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हमारे हरित भविष्य के लिए वित्तीय निवेश हासिल करने और नई त�
नेट-ज़ीरो के लक्ष्यों के साथ-साथ संक्रमण से जुड़ी विस्तृ�
भारत में कोयला आधारित विकास प्रणाली में परिवर्तन के लिए �
COP26 में यातायात से जुड़ी चर्चा पूरी तरह से इलेक्ट्रिक गाड़
विकसित दुनिया को ज़्यादा ज़िम्मेदारी लेने की ज़रूरत है औ
दुनिया के दक्षिणी हिस्से (ग्लोबल साउथ) को इसे और समावेशी ब
Cop26 को लेकर भारत द्वारा ली गई प्रतिज्ञाएं सराहनीय हैं लेकि
जलवायु परिवर्तन से निपटने के अपने प्रयासों में भारत जैसे
अब जब भारत ने 2070 तक नेट ज़ीरों को हासिल करने की प्रतिज्ञा क�
आने वाले दशक में विकास और समृद्धि हासिल करने के लिए हरित ब
क्या G-20 अपने सामने खड़ी चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार ह
COP26 जैसे आयोजनों की तैयारी काफी पहले शुरू की जाती है. इस बार
आज दुनिया में कार्बन की रोकथाम से जुड़ी ज़िम्मेदारियां द
जलवायु संकट के बीच COP26 से आशा की एक नई किरण जगी है. हालांकि अ�
विकसित ऊर्जा बाज़ारों के घटनाक्रमों से भारत के सामने ऊर्
विकसित ऊर्जा बाज़ारों के घटनाक्रमों से भारत के सामने ऊर्
दुनियाभर में लगातार बढ़ती और प्रबल होती तीव्र जलवायु संब
दुनिया में तीसरे सबसे ज़्यादा कार्बन उत्सर्जक देश के रूप
कार्बन उत्सर्जन कम करने के प्रयोगों के तौर पर भारत, दुनिय�
अब तक जिन वित्तीय उत्पादों की परिकल्पना की गई है, वो जलवाय
भारतीय बिजली व्यवस्था में आपूर्ति की विश्वसनीयता को सुन�
सबसे कमज़ोर और असुरक्षित तबके को साधने के लिए सतत विकास, ज
भारत जैसे जिन विकासशील देशों ने जियोइंजीनियरिंग पर रिसर�
नीतियों में व्यापक बदलाव के बावजूद, बिजली आपूर्ति करने व�
ऊर्जा के मोर्चे पर हालिया तकनीकी उन्नति से कम कार्बन वाल�
बिजली वितरण के क्षेत्र में सुधार के लिए RRRD के नाम से जो नई य
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2070 तक नेट ज़ीरो
प्रकृति पर आधारित समाधानों के तहत तीन प्रमुख स्तंभों पर �
जाने-माने अमेरिकी उद्यमी, निवेशक और सॉफ़्टवेयर इंजीनियर
ये बात ठीक है कि जलवायु परिवर्तन के मुद्दे से निपटने के तौ
अगर चीन में बिजली संकट बना रहा तो उसकी ग्रीन पॉलिसी खतरे म
आगामी COP26 सम्मेलन से पहले भारत को नेट जीरो इमिशन के लिए अपन�
भारत इलेक्ट्रिक गाड़ियों को बढ़ावा देकर अपनी सड़कों के क
क्वॉड देश एक महत्वपूर्ण क्षेत्रीय आर्क का हिस्सा हैं जिस
सीओपी-26 यानी साल 2021 के संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम�
दिल्ली की दीर्घावधि वायु प्रदूषण की समस्या और इससे निपटन
जलवायु परिवर्तन और ऊर्जा स्रोतों में बदलावों के हिसाब से
दुनिया भर में ई-मोबिलिटी के ज़रिए पर्यावरणीय और आर्थिक स�
हाइड्रोजन गैस के ज़रिये भारत क्लीन एनर्जी के उत्पादन में
भारत के औद्योगिक सेक्टर के विकास को देखते हुए देश के जलवा�
जलवायु परिवर्तन एक ऐसा मुद्दा है जो चीन और अन्य शक्तियों �
ईएसजी के समर्थन को लेकर इन दिनों सबसे अनुकूल परिस्थितिया
जलवायु के मोर्चे पर उपलब्धियां ऊर्जा के इस्तेमाल में कार
जब तक कार्बन पर नियंत्रण का उपाय नहीं निकलेगा तब तक विश्व
चीन को अपनी जलवायु योजना विस्तृत रूप से जारी करते समय और ब
सही ढंग से हरित विकास की ओर बदलाव के लिए ये महत्वपूर्ण है �
हरेक प्रयास, वायु प्रदूषण की सटीक और सामयिक जानकारी के सा�
दुनिया भर में 200 बड़े कॉरपोरेशन को मौसम की चरम घटनाओं को ले
माइक्रोसॉफ्ट जैसी कुछ कंपनियों ने कार्बन उत्सर्जन शून्�
हाइड्रोजन एक ज़्यादा विविध और इसलिए लोकतांत्रिक वैश्वि�