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अब जब “आतंकवाद के विरुद्ध युद्ध” संपन्न हो चुका है, भारत क
संगठन को पूरी तरह अपंग होने से बचाने के लिए सार्क से अफ़ग़
बच्चों के विकास के मामले में दक्षिण एशिया के सूचकांक बेह�
इस नई जियोपॉलिटिकल हक़ीक़त को लेकर भारत के द्वीपीय पड़ोस
तालिबान के हाथों काबुल का धराशायी होना समसामयिक इतिहास म
अफ़ग़ानिस्तान के पतन के लिए बाइडेन ही जिम्मेदार हैं. अक्�
साम्राज्यों का क़ब्रिस्तान कहे जाने वाले अफ़ग़ानिस्तान
उज़्बेकिस्तान के लिए ज़रूरी है कि वो पड़ोस के क्षेत्र मे�
अब नेपाल में भी हालात बेहद चिंताजनक बनते जा रहे हैं, क्यों
चीन दक्षिण एशिया से हाल फिलहाल में नहीं निकलेगा. ऐसे में भ
जलवायु परिवर्तन से प्रेरित प्राकृतिक आपदाओं का दक्षिण ए�
पूर्वोत्तर का इलाक़ा न सिर्फ़ आसियान के सदस्य देशों बल्क
इंसानी आर्थिक महत्वाकांक्षाओं ने कुदरती पारिस्थितिकी त
विदेश नीति के मोर्चे पर दोनों देशों के रिश्तों को एक नई दि
अफ़ग़ानिस्तान और श्रीलंका के बीच बौद्ध धर्म, इस्लाम और ह�
बाइडेन भी हालांकि अफ़ग़ान शांति प्रक्रिया का समर्थन करत�
दक्षिण एशिया में श्रीलंका- हिंद महासागर में अपनी ख़ास भौ�
अफ़ग़ान-पाक के लिए बीजिंग के दृष्टिकोण को दक्षिण एशिया औ�
ऐसा लगता है कि अपना नज़रिया बढ़ाते हुए और दक्षिण एशिया की
अपनी-अपनी अर्थव्यवस्था को सावधानीपूर्वक खड़ा करना होगा �
दक्षिण एशिया में सॉफ्ट पावर ने प्रतिशोध की ऐसी आशंका पैद�
इस समझौते से अफ़ग़ानिस्तान में तैनात अमेरिका और नैटो देश
यात्रा से भारत द्वारा बांग्लादेश को दिया जाने वाला महत्व
राजनीतिक इतिहास रचते हुए महिंदा राजपक्षे ने श्रीलंका मे�
रणनीतिक मामलों पर भारत द्वारा एकतरफ़ा फैसले लिए जाने को �
अब जबकि जातीय दल ““गठबंधन बना रहे हैं और मजबूत हो रहे हैं”
बिम्सटेक (BIMSTEC) ऐसा अकेला मंच है, जो भारत के क़रीबी सामरिक क्
भारत और श्रीलंका के बीच तनातनी के ऐतिहासिक मसलों की विरा�
चीनी घोटाले की रिपोर्ट में जिन लोगों का नाम है, उनमें से ए�
पड़ोसी देशों के प्रति भारत के सक्रिय भूमिका निभाने से अन�
आंतरिक सुरक्षा और अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर और भरोसे के स
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण से देखें तो अमेर�
पाकिस्तान के आवाम को चाहिए कि वो अपने हुक्मरानों से पूछे �
अनेक देशों के राजनीतिक परिदृश्य को नया आकार देने में चीन �
आर्कटिक में महान शक्तियों के बीच टकराव कम करने में ‘छोटे�
भारत दक्षिण एशिया में नेतृत्व की भूमिका निभाने के लिए द्�
भारत को दक्षिण एशिया से आयात के ख़िलाफ़ भेदभाव क्यों करन�
उदारवाद का आकर्षण दक्षिण एशिया में व्यापक रूप से धूमिल प�
हिन्द महासागर में चीन की सभी पहलों, उसके सामरिक मंसूबों औ�
दक्षिण एशिया में भारत और चीन के बीच प्रतिद्वंद्विता बढ़न
दक्षिण एशिया में अंतरराष्ट्रीय संबंधों (आईआर) की उत्पत्त
भारत-रूस संबंधों में मौजूद खामियों को दूर करने का सामर्थ�
क्षेत्र के नेताओं में राजनीतिक इच्छा शक्ति के अभाव के का�
चीन जिस तरह दक्षिण एशिया में अपना दखल बढ़ा रहा है और हिंद �
रूस के अमेरिका के साथ प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार होने के �
उभरते अंतरराष्ट्रीय ख़तरों एवं जनभावना के बढ़ते प्रभाव की वजह से अब युद्ध क्षेत्र भी तेजी से बदल रहा है. ऐसे में सैन्य कूटनीति में भी बदलाव आ गया है. आज पारंपरिक संघर्ष अथवा
India US Relations अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन हाल के दिनों में कई बार भारत और पीएम नरेंद्र मोदी की तारीफ कर चुके हैं. ऐसे में यह सवाल उठता है कि बाइडेन की इस तारीफ के कूटनीतिक मायने क
इसमें कोई संदेह नहीं कि द्विपक्षीय संबंधों में आगे की राह पथरीली लग रही है, लेकिन इन दोनों पड़ोसियों को इससे पार पाने की कोई युक्ति खोजनी ही होगी, क्योंकि दक्षिण एशिया के भव�
हाशिए पर बैठी आबादी को शक्ति प्रदान करने वाली विध्वंसक संचार प्रौद्योगिकियां वैश्विक गतिविज्ञान को आकार देने में सहायक साबित हो रही हैं. ये प्रौद्योगिकियां जनता की नज़र�