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अफ्रीकी देश प्रतिस्पर्धा और सहयोग के नियमों को नए सिरे स�
बाइडेन ने ऐलान किया कि जब रूस के ख़िलाफ़ आरोप साबित हैं तो
अर्दोआन मुस्लिम देशों के नाम पर, एक राष्ट्र के तौर पर तुर्
चीन के बढ़ते क्षेत्रीय दबदबे के साथ, ‘आसियान केंद्रीयता’
इसमें ख़ास बात यह है कि मध्य-पूर्व की, जिओ-पॉलिटिक्स में व�
चीन के निवेश की एक भारी कमी ये है कि चीन जिस देश में निवेश क
आने वाले समय में जो नई विश्व व्यवस्था बनेगी, उसमें सिर्फ़
ध्यान देने वाली बात यह है कि चीन यूरोपीय संघ के लिए एक साझ�
सुरक्षा की दृष्टि से भारत की नज़र में चीन बुनियादी ख़तरा �
चीन की ओर से लगातार बनाए जा रहे इस दबाव के चलते, वर्तमान मे�
अभी रूस का अफ़्रीका की ऊर्जा मार्केट में छह फ़ीसद हिस्से�
शिंज़ो आबे ने जापान के एक ऐसे नेता के तौर पर प्रधानमंत्री
अमेरिकी नीतियों में अपने सहयोगियों पर रणनीतिक अनिश्चित�
चीन के स्टेट काउंसलर वांग यी ने उसी के साथ अत्यंत सरलता से
दो प्रमुख वैश्विक समुद्री और भू-राजनीतिक संकरे रास्ते अन
यदि यूएई को भी एफ-35 विमान अमेरिका से मिल जाते तो रक्षा उपकर
साफ़ है कि पाकिस्तान के हुक्मरान, सऊदी अरब में किसी ऐसे शख
यह कहा जा सकता है कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र आगामी दशक में चौ
ट्रंप प्रशासन द्वारा संघातिक चोट देने के लिए चीन की कम्य�
आज भारत के पास ये अवसर है कि चीन के साथ सीमा विवाद के दौरान
इसमें कोई दो राय नहीं है कि कोविड-19 के बाद के दौर में चीन, पड
ट्रंप प्रशासन चीन के साथ संबंधों को जिस तरह निभा रहा है और
ऐसी ख़बरें हैं कि इज़राइल ने क़तर से भी नज़दीकी बढ़ाने की
आज दुनिया में एक उबाल आया हैं न सिर्फ़ कोविड-19 का बल्कि हम औ�
आने वाले वर्षों में उत्तरी हिंद महासागर में चीन की नौसेन�
वास्तव में अगर हम चाहते हैं कि यह जो ओपन डेमोक्रेटिक वर्ल�
अभी ये देखना बाक़ी है कि शांति प्रक्रिया कैसे आगे बढ़ती ह�
आज हम जिस दौर से गुज़र रहे हैं, उसमें दुनिया नए सिरे से ध्र�
जो लड़ने की इच्छा रखता है, वो पहले इसकी क़ीमत समझे.
हमें कहा जा रहा है कि भारत के रणनीतिक हितों के लिए ईरान कि�
इस टिप्पणी के प्रकाशन के साथ ही भारत के ऑब्ज़र्वर रिसर्च �
चीन को लेकर नीतियां बनाने से पहले भारत को चाहिए कि वो अपने
भारत संरचनात्मक रूप से दुनिया की सबसे तेज़ी से विकसित हो �
भारत हॉन्गकॉन्ग को लेकर अपने हर क्षेत्र की नीति की नए सिर�
“आप दोस्त बदल सकते हैं लेकिन पड़ोसी नहीं.” ये विचार आज भी �
ऐसे समय में भारत और चीन के बीच सीमा पर सैन्य टकराव चल रहा ह�
ज़ाम्बिया के लोगों को लगता है कि चीन उनके देश पर कब्ज़ा कर
किसी भी मुद्दे को लेकर चीन की रणनीति आमतौर पर दबी ढंकी होत
मौजूदा इतिहास में पहली बार लगता है कि अमेरिका का आधिपत्य �
इतिहास उठा लीजिये हर महामारी की मार सर्वाधिक आम और गरीब त�
आज भारत को एक ऐसे देश से चुनौती मिल रही है, जिसके नेतृत्व क�
जिस तेज़ी और साफ़-सुथरे तरीक़े से ये बदलाव शुरू हुए हैं उस
पूंजीवाद और नव-उदारवाद का दोष निकाला जा सकता है लेकिन उसक�
दुनिया भर के राष्ट्र स्वाभाविक तौर पर अपनी वैश्विक आपूर्
उम्मीद करनी चाहिए कि अगली बार जब चीन बहुपक्षीय मंचों पर अ�
कोरोना की दस्तक के साथ नई विश्व व्यवस्था का समय तो अवश्य आ
मानवता के इस महासंकट के समय सबसे बड़ी कमी जो हम देख रहे है�
आज ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड और हिज़्बुल्लाह आपसी तालम�
वह देश जो दुनिया के सबसे घातक वायरस का स्रोत था, उसे अब अधि�
तुर्की और रूस के आपस में बड़े मज़बूत आर्थिक संबंध और अमेरिक�