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यात्रा की शुरुआत से अंत तक कुशल सार्वजनिक परिवहन उपलब्ध �
उष्णतेशी लवचिकता राखणे हे शहरस्तरीय हवामान कृतीसाठी अत�
एकीकृत मल्टीमॉडल परिवहन प्रणाली में ट्रिप-प्लानिंग एप्�
वैसे तो शहरी घनत्व के कई लाभ हैं लेकिन कुछ बड़े शहरों में �
भारतीय शहरों की जरूरतों और शासन, नियोजन, भूमि व नागरिक सेव
जलवायु संकट आजीविका को ख़तरे में डालता है, अममानता बढ़ात�
भारत के शहरों में नागरिकों की अपने शहरी स्थानीय निकायों �
भारतीय शहरांमध्ये हवामानाचे संकट मोठ्या प्रमाणात वाढत �
सार्वजनिक परिवहन को यात्रियों के लिए अधिक सुविधाजनक और व
भारतीय शहरों में जलवायु संबंधी संकट बढ़ते जा रहे हैं. बार-
वरिष्ठ नागरिकों के लिए पैदल चलने की व्यवस्था को सुगम बना�
भारत के सभी शहरों में परिवहन के अलग अलग साधनों को जोड़ने व
दुनिया भर के देश स्वच्छ ऊर्जा की तरफ बदलाव की दिशा में काम
अगर इन अहम सुधारों को अमल में लाया जाता है, तो एकीकृत महान�
एकीकृत और टिकाऊ मल्टीमॉडल परिवहन प्रणाली के निर्माण के ल
राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के विकास के संभावित इंजन के तौर प
सरकार द्वारा देश में किफ़ायती आवास की कमी को दूर करने के ल
भारत के शहरी निकायों के संचालन से जुड़ी गतिविधियों में औ�
भारत में सड़क दुर्घटनाओं में हो रही वृद्धि ने सरकार को व्य�
मुंबई में NGO की अगुवाई में संचालित होने वाले वन-स्टॉप सेंट�
भारत में तेजी से हुए शहरीकरण के कारण निजी वाहनों के उपयो�
क्षेत्रीय परिवहन की योजना एवं कनेक्टिविटी को आगे ले जाने
भारत के शहरों में परिवहन सेक्टर पर नज़र डालें तो पैदल चलन�
मौजूदा दौर में शहरी क्षेत्रों को विधायिका में कम प्रतिनि
गैर-मोटर चालित परिवहन से निजी गाड़ियां तो कम होंगी ही, इसक
ज़्यादा से ज़्यादा लोगों को समायोजित करने के उद्देश्य से
भारत के शहरों को नए युग में ले जाने के लिए मूलभूत बदलाव की �
कार्यस्थल, घर, और सार्वजनिक जगहों पर समावेशी तरीके से स्�
शहरों की महत्वाकांक्षी जलवायु कार्य योजनाओं के लक्ष्य क�
शहरांमधील मालवाहतुकीच्या कार्यक्षमतेचे राष्ट्रीय आर्�
पुन:नगरपालिकाकरण के बढ़ते वैश्विक प्रवृत्ति के बावजूद, न
महिलाओं की दृष्टि से सार्वजनिक परिवहन को सुरक्षित, सुविध
वाढती लोकसंख्या आणि त्याचबरोबर शहरीकरणाचा वेग वाढल्याम
2050 तक शहरों में 45.6 करोड़ अतिरिक्त लोगों की ज़रूरतों के लिए �
तैयार विरासत को डिजिटाइज़ करने से अधिक संख्या में लोगों �
जुड़वां शहरों जैसी पहलों और लचीले नेटवर्क के ज़रिए शहरी �
शहरांमधील मालवाहतुकीच्या कार्यक्षमतेचे राष्ट्रीय आर्�
शहरी नियोजन में समावेशन का ध्यान अक्सर बाद में आता है जिस�
अगले दो दशकों के दौरान जब ज़्यादातर भारतीय शहरों का नगरी�
सही शहरी योजना निर्माण नहीं किया गया, तो भविष्य में भारत क
विकास के लिए सार्वभौमिक प्रेरणापरक आदर्श के तौर पर, समाव�
दोनों घोषणापत्रों में शहरी समस्याओं के संबंध में काफी प्
एक तरफ जहां भारत में अपराध पर एनसीआरबी के डेटा, काफी विस्त
छोटे द्वीपीय विकासशील देशों (SIDS) में मलेरिया के बढ़ते मामल
जैसे-जैसे दुनिया जलवायु परिवर्तन, महामारी और असमानता जैस
भारतीय शहरों को और अधिक बेहतर बुनियादी ढांचों एवं आर्थिक
हाल की सरकारी नीतियों के ज़रिए भारत सस्ती, उच्च स्तर की स्