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अंतर्राष्ट्रीय क़ानून की अमेरिकी समझ और चीन की तरफ़ से उ�
अगर भारत अपनी सीमाओं पर मंडरा रहे ख़तरे और क्षेत्रीय व वै�
1950 से चीन भूटान के इलाक़े को अपने नक्शे में प्रकाशित कर रह�
अमेरिका के लिए ये ज़रूरी है कि वो भारत के साथ रिश्ते मज़बू
बड़ी ताक़त बनने की इच्छा रखने वाला भारत इकलौता ऐसा राष्ट�
आज चीन जिस तरह पूरी दुनिया के ख़िलाफ़ आक्रामक हो रहा है, उ�
लोकतांत्रिक देशों द्वारा एक बेलगाम होते देश के ख़िलाफ़ त
भारत की राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के प्रमुख सिद्धांत के तौ�
आज हम जिस दौर से गुज़र रहे हैं, उसमें दुनिया नए सिरे से ध्र�
यूरोप की शक्तियों को इस मौक़े का फ़ायदा उठाकर लीबिया की क�
सरकार संयुक्त उपक्रम में 74% से ज़्यादा विदेशी निवेश को ज़�
जो लड़ने की इच्छा रखता है, वो पहले इसकी क़ीमत समझे.
चूंकि इस पूरे क्षेत्र में भारत के सुरक्षात्मक हित जुड़े ह�
हमें कहा जा रहा है कि भारत के रणनीतिक हितों के लिए ईरान कि�
इस टिप्पणी के प्रकाशन के साथ ही भारत के ऑब्ज़र्वर रिसर्च �
लंबे समय से विश्व का जहाज़रानी उद्योग चीन की घरेलू मांग औ�
ऑक्सफ़ोर्ड पॉलिटिकल रिव्यू ने ORF के अध्यक्ष समीर सरन का इ�
चीन की जनता का मूड भांप पाना तो मुश्किल है. लेकिन, अगर हम इं
अब आगे जो भी होता है, लेकिन एक बात तय है कि दुनिया में आगे च�
चीन को लेकर नीतियां बनाने से पहले भारत को चाहिए कि वो अपने
केवल तीन महीनों में आए नाटकीय परिवर्तन ने अमेरिकी राजनीत
हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हमारे इंडस्ट्रीज़ दुनिया�
भारत की सुस्त अर्थव्यवस्था देश की रक्षा तैयारी पर असर डा�
पीएम मोदी की ‘हिंद-प्रशांत क्षेत्र पहल’ भी समुद्री क्षेत
अगर कोविड-19 के उपचार के लिए कोई टीका या दवा बनायी जानी है, त�
किसी भी सक्षम, योग्य और सुदृढ़ राष्ट्र को यह सुनिश्चित कर�
भारत हॉन्गकॉन्ग को लेकर अपने हर क्षेत्र की नीति की नए सिर�
गंगा जल बंटवारा समझौता 2026 में ख़त्म हो जाएगा. ये याद रखना च�
श्रीलंका के तमाम नेताओं की भीड़ में महिंदा राजपक्षे का क�
अपने भाषण में माइक पॉम्पियो ने चीन को लेकर ट्रंप प्रशासन �
“आप दोस्त बदल सकते हैं लेकिन पड़ोसी नहीं.” ये विचार आज भी �
वर्तमान में रक्षा पर ज़्यादा ख़र्च को प्रोत्साहन पैकेज की
बिम्सटेक (BIMSTEC) ऐसा अकेला मंच है, जो भारत के क़रीबी सामरिक क्
ज़ाम्बिया के लोगों को लगता है कि चीन उनके देश पर कब्ज़ा कर
आज ऐसा दौर है, जब विश्व में डेटा का प्रवाह, सामानों के व्या�
भारत को ऐसी शक्ति के डिजिटल और आर्थिक उत्थान में योगदान न�
भारत को चाहिए कि वो अपनी आर्थिक क्षमताओं का विकास करने के
2018 में शी जिनपिंग माओ की बराबरी पर पहुंच गए. ये वो मुकाम था, �
सीमाओं की अपनी ख़ुद की भाषा, आयाम और अलग नियम होते है. इसलिए
चीन से निपटने में हमें अभी 15-20 साल लगेंगे और उसकी तैयारी हम�
आज वैश्विक संस्थाओं में लोकतांत्रिक सुधार अति आवश्यक हो
विश्व व्यापार संगठन के नियम महामारी से परे नहीं हैं. यही क
आज ये सोच राजनीतिक बन गई है. जिस परियोजना का मक़सद दोनों द�
आत्मनिर्भर भारत विशेष आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज के ज़रिए �
ख़ुफ़िया जानकारियां जुटाने की नज़र से अमेरिका के लिए ओपन
लद्दाख की सीमा पर भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प
भारत और श्रीलंका के बीच तनातनी के ऐतिहासिक मसलों की विरा�
अमेरिका और उसके सहयोगी देशों को और ज़्यादा नेतृत्व दिखान
इस तरह से उथल-पुथल का समय जब आता है और ऐसे में जो सरकारें है
इतिहास उठा लीजिये हर महामारी की मार सर्वाधिक आम और गरीब त�