समाधान करते हुए उचित व्यावहारिकता का अध्ययन (फिजिबिलिटी स्टडी) होने तक FTA को लागू नहीं करने की मांग की है. 

मालदीव का आर्थिक परिदृश्य 

लगभग 7 अरब अमेरिकी डॉलर के आर्थिक उत्पादन के साथ मालदीव की अर्थव्यवस्था आयात पर बहुत ज़्यादा निर्भर है और इसे आगे बढ़ाने में पर्यटन सेक्टर का सबसे अधिक योगदान है. अर्थव्यवस्था का पूर्वानुमान 2023 और 2024 में लगातार बढ़ोतरी दिखाता है और वित्तीय वर्ष 2023 में 18 लाख पर्यटकों के स्वागत की उम्मीद है. पर्यटन में ये ज़ोरदार तेज़ी काफी हद तक चीन से पर्यटन गतिविधियों की बहाली और रूसी बाज़ार में फिर से मज़बूती आने की वजह से है. 

रेखाचित्र 1: सेक्टर के हिसाब से मालदीव की GDP की संरचना

स्रोत: वित्त मंत्रालय, मालदीव सरकार 

कंस्ट्रक्शन और रियल एस्टेट सेक्टर भी महत्वपूर्ण हैं. बुनियादी ढांचे और लग्ज़री रियल एस्टेट की मांग से इसमें तेज़ी आती है जो बदले में अलग-अलग सहायक उद्योगों का विकास तेज़ करती है. स्थिरता (सस्टेनेबिलिटी) के मोर्चे पर देखें तो खाद्य सुरक्षा एक गंभीर चुनौती बनी हुई है. इसकी वजह आयात पर मालदीव की निर्भरता और सीमित खेती योग्य ज़मीन है. इसके कारण स्थानीय कृषि उत्पादन और सतत मछली पालन की पद्धति को बढ़ाने की कोशिश ज़रूरी हो जाती है. पर्यावरण से जुड़ी स्थिरता को सुनिश्चित करते हुए इन क्षेत्रों को संतुलित करना मालदीव के आर्थिक सामर्थ्य और विकास के लिए महत्वपूर्ण है. इस तरह इन क्षेत्रों की खोजबीन करना मध्य अवधि (मीडियम टर्म) में मालदीव की अर्थव्यवस्था की राह का विश्लेषण करने के लिए ज़रूरी है. 

पर्यावरण से जुड़ी स्थिरता को सुनिश्चित करते हुए इन क्षेत्रों को संतुलित करना मालदीव के आर्थिक सामर्थ्य और विकास के लिए महत्वपूर्ण है. इस तरह इन क्षेत्रों की खोजबीन करना मध्य अवधि (मीडियम टर्म) में मालदीव की अर्थव्यवस्था की राह का विश्लेषण करने के लिए ज़रूरी है. 

पर्यटन सेक्टर 

मालदीव की GDP में पर्यटन का बहुत ज़्यादा योगदान है. वैसे तो 2022 में सैलानियों के आगमन में बढ़ोतरी हुई लेकिन उनकी संख्या अभी भी महामारी से पहले के स्तर तक नहीं पहुंची है. हालांकि FTA पर हस्ताक्षर और चीन से बाहर जाने वाले पर्यटन में सुधार के साथ मालदीव को उम्मीद है कि सैलानियों की संख्या में बढ़ोतरी होगी और इससे आर्थिक विकास में तेज़ी आएगी. चूंकि चीन से फ्लाइट ऑपरेशन फिर से शुरू होना जारी है, ऐसे में पर्यटकों के आगमन में महत्वपूर्ण बढ़ोतरी 2024 में भी बने रहने की उम्मीद है जिससे इस सेक्टर को बढ़ावा मिलेगा. विकास में सरकार की भूमिका सर्वोपरि है जो सरकारी राजस्व के स्वस्थ माध्यम की आवश्यकता को रेखांकित करती है. सरकार के टैक्स रेवेन्यू का ज़्यादातर हिस्सा टूरिज़्म गुड्स एंड सर्विसेज़ टैक्स (TGST) के रूप में है जिसमें 2021 से पर्यटकों के आगमन में बढ़ोतरी के साथ तेज़ी आई है. ये भी FTA को लेकर उम्मीद का एक कारण है. फिर भी बाद में आर्थिक गिरावट का ख़तरा है जो वैश्विक GDP में कमी के पूर्वानुमान की आशंका से बढ़ सकती है. इससे पर्यटन उद्योग दबाव में आ सकता है. आर्थिक झटकों के अलावा पर्यटन उद्योग जलवायु परिवर्तन से भी आसानी से प्रभावित हो जाता है और अनुमान लगाया जा रहा है कि 2050 तक पर्यटन उद्योग ग्लोबल वार्मिंग का शिकार हो जाएगा. 

कंस्ट्रक्शन और रियल एस्टेट 

पर्यटन के बाद परिवहन एवं संचार और कंस्ट्रक्शन एवं रियल एस्टेट सेक्टर वैल्यू बढ़ाने में सबसे बड़ी भूमिका निभाते हैं. 2022 में कंस्ट्रक्शन सेक्टर विकास के अपने लक्ष्य को पूरा करने में नाकाम रहा. इसकी वजह कम व्यापार और इस सेक्टर की गतिविधि में वैश्विक स्तर पर मंदी है. FTA की बहाली का मतलब होगा सस्ता कंस्ट्रक्शन इनपुट जो इस उद्योग को अधिक प्रतिस्पर्धी बनाएगा और इसे मज़बूती से विस्तार करने की अनुमति देगा. इस तरह चौतरफा आर्थिक विकास हो सकता है. इसके अलावा इससे कंस्ट्रक्शन सेक्टर में रोज़गार पैदा हो सकता है. महामारी के बाद रोज़गार के मामले में सकारात्मक रुझान देखने को मिला है. हालांकि मालदीव की ज़्यादातर जनसंख्या गांवों में रहती है और अनौपचारिक रूप से पर्यटन सेक्टर में काम करती है. मैन्युफैक्चरिंग के आउटपुट को बढ़ाने के लिए कामगारों का हुनर बढ़ाने की भी आवश्यकता है. ये कौशल विकास कार्यक्रमों और व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्रों में नामांकन के माध्यम से हासिल किया जा सकता है. ये एक बार फिर मालदीव के साथ भारत के संबंधों और भारत की विकास से जुड़ी फंडिंग, जो पैसा पहले ही युवा विकास कार्यक्रमों के समर्थन में बांटा जा चुका है, के महत्व को उजागर करता है. 

खाद्य सुरक्षा और व्यापार संतुलन 

खाने-पीने की चीज़ों के लिए आयात पर मालदीव की निर्भरता उसे सप्लाई चेन की रुकावटों के मामले में कमज़ोर बनाती है जो कि सरकार के लिए एक बड़ी चिंता है. मालदीव को निश्चित तौर पर घरेलू उत्पादन बढ़ाने की नीतियों को अपनाना चाहिए ताकि बढ़ते उतार-चढ़ाव भरे वैश्विक माहौल में अपने हितों को सुरक्षित रख सके. खेती और उद्योग पर विशेष ध्यान देना चाहिए और प्रोत्साहन की योजनाओं के ज़रिए उनके विकास को बढ़ावा देना चाहिए. हालांकि ज़्यादा आयात बिल मालदीव के लिए अपनी GDP को बढ़ावा देना मुश्किल बनाता है. इसे देखते हुए चीन के साथ FTA भुगतान संतुलन के घाटे को और बढ़ाएगा. इससे मालदीव को और ज़्यादा कर्ज़ लेना पड़ेगा. एक उदार सहयोगी के रूप में चीन कर्ज़ की पेशकश करेगा. इस बात की भी संभावना है कि चीन अंतर्राष्ट्रीय संगठनों की तुलना में कम ब्याज दर पर कर्ज़ देगा लेकिन उसकी शर्तें चिंताजनक होंगी. दूसरी तरफ भारत सौहार्दपूर्ण संबंध बनाए रखना, विकास से जुड़ा सहयोग सुनिश्चित करना और क्षमता निर्माण करना जारी रख सकता है लेकिन शर्त ये है कि उसे एक सहयोगी के रूप में उचित मान्यता की गारंटी मिले. 

खेती और उद्योग पर विशेष ध्यान देना चाहिए और प्रोत्साहन की योजनाओं के ज़रिए उनके विकास को बढ़ावा देना चाहिए. हालांकि ज़्यादा आयात बिल मालदीव के लिए अपनी GDP को बढ़ावा देना मुश्किल बनाता है. इसे देखते हुए चीन के साथ FTA भुगतान संतुलन के घाटे को और बढ़ाएगा.

निष्कर्ष

मध्यम अवधि में मालदीव की अर्थव्यवस्था में लगातार विकास हो सकता है. मालदीव की आर्थिक समृद्धि का केंद्र बिंदु बने पर्यटन सेक्टर में बढ़ोतरी से अर्थव्यवस्था में तेज़ी आएगी. इसके साथ-साथ इंफ्रास्ट्रक्चर और लग्ज़री घरों के लिए मांग से उत्साहित कंस्ट्रक्शन और रियल एस्टेट सेक्टर के भी फलने-फूलने की उम्मीद है जो न केवल सीधे तौर पर आर्थिक गतिविधि को सहारा देते हैं बल्कि सहायक उद्योगों को भी बढ़ाते हैं. हालांकि चीन-मालदीव FTA और मालदीव-भारत के संबंध बिगड़ने से औद्योगिक बहाली की आर्थिक संभावना काफी हद तक कमज़ोर हो सकती है. आयात शुल्क के कलेक्शन में बहुत ज़्यादा गिरावट और कर्ज़ का स्तर बढ़ने के कारण मालदीव जल्द ही ख़ुद को अनिश्चित हालात में देख सकता है. इसके साथ-साथ भारत की तरफ से आर्थिक समर्थन वापस लेने से मालदीव की समृद्धि पर और ज़्यादा असर पड़ेगा, ख़ास तौर पर खाद्य सुरक्षा के मामले में जहां भारत दुनिया में एक बड़ा सप्लायर है. इस तरह मालदीव को लंबे समय में आर्थिक विकास को सुविधाजनक बनाने के लिए अपनी प्राथमिकताओं पर फिर से विचार करने और सक्रिय कदम उठाने की ज़रूरत है. अपनी विदेश नीति से जुड़ी कूटनीति का समाधान करते हुए हर सेक्टर की मज़बूती का फायदा उठाकर एक संतुलित नज़रिया अपनाने से मालदीव लगातार आर्थिक विकास की स्थिति में आ सकता है. 


आर्य रॉय बर्धन ऑब्ज़र्वर रिसर्च फाउंडेशन के सेंटर फॉर न्यू इकोनॉमिक डिप्लोमेसी में रिसर्च असिस्टेंट हैं. 

सौम्य भौमिक ऑब्ज़र्वर रिसर्च फाउंडेशन के सेंटर फॉर न्यू इकोनॉमिक डिप्लोमेसी में एसोसिएट फेलो हैं. 

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Authors

Arya Roy Bardhan

Arya Roy Bardhan

Arya Roy Bardhan is a Research Assistant at the Centre for New Economic Diplomacy, Observer Research Foundation. His research interests lie in the fields of ...

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Soumya Bhowmick

Soumya Bhowmick

Soumya Bhowmick is an Associate Fellow at the Centre for New Economic Diplomacy at the Observer Research Foundation. His research focuses on sustainable development and ...

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