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जानकारों का कहना है कि अर्थव्यवस्था पर इन स्थितियों का क�
भारत दुनिया का दूसरा बड़ा फल और सब्ज़ी उत्पादक देश है. इनम
अनिश्चितता को देखते हुए बांग्लादेश की राजनीति के बारे मे
अब मेरी बारी है अपने भारतीय दोस्तों के बारे में चिंतित हो�
अब ये बात पता है कि इस वायरस के संक्रमण से मृत्यु की दर बहु�
जिस वक़्त दुनिया ज़िंदगी और मौत के भी संघर्ष देख रही है, उ�
अब चुनौती इस बात की है कि इससे भारत को मिले समय का अधिक से अ
कोरोना की दस्तक के साथ नई विश्व व्यवस्था का समय तो अवश्य आ
आंशिक रूप से लॉकडाउन ख़त्म करने से आर्थिक दर्द कुछ कम होग�
कहां, किस अवस्था में और कैसे लॉक डाउन खोलना है इसका निर्णय
इसके लिए असरदार नीतिगत क़दम यह होगा कि स्वास्थ्य सुविधाओ
अगर किसी छोटे समुदाय में सामुदायिक संक्रमण को मानव केंद्
दुनिया को पता है कि अमेरिका पहले से ही बाक़ी दुनिया से अलग
हर अव्यवस्था में एक अवसर होता है. उभरते हुए बाज़ार में कोव
एक बार जब हम इस संकट से बाहर आ जाएंगे तो हमें इस बात पर सोचन
हम अभी भी नहीं जानते कि कब, कहां और कैसे ये डर ख़त्म होगा. ल�
कोरोना वायरस से पैदा हुई महामारी ने वैश्विक समाज और प्रश�
सवाल है कि क्या कोरोना संकट के बाद जलवायु परिवर्तन के लिय�
आज दुनिया के एकमात्र महा-स्वाभाविक संगठन का आदर्श बुरी त�
सक्रिय रूप से टेस्ट, संक्रमण वाले इलाक़ों की पहचान करके व�
भारतीय नेतृत्व ने अभी तक बहुत अच्छा काम किया है लेकिन आगे
अंतरराष्ट्रीय संगठनों में चीन का बढ़ता दबदबा, विश्व राजन
इस विषय में एक राष्ट्रीय रणनीति बननी चाहिए, जो राज्यों को
सरकार, सामाजिक संगठन और आम जनता मिल कर ऐसा सघन और आपसी साम�
सबसे बुरी स्थिति की बात करें, तो अमेरिकी सीमाओं की लंबे सम
हो सकता है कि ऐसी परिस्थितियों के लिए इन दोनों देशों के चु
इस महामारी के कारण खुली सीमाओं और अर्थव्यवस्थाओं की मांग
ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि आपस में जुड़ी हुई दुनिया में क�
कोरोना वायरस का प्रकोप फैलने के साथ ही बहुत सी कंपनियां स�
चीन की सरकार ने ऐसी परिस्थितियां बनने से रोकने के लिए कई स
डॉक्टर अमेरिका के लोगों से अपनी-अपनी नाक और मुंह ढंकने की
भारतीय संघराज्यासाठी केंद्र-राज्य सहकार्य महत्त्वाचे असले तरी त्यांच्यातील स्पर्धा कमी करता येणार नाही.
कोविड-19 महामारी को फैले हुए दो साल हो गए हैं। इस महामारी की प्रकृति इतिहास की पिछली महामारियों से अलग नहीं है।
श्रीलंका, नॉर्वे आणि युगांडा मध्ये COVID-19 महामारी दरम्यान DHIS2 ओपन-सोर्स प्लॅटफॉर्म कसा वापरला गेला याचे विश्लेषण.
जिसे अब दुनिया ने ‘लॉकडाउन’ या तालाबंदी का नाम दिया है. तो ऐसे में किसी नए दशक की इससे बुरी और निराशाजनक शुरुआत क्या हो सकती है, जिसे चीन के लगातार प्रभाव बढ़ाते अनैतिक नेतृत
कोरोनाव्हायरस विरुद्धच्या लढ्यात, चुकीच्या माहितीच्या तितक्याच आव्हानात्मक समस्येला COVID-19 प्रतिसादाचा भाग म्हणून संबोधित करणे आवश्यक आहे.
साथीच्या रोगाच्या मानसिक प्रभावाने लोकांची असुरक्षितता आणि जगभरातील अतिरिक्त मानसिक आरोग्य समर्थनाची गरज अधोरेखित केली आहे.
यह संक्षिप्त विवरण विकास के लिए प्रभावी और ज़रूरी ग्लोबल गवर्नेंस के समक्ष आने वाली सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक पर चर्चा करता है, यानी संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्यो�
एक साधे, जलद, विश्वासार्ह आणि व्यावहारिक औषध वितरण वाहन म्हणून, अनुनासिक प्लॅटफॉर्म अतुलनीय परिणामकारकता प्रदान करते.
रेव्हकॉन अशा वेळी घडते जेव्हा आंतरराष्ट्रीय सुरक्षेचा संदर्भ अप्रत्याशित असतो आणि निरस्त्रीकरणाच्या मार्गासाठी अर्थपूर्ण संवाद आणि त्यानंतरच्या योजनांच्या अंमलबजा
कोविड-19 महामारी और भू-राजनीतिक उथल-पुथल से पैदा बाहरी झटकों ने आपूर्ति श्रृंखलाओं को बाधित किया है. इसके नतीजतन उत्पादन में देरी के साथ-साथ राष्ट्रीय सीमाओं के आर-पार आवश्य�
यह सारपत्र वैश्विक ऑनलाइन गेमिंग उद्योग की तीव्र वृद्धि और इसके परिणामस्वरूप साइबर ख़तरों में वृद्धि की पड़ताल करता है. सूक्ष्म लेन-देन (माइक्रोट्रांज़ैक्शन), धन शोधन (मन�
लहान मुले कोविड-19 च्या गुंतागुंतांना कमी संवेदनाक्षम असल्याने या वयोगटातील लसीकरणामुळे काही अडचणी निर्माण होतात.
कोविड-19 चा फैलाव आणखी रोखण्यासाठी एकाच प्रकारचे बूस्टर डोस देण्याचा निर्णय दीर्घकालीन उपाययोजनेच्या दृष्टीने योग्य आहे का ?
इसे कामयाब कहानी के तौर पर पेश किया जा रहा था लेकिन मई के मध्य में महामारी के अंत की घोषणा का बड़ी वजह सार्वजनिक वित्त है न कि सार्वजनिक स्वास्थ्य.
सदियों से सबसे ज़्यादा अफ़वाह इस बात को लेकर रही है कि बीमारी लेकर कौन कहां से आया. बीमारी हमेशा विदेशी रही है जो या तो ग़लत इरादे के साथ लाई गई है या विदेशी ज़मीन पर उसको रोकन
यूरोप और एशिया के मध्य वर्ष 2001 और 2022 के बीच कंटेनर ट्रैफिक में वार्षिक दर से औसत 4.4 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई, जबकि ट्रांस अटलांटिक समुद्री मार्ग पर 2 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई. �
वैश्विक अर्थव्यवस्था वर्तमान में लगातार बढ़ने वाले तीन संकटों का सामना कर रही है: पहला, ऋण का भारी बोझ (सरकारी और निजी); दूसरा, बार-बार होने वाली चरम मौसमी घटनाओं और जलवायु पर�