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जी-20 देशों ने ख़ुद को संयुक्त राष्ट्र संघ जैसा मंच बना लिय�
अफ्रीका में ढांचागत बदलाव का एक नया स्वरूप उभर रहा है. दर
वित्तमंत्री को तीन तरह के काम करने हैं. पहले तो उन्हें 2019 क�
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप और घरेलू नीतियों को नापसंद कर�
ब्रिटिश सरकार ने आखिर स्वंय के द्वारा अतीत में की गईं ज़्य�
भारत में वर्ष 2018 के दौरान सौर फोटोवोल्टिक (पीवी) सेक्टर म�
अपेक्षित पैकेज पेश करने के लिए अब भी पर्याप्त समय है।
भारत में उपलब्ध राज्य वार आंकड़ों के रेखीय प्रतिगमन विश्
आर्थिक मोर्चे पर चीन के अच्छे प्रदर्शन को लेकर कोई भी सं�
बीजिंग का रुख व्यावहारिक दिख रहा है, जो उसके लिए जरूरी भी �
अमीर और ग़रीब के बीच की बड़ी खाई को कम करना सरकार के लिए एक
2015 में यूएनएफसीसीसी के पैरिस समझौते के तहत जलवायु परिवर्�
यदि मुंबई महानगर (एमसीजीएम) के नगर निगम के कार्यों और वित्
भारत अमेरिका ही नहीं, अन्य किसी भी निर्यात बाजार में चीन क
इतिहास गवाह है कि संरक्षणवाद (घरेलू इंडस्ट्रीज़ को नुकस
अफ़्रीका में ट्रेंड बदल रहा है। जहां पूर्वी अफ़्रीका सत्
क्या है जो इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक (IPPB) को इंडिया पोस्ट से
प्रतिबन्ध किसी भी तरह की भूराजनीतिक चुनौती के लिए पश्चिम
आख़िरकार एक वैश्विक व्यापर युद्ध को लेकर बन रहा अनिश्चितत
हर एक जगह की अपनी खासियत है, सब अपनी जगह बना सकते हैं। सभी द
राज्यों और स्थानीय निकायों के बीच राज्य वित्त आयोग (एसए�
नीतिगत उपायों की तुलना में बाजार तंत्र अथवा बाजार की ताक�
बेहतर शहरी प्रबंधन के लिए भारत में वित्तीय संसाधनों का ह�
क्या पंचायतों को वाकई स्वशासित संस्थाएं कहा जा सकता है? क�
चीन की विकास संबंधी कूटनीति न सिर्फ वित्त के वैकल्पिक स्�
एक बड़ा आइडिया जो वित्तीय क्षेत्र में जारी समस्त बहसों �
सही तरह के मापन-योग्य लक्ष्य आधारित प्रोत्साहन (वित्तीय �
पाकिस्तान इस बात को लेकर सचेत है कि उसके वायदे उस समय खोखल
भारतीय बैंकों को फंसे कर्जों से जुड़ी जिस गंभीर समस्या �
भारत रत्न एवं आभूषण, मोटर वाहनों के कलपुर्जों और सेवाओं क�
आने वाले दिनों में भारत की आर्थिक उन्नति ही विश्व में उसक�
एफआरडीआई विधेयक विनियामकों एवं सरकार को वित्तीय संस्था�
ड्रैगन का अभ्युदय आधिकारिक तौर पर हो गया है। लेकिन जैसे
हालांकि यह सरकारी खजाने पर बड़ा बोझ होगा, लेकिन समय आ गया �
चीन से अफ्रीका को विशेषकर विनिर्मित वस्तुओं के निर्यात
वित्त वर्ष 2017 के लिए आईएमएफ का विकास अनुमान थोड़ा आशावादी
अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय ढांचे में सुधार का काम सही मायने
आर्थिक दमन के औज़ार के रूप में राष्ट्रवाद अब असरदार नहीं �
भारत में डिजिटल भुगतान प्रणालियों के विस्तार के साथ गोपन
बात इतनी नहीं है कि पैसे की मात्रा कितनी है यां आंकड़ों क
बात इतनी नहीं है कि पैसे की मात्रा कितनी है यां आंकड़ों क
व्यापार और निवेश नीति को काफी हद तक व्यावसायिकता या व्या�
डिजिटल लेन-देन का स्तर किस हद तक अंतर्निहित या वास्तविक �
डिजिटल लेन-देन का स्तर किस हद तक अंतर्निहित या वास्तविक �
यह भारत के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है कि वह अब और भी अधिक ब�
हो सकता है कि ये चुनाव सुधार अपने-आप में अत्यं त साहसिक एव�
ऐसा लगता है कि कई अन्य देशों की तरह जर्मनी में भी संघर्ष व�
काले धन पर घातक प्रहार करने का यह सुनहरा मौका है। इसके लिए