Author : Abhishek Mishra

Published on Dec 01, 2020 Updated 0 Hours ago

अफ्रीकी देश प्रतिस्पर्धा और सहयोग के नियमों को नए सिरे से परिभाषित कर रहे हैं और इस क्षेत्र में विकसित व उभरते देशों के साथ घनिष्ठ साझेदारी कर रहे हैं

प्रवासियों की महत्वकांक्षाएं – अफ्रीकी समुदाय को लेकर बाइडेन की पहल

अफ्रीकी महाद्वीप का राजनीतिक और आर्थिक परिदृश्य, जनसांख्यिकीय, भू-रणनीतिक और तकनीकी विकास की तेज़ गति के कारण गहन बदलावों के दौर से गुज़र रहा है. इसके चलते, अफ्रीकी देश प्रतिस्पर्धा और सहयोग के नियमों को नए सिरे से परिभाषित कर रहे हैं और इस क्षेत्र में विकसित व उभरते देशों के साथ घनिष्ठ साझेदारी कर रहे हैं. संयुक्त राज्य अमेरिका भले ही अफ्रीकी देशों के लिए एक महत्वपूर्ण व्यापार और निवेश भागीदार हैं, लेकिन वह अफ्रीकी देशों की गतिशीलता और विकासशील आकांक्षाओं को साधने और उन्हें बनाए रखने में विफल रहा है.

अफ्रीका में चीन के साथ कड़ी प्रतिस्पर्धा करने को लेकर अमेरिका की ‘मिलिट्री फर्स्ट’ व ‘ज़ीरो-सम’ नीति सबसे बेहतर नहीं रही है. कई बार, अमेरिका ने खुद उन मूल्यों का ह्रास किया है जिन्हें वह विदेशों में बढ़ावा देना चाहता था यानी, कानून और लोकतांत्रिक मानदंडों का शासन.

संयुक्त राज्य अमेरिका भले ही अफ्रीकी देशों के लिए एक महत्वपूर्ण व्यापार और निवेश भागीदार हैं, लेकिन वह अफ्रीकी देशों की गतिशीलता और विकासशील आकांक्षाओं को साधने और उन्हें बनाए रखने में विफल रहा है. 

अब जो बाइडेन की चुनावी जीत के साथ, उनके प्रशासन के पास अमेरिकी विदेश नीति के पुनर्गठन व  पुन:संयोजन का अवसर है, एक ऐसी रणनीति के रुप में, जो अफ्रीकी जनता और अभिजात वर्ग दोनों की आकांक्षाओं, मूल्यों और विकास प्राथमिकताओं के साथ संयुक्त रूप से तालमेल बिठा सके.

चुनावों के लिए, बाइडेन के अभियान ने विशेष रूप से अफ्रीकी प्रवासी समुदाय पर ध्यान केंद्रित किया और अपने चुनावी घोषणा-पत्र के अंतर्गत, “बाइडेन-हैरिस एजेंडा फॉर डायसपोरा” प्रकाशित किया. यह दस्तावेज़ न केवल प्रवासियों के बीच पारिवारिक मूल्यों, जैसे परिवार, अवसर, और अमेरिकी विकास और समृद्धि में योगदान की इच्छा को रेखांकित करते हैं बल्कि, संयुक्त राज्य अमेरिका में अफ्रीकी नागरिकों के लिए आप्रवासन या देशांतरण और अफ्रीका के प्रति अमेरिकी नीति जैसे मुद्दों पर भी ध्यान देता है. आप्रवासन पर, बाइडेन प्रशासन ने परिवार के एकीकरण, विविधता और अमेरिका को उनके लिए एक ‘शरणगाह’ की जगह के रूप में, फिर से स्थापित करने के प्रति प्रतिबद्धता दिखाई है.

सोच-समझ कर कर रहे हैं वादे

अफ्रीका के साथ अमेरिकी संबंधों को लेकर, बाइडेन प्रशासन ने अफ्रीकी लोकतंत्र और आर्थिक विकास के लिए अमेरिकी समर्थन को दोहराया, और राष्ट्रपति ओबामा के लोकप्रिय ‘यंग एफ्रीकन लीडर्स इनिशिएटिव’ की निरंतरता का समर्थन किया है. हालांकि, बाइडेन का अभियान इस बात को लेकर सावधान रहा है कि ऐसे वादे न किए जाएं जिन्हें पूरा करना कठिन हो. उन्होंने न तो अफ्रीका को अमेरिका की ओर से दी जा रही आर्थिक सहायता व विकास पर हो रहे अमेरिकी संघीय खर्च में वृद्धि का उल्लेख किया, न ही अफ्रीका की सुरक्षा चुनौतियों में अमेरिकी भागीदारी को गहरा करने को लेकर प्रतिबद्धता जताई.

उन्होंने न तो अफ्रीका को अमेरिका की ओर से दी जा रही आर्थिक सहायता व विकास पर हो रहे अमेरिकी संघीय खर्च में वृद्धि का उल्लेख किया, न ही अफ्रीका की सुरक्षा चुनौतियों में अमेरिकी भागीदारी को गहरा करने को लेकर प्रतिबद्धता जताई. 

आगे आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि राष्ट्रपति बाइडेन प्रमुख नियुक्तियों जैसे कि सचिव, अफ्रीका के सहायक राज्य सचिव, और यूएस एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (यूएसएआईडी) के प्रशासक के तौर पर किन व्यक्तियों का चुनाव करते हैं.

अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में जो बाइडेन का कार्यकाल निश्चित रूप से अफ्रीका के लिए एक राहत की बात है, क्योंकि राजनयिक और सहायता क्षेत्र में अमेरिकी मदद खासतौर पर, नौकरियों, स्वास्थ्य, बुनियादी ढांचे, अप्रवास, शिक्षा, जलवायु परिवर्तन, और मानवाधिकारों के संबंध में, अफ्रीकी जनता से सबसे अधिक समर्थन प्राप्त करेगी, और अमेरिका को अफ्रीकी महाद्वीप पर अधिक प्रतिस्पर्धी व प्रभुत्वशाली बनाएगी.

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