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Published on Apr 15, 2024 Updated 0 Hours ago

जैसे-जैसे दुनिया जलवायु परिवर्तन, महामारी और असमानता जैसी अभूतपूर्व चुनौतियों का सामना कर रही है, वैसे-वैसे सिस्टर-सिटी संबंध एक सामंजस्यपूर्ण वैश्विक समुदाय को बढ़ावा देने में मदद कर सकते हैं.

ट्विन कनेक्शन: देशों के बीच ‘सिस्टर-सिटी’ रिश्ते को बढ़ावा!

ग्लोबल सिस्टर-सिटी संबंध, जिसे सिटी ट्विनिंग के नाम से भी जाना जाता है, को लंबे समय से अंतर्राष्ट्रीय सहयोग, सांस्कृतिक आदान-प्रदान, आर्थिक विकास और आपदा तैयारी को बढ़ावा देने के व्यावहारिक तौर-तरीके के रूप में स्वीकार किया जाता रहा है. शहरी प्रशासन और अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के मेल-जोल की जगह पर ये साझेदारियां दुनिया के अलग-अलग हिस्सों के शहरों को जोड़ती हैं और आपसी समझ एवं सहयोग के लिए अवसर मुहैया कराती हैं. 

माना जाता है कि इस विचार की शुरुआत द्वितीय विश्व युद्ध के बाद हुई थी और जल्द ही दुनिया के अलग-अलग देशों के शहरों के बीच शांति और सुलह को बढ़ावा देने के लिए इसने रफ्तार पकड़ ली. दुनिया भर के हज़ारों शहर इन साझेदारियों में हिस्सेदारी करते हैं और एक-दूसरे पर अधिक निर्भर वैश्विक समुदाय में योगदान करते हैं. वैसे तो सिस्टर-सिटी संबंध अपार संभावनाएं पेश करते हैं लेकिन मौजूदा तालमेल के असर की समीक्षा, चुनौतियों की पहचान और इन संबंधों के नतीजों को बढ़ा सकने वाली साक्ष्य आधारित नीतियों को तैयार करने के लिए व्यापक रिसर्च की आवश्यकता बढ़ रही है. 

माना जाता है कि इस विचार की शुरुआत द्वितीय विश्व युद्ध के बाद हुई थी और जल्द ही दुनिया के अलग-अलग देशों के शहरों के बीच शांति और सुलह को बढ़ावा देने के लिए इसने रफ्तार पकड़ ली. 

चूंकि दुनिया जलवायु परिवर्तन, महामारी और असमानता जैसी अभूतपूर्व चुनौतियों का सामना कर रही है, ऐसे में वैश्विक सामूहिक कार्रवाई और समस्या निपटारा के मंच के रूप में इन चिंताओं के संदर्भ में सिस्टर-सिटी संबंधों का फिर से मूल्यांकन किया जा सकता है. आधुनिक तकनीक और जानकारी के आदान-प्रदान के कार्यक्रम के माध्यम से सिस्टर सिटी के बीच बातचीत के तौर-तरीकों को कैसे मज़बूत किया जा सकता है? नीतिगत ढांचा दो जुड़वां शहरों के बीच आर्थिक सहयोग और व्यापार को बढ़ावा देने में कैसे मदद कर सकता है? सिस्टर सिटी में लोगों के बीच संपर्क को वैश्विक समुदाय में सद्भावना विकसित करने में कैसे इस्तेमाल किया जा सकता है? 

दोस्ती की बाधाएं 

सिस्टर-सिटी संबंधों के साथ जुड़े लाभों के बारे में व्यापक स्वीकार्यता के बावजूद इस विषय पर व्यापक वैश्विक आंकड़ों और रिसर्च की कमी है. मौजूदा अध्ययन अक्सर व्यक्तिगत साझेदारियों या क्षेत्रीय विश्लेषण पर ध्यान देते हैं. इसकी वजह से दुनिया के पैमाने पर इन संबंधों के असर और सफलता के बारे में व्यापक निष्कर्ष पर पहुंचना चुनौतीपूर्ण हो जाता है. मौजूदा अंतर्राष्ट्रीय परिदृश्य की बदलती गतिशीलता पर विचार करते हुए सिस्टर-सिटी संबंधों पर फिर से नज़र डालना भी ज़रूरी है. सिस्टर-सिटी संबंधों के महत्व को स्वीकार करते हुए बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) मुंबई और दुनिया भर में इसके 15 सिस्टर-सिटी के बीच रिश्तों का सम्मान करने के लिए बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स (BKC) में एक ‘सिस्टर सिटी स्क्वायर’ बनाने जा रहा है जो कि पर्यटकों के लिए भी एक आकर्षण होगा. 

कई सिस्टर-सिटी संबंधों का समृद्ध इतिहास और संस्कृति है लेकिन उनका असर और प्रभाव अलग-अलग हैं. मिसाल के तौर पर, सेंट पीटर्सबर्ग और ओसाका के बीच आर्थिक सहयोग की संभावना के बावजूद उनके रिश्ते ने राजनीतिक तनाव का सामना किया है जो दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण संबंधों को दिखाता है. एक और मामला जहां राष्ट्रीय स्तर पर राजनीतिक असहमति शहरों के बीच संबंध को नकारात्मक ढंग से प्रभावित करने तक पहुंच गई है, वो है जर्मनी के कोलोन और तुर्किए के इस्तांबुल का जहां सामाजिक-सांस्कृतिक आदान-प्रदान के कार्यक्रमों को सामाजिक मूल्यों में अंतर और आपसी समझ में कमी की वजह से विरोध का सामना करना पड़ा. इस तरह सांस्कृतिक आदान-प्रदान की पहल हर हाल में समावेशी, सम्मान पूर्ण और समाज की विशेषता बताने वाली अलग-अलग पहचान एवं दृष्टिकोण को दिखाने वाली होनी चाहिए. 

डिजिटल प्लैटफॉर्म, डेटा एनेलिटिक्स और स्मार्ट सिटी तकनीकों का इस्तेमाल सिस्टर-सिटी संबंधों के असर को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ा सकता है. 

डिजिटल प्लैटफॉर्म, डेटा एनेलिटिक्स और स्मार्ट सिटी तकनीकों का इस्तेमाल सिस्टर-सिटी संबंधों के असर को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ा सकता है. इस वजह से मौजूदा रणनीतियों पर फिर से विचार और आपसी लाभों के लिए इन तकनीकी आधुनिकता को शामिल करना आवश्यक हो जाता है. सैन फ्रांसिस्को और सियोल के मामले में साझेदारी को स्मारकों की स्थापना और सार्वजनिक बयानों को लेकर विवादों की वजह से झटके का सामना करना पड़ा. इसने उनके व्यापार के पैटर्न और तकनीकी इनोवेशन में आदान-प्रदान पर असर डाला. 

संचार, आर्थिक संबंधों, सामाजिक-सांस्कृतिक आदान-प्रदान और स्थिरता जैसे प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान देने वाली व्यापक शहरी नीतियां बनाना न केवल मौजूदा चुनौतियों के मुताबिक ढलने के हिसाब से ट्विन सिटी के लिए बल्कि सहयोग के लिए नए अवसरों का लाभ उठाने, अतीत से सीखने और एक हमेशा बदलती दुनिया में इन साझेदारियों के महत्वपूर्ण एवं असरदार बने रहने को सुनिश्चित करने के लिए भी आवश्यक है. 

असरदार और टिकाऊ संबंधों की तरफ कदम

सफल सिस्टर-सिटी संबंधों में आपसी समझ, प्रभावी संचार और साझा लक्ष्यों पर ध्यान देने की प्रतिबद्धता जैसी विशेषताएं होनी चाहिए. 

नीति निर्माता आधुनिक तकनीक के उपयोग, नियमित मंचों की स्थापना और भाषा के आदान-प्रदान से जुड़े कार्यक्रमों को बढ़ावा देकर सिस्टर सिटी के बीच बातचीत का तौर-तरीका बढ़ाने पर ध्यान दे सकते हैं. विशेष ऑनलाइन प्लैटफॉर्म और मोबाइल एप्लिकेशन को विकसित करने से रियल-टाइम कम्युनिकेशन की सुविधा मिल सकती है जिससे शहरों को अनुभव, सर्वश्रेष्ठ पद्धतियों और साझा चुनौतियों के लिए इनोवेटिव स़ॉल्यूशंस एक-दूसरे से बांटने की अनुमति मिल सकती है. इसके अलावा सालाना मंच और सम्मेलन, जहां सिस्टर सिटी के प्रतिनिधि मुलाकात कर सकते हैं और सहयोग से जुड़े अवसरों पर बातचीत कर सकते हैं, संबंधों को मज़बूत और समुदाय की भावना को बढ़ावा दे सकते हैं. उदाहरण के लिए, सिएटल और ताशकंद के बीच साझेदारी ने एक-दूसरे की संस्कृति और दृष्टिकोण के बारे में बेहतर समझ बनाई है और इस तरह ये एक सफल पहल बन गई है. भारत के ट्विनिंग समझौतों में कुशल साझेदारी का एक उदाहरण कोबे और अहमदाबाद के बीच समझौता ज्ञापन (MoU) हो सकता है जो आपसी व्यवसाय, शिक्षा और सांस्कृतिक संपर्क को बढ़ावा देता है. 

सिस्टर-सिटी संबंधों का एक प्रमुख लक्ष्य सिस्टर सिटी के बीच व्यापार, निवेश और कारोबारी साझेदारियों को बढ़ावा देने के लिए प्रभावी रणनीतियों को विकसित करके आर्थिक सहयोग को प्रोत्साहन देना है.

सिस्टर-सिटी संबंधों का एक प्रमुख लक्ष्य सिस्टर सिटी के बीच व्यापार, निवेश और कारोबारी साझेदारियों को बढ़ावा देने के लिए प्रभावी रणनीतियों को विकसित करके आर्थिक सहयोग को प्रोत्साहन देना है. अवसरों का पता लगाने के उद्देश्य से व्यवसायों के लिए प्रोत्साहन तैयार करना, सीमा पार व्यापार के लिए रेगुलेटरी प्रक्रियाओं को आसान बनाना और ज्वाइंट वेंचर को बढ़ावा देना इस लक्ष्य की दिशा में पहला कदम हो सकता है. इसके अलावा नीति निर्माताओं को विशेष आर्थिक क्षेत्र या औद्योगिक क्लस्टर विकसित करने की संभावना का पता लगाना चाहिए जो दोनों सिस्टर शहरों की ताकतों और क्षमताओं पर ध्यान देते हैं जिससे लगातार आर्थिक विकास के लिए एक प्लैटफॉर्म तैयार होता है. इसका एक उदाहरण हांगझाऊ का स्पेशल ट्रेड ज़ोन हो सकता है जो बोस्टन के साथ आर्थिक संबंधों को मज़बूत करना चाहता है. 

सांस्कृतिक आदान-प्रदान के कार्यक्रमों, कला प्रदर्शनियों और शैक्षणिक साझेदारी स्थापित करने से सांस्कृतिक जानकारियों, परंपराओं और पद्धतियों को साझा करने की सुविधा मिल सकती है. विदेश में पढ़ाई के उद्देश्य से छात्रों के लिए सिस्टर-सिटी स्कॉलरशिप का कार्यक्रम विकसित करने और हर शहर की समृद्ध विविधता और देसी ज्ञान को दिखाने वाले सांस्कृतिक आयोजनों से लोगों के बीच संबंध मज़बूत हो सकते हैं. उदाहरण के लिए, क्योटो और फ्लोरेंस ने अपनी समृद्ध सांस्कृतिक यादों का जश्न मनाते और पर्यटन को बढ़ावा देते हुए एग्ज़ीबिशन, वर्कशॉप और इवेंट्स के ज़रिए ऐतिहासिक विरासतों के संरक्षण पर ज़ोर दिया है. इसके अलावा सांस्कृतिक आदान-प्रदान को पढ़ाई के सिलेबस में जोड़ने से कम उम्र से ही अलग-अलग संस्कृति की समझ को बढ़ावा मिल सकता है. 

नीतियां ऐसी होनी चाहिए जो साझा वैश्विक चुनौतियों के सामने पर्यावरण जागरूकता, संसाधनों का संरक्षण और हरित तकनीकों को अपनाने को बढ़ावा दें. सिस्टर सिटी नवीकरणीय ऊर्जा, वेस्ट मैनेजमेंट और टिकाऊ शहरी नियोजन से जुड़ी परियोजनाओं में भागीदार हो सकती हैं. मेलबर्न और थेसालोनिकी के बीच 15-मिनट-सिटी (FMC) (शहरी नियोजन की ऐसी अवधारणा जिसमें ज़्यादातर आवश्यकताओं और सेवाओं तक 15 मिनट में पहुंचा जा सकता है) की दिशा में साझेदारी टिकाऊ शहरी विकास के ज़रिए साझा वैश्विक चुनौतियों के समाधान को लेकर प्रतिबद्धता को उजागर करती है. जानकारी और संसाधनों को साझा करके शहर एक अधिक टिकाऊ भविष्य में योगदान करने के लिए साथ मिलकर काम कर सकते हैं. 

सफल सिस्टर-सिटी से जुड़ी साझेदारियां चुनौतियों से निपटने, मतभेदों से सीखने और साझा हितों का लाभ उठाने के इनोवेटिव, लगातार कोशिशों पर फलती-फूलती हैं.

प्राकृतिक आपदाओं और आपातकाल से परहेज नहीं किया जा सकता और संकट के समय में एक-दूसरे की मदद के लिए सिस्टर सिटी को तैयार किया जाना चाहिए. योजना बनाने वाले आपदा को लेकर प्रतिक्रिया और सुधार के नियम तैयार कर सकते हैं. इनमें पारस्परिक सहायता के समझौते, संसाधनों को साझा करने की व्यवस्था और साझा ट्रेनिंग अभ्यास शामिल हैं. उदाहरण के लिए USAID (यूनाइटेड स्टेट्स एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट) का सिस्टर सिटी आपदा तैयारी कार्यक्रम हाई फोंग शहर में आपदा नियोजन को लेकर ‘व्यवसाय सामर्थ्य बढ़ाने और सार्वजनिक-निजी समन्वय में सुधार करने’ पर ध्यान देता है. इसी तरह की व्यापक आपदा प्रबंधन की योजना विकसित करके सिस्टर सिटी मुसीबत की स्थिति में एकजुटता और सामर्थ्य का प्रदर्शन कर सकती हैं और इस तरह साझा ज़िम्मेदारी एवं समर्थन की भावना को बढ़ा सकती हैं.  

सफल सिस्टर-सिटी से जुड़ी साझेदारियां चुनौतियों से निपटने, मतभेदों से सीखने और साझा हितों का लाभ उठाने के इनोवेटिव, लगातार कोशिशों पर फलती-फूलती हैं. इसके अलावा अधिक समावेशी, सुरक्षित, ठोस और टिकाऊ शहरों की तरफ सतत विकास लक्ष्य 11 को हासिल करने के लिए शहरों के बीच सहयोग पर नए शहरी एजेंडे के ज़ोर को नए एवं उचित संकेतों और मूल्यांकन की प्रणाली का समर्थन देने की ज़रूरत होगी. नीति निर्माता और योजना बनाने वाले इन क्षेत्रों पर ध्यान देकर चुनौतियों से निपटने, मज़बूत संपर्क बनाने और एक-दूसरे से अधिक जुड़ी दुनिया में योगदान करने के उद्देश्य से सिस्टर सिटी के लिए एक रोडमैप बना सकते हैं.


अनुषा केसरकर गावनकर ऑब्ज़र्वर रिसर्च फाउंडेशन में सीनियर फेलो हैं. 

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