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एक कमजोर लचर और लाचार हो चुकी तंत्र व्यवस्था की पतंगबाज़�
मानवता के इतिहास में कोविड-19 एक ऐसी महामारी के तौर पर दर्ज़
जब अमेरिका और सोवियत संघ के बीच शीत युद्ध अपने शिखर पर था, �
इसमें कोई दो राय नहीं है कि कोविड-19 के बाद के दौर में चीन, पड
ये अंत का आरंभ या आरंभ का अंत नहीं है, सिर्फ़ एक युग का अंत �
हमें अपनी सिद्धांतवादी विदेश नीति और रणनीतिक स्वायत्ता �
कोविड-19 संक्रमण पर काबू पाने के लिए स्वास्थ्य सेवा के बुन�
नेशनल अर्बन रेंटल हाउसिंग पॉलिसी की योजना को हक़ीक़त बनन
आज दुनिया में एक उबाल आया हैं न सिर्फ़ कोविड-19 का बल्कि हम औ�
विशाल असंगठित क्षेत्र वाली विकासशील अर्थव्यवस्थाओं द्व
मौजूदा समय को देखते हुए भारत सरकार को ड्रोन उद्योग से संब�
मुख्य वित्तीय सेवाओं की पेशकश के अलावा डिजिटल फिनटेक प्ल
अगर सदस्य देशों की सरकारें चाहती हैं कि विश्व स्वास्थ्य �
ज़्यादातर गठबंधनों के बारे में, और ख़ासतौर से विकासशील द�
ग़लत जानकारी या दुष्प्रचार का विचार उतनी ही पुराना है जि�
आने वाले समय में इस महामारी के फैलने की रफ़्तार स्थिर होन�
सरकार को बैंकिंग सेक्टर को ये भरोसा दिलाना होगा कि वो मुक�
यूरोप की शक्तियों को इस मौक़े का फ़ायदा उठाकर लीबिया की क�
मौजूदा पारंपरिक नियामक और प्रमाणित करने वाली संस्थाओं स�
महामारी से जो सबसे बड़ा सबक़ मिला है, वो ये है कि मानवाधिक�
लंबे समय से विश्व का जहाज़रानी उद्योग चीन की घरेलू मांग औ�
ऑक्सफ़ोर्ड पॉलिटिकल रिव्यू ने ORF के अध्यक्ष समीर सरन का इ�
चीन की जनता का मूड भांप पाना तो मुश्किल है. लेकिन, अगर हम इं
कोविड-19 की महामारी के कारण लोकतांत्रिक तरीक़े से चुनी गई �
अब आगे जो भी होता है, लेकिन एक बात तय है कि दुनिया में आगे च�
भारत की कई कंपनियां, अपने शेयर धारकों की इजाज़त से कंपनी क
अब समय आ गया है कि सामाजिक सुरक्षा की इस महत्वपूर्ण योजना
नई खोज को प्रोत्साहन और रोज़गार देने में स्टार्टअप की ज़�
अगर कोविड-19 के उपचार के लिए कोई टीका या दवा बनायी जानी है, त�
अब चूंकि कोविड-19 ज़्यादातर मरीज़ों में अपने आप से ठीक हो ज�
अगर एक भी बच्चा ऑनलाइन शिक्षा से वंचित रह जाता है, तो पढ़ा�
“यह सामान्य शिष्टाचार का मामला है. यह ऐसा विचार है, जिस पर �
जिस तरह माध्यम के तौर पर भाषा के महत्व को बरकरार रखना ज़रू
चूंकि भारत में अभी भी निजी डेटा संरक्षण का क़ानून नहीं बन�
कोरोना वायरस महामारी कैसे दुनिया भर के देशों को अभूतपूर्
मीडिया में जिस बात को नही कहा गया, वो है इस तरह के इलाक़ों म
वर्तमान में रक्षा पर ज़्यादा ख़र्च को प्रोत्साहन पैकेज की
बिम्सटेक (BIMSTEC) ऐसा अकेला मंच है, जो भारत के क़रीबी सामरिक क्
कुछ देर के लिए भले ही अर्थव्यवस्था की कहानी थम गई हो लेकिन
शहरों में विशाल अवैध बस्तियों की समस्या का निपटारा काफ़ी
किसी भी मुद्दे को लेकर चीन की रणनीति आमतौर पर दबी ढंकी होत
भारत इस समय अपनी आज़ादी के बाद की चौथी आर्थिक सुस्ती के मु
ब्रिटेन में मुस्लिम विरोधी पूर्वाग्रह पहले ही एक बड़ी सम
आज के भारत के पास अपनी छोटी अर्थव्यवस्था और संरचनात्मक व �
भारत को चाहिए कि वो अपनी आर्थिक क्षमताओं का विकास करने के
समस्या का सबसे आसान समाधान तो ये होगा कि चीन अपनी कल्याणक�
हम इस महामारी के साथ लगभग छह महीने बिता चुके हैं. संभवत: अग�
चीन इस हालात से निपटकर साफ़-सुथरे बैलेंस शीट के साथ बाहर आ
भारत के कोरोना वायरस के प्रकोप से निपटने के तौर तरीक़ों क�
चीन से निपटने में हमें अभी 15-20 साल लगेंगे और उसकी तैयारी हम�