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भारत की आर्थिक कूटनीति में विविधता के पहलू!
मुनाफे का सार्वजनिक हित में इस्तेमाल: कंपनियों और समाज के बीच साझा मूल्यों का सृजन
भारत में जल प्रशासन का कायाकल्प: नई राष्ट्रीय जल नीति की दिशा में एक महत्वपूर्ण क़दम
एकीकृत जल संसाधन प्रबंधन से नदी की घाटी का विकास किस तरह से संभव?
भारत की उपभोक्ता अर्थव्यवस्था: हाल के बड़े आंकड़े क्या कहते हैं?
डेमोग्राफिक डिविडेंड यानी जनसंख्या के आधार पर मिलने वाले फायदों से कैसे लाभ उठायें?
अर्थव्यवस्था के कायापलट के लिए अंतरिम बजट
पर्यावरण: 'पानी' की क़ीमत
भारत में कार्बन बाज़ार: वैश्विक साझा लक्ष्यों की ओर बढ़ते स्थानीय क़दम!
भारत का यूपीआई बाज़ार: अलग-अलग जीडीपी परिदृश्यों के तहत होने वाले विकास का अनुमान
क्या नेपाल- भारत- बांग्लादेश (NIB) क्षेत्रीय आर्थिक गलियारे की एक नई मिसाल पेश कर सकते हैं?
वित्तपोषण से जुड़ी समस्याएँ: बिना जवाब के सवाल और अनदेखी समस्याएँ
कार्बन बॉर्डर एडजस्टमेंट की व्यवस्था: एक “अनुचित” परिवर्तन का प्रतीक?
नुकसान और पेनल्टी के लिए फंड की दिक्कतें: अनसुलझे सवाल और चिंताओं की अनदेखी
क्या NPOS का संशोधित ड्राफ्ट भारत में आंकड़ों को नए नज़रिए से देखने की शुरुआत है?
क्या चीन के विकास में साझेदारी वाले मॉडल को ‘बाज़ार के साम्राज्यवाद’ से ताक़त मिलती है?
कोल्ड कार्बन की अहमियत समझना: भारत में कोल्ड मेडिकल सप्लाई चेन को टिकाऊ बनाने की कम लागत वाली रूपरेखा
The India-UAE CEPA: मुक्त व्यापार समझौतों में भारत की दोबारा बढ़ती दिलचस्पी
SDG एजेंडे पर आधारित पर 10 ट्रिलियन डॉलर वाली भारतीय अर्थव्यवस्था की राह?
“किफ़ायत के विरोधाभास” पर फिर से गौर करना: समग्र विकास के दृष्टिकोण से भारत का केंद्रीय बजट 2022
COP 27 से उम्मीदें: हरित वित्त के ज़रिए हरित बदलाव का नया ख़ाका!
लाइफ़, डी-ग्रोथ व एसडीजी लक्ष्य और उसकी अवधारणा से जुड़ी कुछ मूलभूत चिंताएं!
SDGs में फाइनेंस मुहैय्या कराने के फ़ासले को दूर करना: G20 के लिए 10-सूत्रीय एजेंडा!
जलवायु अनुकूलन (एडैप्टेशन) के लिए फंड का इंतज़ाम: मुनाफ़े की सामाजिक और आर्थिक दरों में कैसे समानता लायें?
प्लैनेट यानी पृथ्वी में निवेश: भारतीय कॉरपोरेट्स को ESG सक्षम बनाने में जलवायु साक्षरता का महत्त्व!
एकीकृत जल संसाधन प्रबंधन: आख़िर कहां ग़लत साबित हो रहे हैं आलोचक?
भारत-बांग्लादेश जल संबंधी राजनीति: सुखद समझौते और विवादास्पद मुद्दे
Azadi Ka Amrit Mahotsav: भारत की विकास गाथा, विकासात्मक विरोधाभास और आर्थिक विकास की बदलती दृष्टि!
बद से बदतर होती स्थिति: भारत में यूज्ड कूकिंग ऑयल (यूसीओ) का बढ़ता ख़तरा
अमृत महोत्सव: वो 10 नीतियाँ, जिनकी वजह से निर्माण हो रहा है एक चिरस्थायी भारतवर्ष का!
विश्व जनसंख्या दिवस 2022: लचीले भविष्य के विकास के लिए एक नये आयाम का निर्माण!
बांध जो घरों को उजाड़ने का काम कर रहे हैं: विकास के लिये चुकाई जाने वाली ‘सामाजिक’ क़ीमत!
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच आर्थिक सहयोग का व्यापक समझौता (CECA): भारत के कृषि क्षेत्र को इससे क्या हासिल होगा?
The India-UAE CEPA: मुक्त व्यापार समझौतों में भारत की दोबारा बढ़ती दिलचस्पी
SDG एजेंडे पर आधारित पर 10 ट्रिलियन डॉलर वाली भारतीय अर्थव्यवस्था की राह?
“किफ़ायत के विरोधाभास” पर फिर से गौर करना: समग्र विकास के दृष्टिकोण से भारत का केंद्रीय बजट 2022
भारत में प्रस्तावित विकास वित्त संस्थान के संदर्भ विचार के कुछ बिंदू
सूखे से जूझ रहे पश्चिमी अमेरिका ने शुरू की पानी के ‘फ्यूचर मार्केट’ के अनुसार ख़रीद-फरोख़्त; क्या इससे राहत मिलेगी?
प्रकृति के मूल्यांकन का स्वभाव, मानक चिंताओं और सकारात्मक सिद्धांतों के बीच फंसी है!
इकोसिस्टम सेवाओं का सारांश: चॉकलेट के भंडार से जुड़े फ़ायदों पर स्टॉकिस्ट विचारधारा में सुधार लाना
इकोसिस्टम के पुनरुद्धार के लिए विकास की साझेदारियां: विश्व पर्यावरण दिवस पर एक नई चुनौती
विश्व बैंक को ईज़ ऑफ़ डुइंग बीजिंग रैंकिंग क्यों नहीं करनी चाहिए?
बंगाल के चुनावी युद्ध में चार घोषणापत्रों की कहानी: विकास का आयाम
दक्षिण एशिया में खाद्य सुरक्षा से संबंधित पारिस्थितिकी तंत्र (इको-सिस्टम) का प्रारूप
कमोडिटी ट्रांजैक्शन टैक्स को ख़त्म करना क्यों ज़रूरी है?
ब्रह्मपुत्र/यारलुंग सांगपो पर चीन का बांध: क्या भारत को चिंता करनी चाहिए?
भारत की आर्थिक प्रगति के संदर्भ में ‘ग्रीन ग्रोथ’ और अन्य आयामों का विश्लेषण
“ग़रीबों की GDP” के लिए पर्यावरण संरक्षण को हर किसी से जोड़ना होगा
लॉकडाउन के बाद के समाज को लेकर प्रोफ़ेसर अमर्त्य सेन के दावों की समीक्षा
डेल्टा पर ख़तरा: 2026 के गंगा जल बंटवारे से कुछ उम्मीदें
बिना भारत के आरसीईपी कितना प्रभावी?
तीस्ता जल बंटवारा: कुछ अनकहे तथ्य, कुछ दिलचस्प किस्से