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चीन के कूटनीतिक पंडित इस बात पर गहरी नज़र बनाए हुए हैं कि �
कुटनीतीबाबत ट्रम्प यांचा व्यवहारात्मक दृष्टीकोन आणि द्
ट्रंप की जीत से अमेरिका की घरेलू और अंतरराष्ट्रीय नीति म�
भारत द्वारा अधिक स्वायत्तता भरा रुख़ अपनाने के बावजूद, अ�
सुरक्षा से लेकर भू-राजनीति तक, अर्थव्यवस्था से व्यापार क�
भारत आणि अमेरिका यांच्यात नुकत्याच झालेल्या MQ-9B ड्रोन कर�
भारत और अमेरिका के बीच हाल ही में हुए MQ-9B ड्रोन ख़रीद समझौत�
बायडेन यांच्या कार्यकाळात भारत-अमेरिका संबंध अधिक दृढ झ�
बाइडेन के राष्ट्रपति रहते हुए भारत-अमेरिका के संबंधों मे
कारगिल संघर्ष आणि भारताची झपाट्याने होणारी आर्थिक प्रग�
पिछले दिनों आयोजित क्वॉड के विदेश मंत्रियों की बैठक क्वॉ
करगिल संघर्ष और भारत की तेज़ आर्थिक वृद्धि की वजह से भारत-
जब पश्चिमी देश विदेश नीति को लेकर भारत की सामरिक स्वायत्�
भारत और अमेरिका के बीच सामरिक मेलजोल कमज़ोर हो सकता है क्�
अमेरिका के साथ मज़बूत रिश्ते भारत को अपने हितों का पूरी त�
आज अमेरिका और भारत वास्तविक अर्थों में रणनीतिक साझेदार ह
पिछले दो दशक के दौरान भारत-अमेरिका के बीच संबंध का लगभग हर
जिसे कभी असंभव रिश्ता कहा जाता था, उस सोच को ग़लत ठहराते ह�
हाल ही में अमेरिकी सीनेट के इंडिया कॉकस के सह-अध्यक्ष मार�
इस विश्लेषण में हमने दोध्रुवीय दुनिया से लेकर बहुध्रुवी�
आज अमेरिका और भारत वास्तविक अर्थों में रणनीतिक साझेदार ह
पिछले दो दशक के दौरान भारत-अमेरिका के बीच संबंध का लगभग हर
वॉशिंगटन और नई दिल्ली को समूह की सफ़लता के लिए कुछ मुख्य म
यहां सवाल उठता है कि आख़िर देश के भविष्य से असल सरोकार रखन
बाइडेन ने भी ट्रंप की वह पॉलिसी जारी रखी है, जिसमें भारत क�
अमेरिका को वैश्विक स्तर पर भारत के रक्षा संबंधों, वाणिज्�
एक स्पष्ट अंतरराष्ट्रीयतावादी के रूप में एंटनी ब्लिंके�
अमेरिका के पतन को लेकर छिड़ी चर्चा और विमर्श के बीच, जिस त�
भारत ने अमेरिका के साथ रक्षा सहयोग के सभी चार बुनियादी सम�
अब जबकि भारत और अमेरिका के बीच बड़े मसलों पर सहमति अटक गई �
आंतरिक सुरक्षा और अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर और भरोसे के स
दोनों ही पक्ष आपसी संबंध के विवादों पर हंगामे को ख़त्म कर�
ये बात सच है कि पिछले कुछ समय में ट्रंप प्रशासन ने कई मुद्�
भारत की अर्थव्यवस्था इस सदी के मध्य तक अमेरिका से बड़ी हो
ऐसी उम्मीद है कि ट्रम्प भारत-अमेरिका साझीदारी को नई ऊंचा�
सवाल यह नहीं है कि इस प्रकरण से भारत और अमेरिका के आपसी संबंधों पर नकारात्मक असर पड़ेगा या नहीं. अमेरिका के रवैये को देखते हुए इसकी संभावना नहीं है. लेकिन इससे भारत की प्रतिष
दीर्घ काळ चालणारे नाते एकरूप होत आहे.
भारत आणि अमेरिका यांच्यातील संबंध अधिक दृढ झालेले आहेत. त्यामुळे प्रादेशिक अडथळ्यांना तोंड देत भारताचे हित केंद्रस्थानी ठेवून अधिक सक्रिय जागतिक पातळीवर भूमिका घेण्या
भारत आणि पाकिस्तान यांच्यात अलिकडच्या काळात झालेल्या तणावामुळे अमेरिकेच्याही शस्त्रास्त्र निर्यात धोरणावर भलेमोठे प्रश्नचिन्ह निर्माण झाले.
पोखरण-२ अणुचाचणीनंतर परस्परांपासून दुरावलेल्या भारत आणि अमेरिकेतील संबंधींना आज बराच लांबचा पल्ला गाठला आहे.
अब सवाल यह है कि इन लोगों को यहां कैसे समायोजित किया जाएगा? इनके लिए शायद ही कोई विशेष नीति बने
भारत आणि अमेरिका या उभय देशांमधील संबंधांबाबतच्या गेल्या अनेक महिन्यांतील नकारात्मक बातम्यांनंतर पंतप्रधान नरेंद्र मोदी यांचा दोन आठवड्यांपूर्वी झालेला अमेरिकी दौ
भारत-अमेरिका संबंध दृढ व्हावेत या दृष्टीने ट्रम्प दौ-याकडे पाहिले पाहिजे. दोन्ही देशात झालेल्या करारांवर नजर टाकली, तर ही संधी साधली गेल्याचे स्पष्ट होते.
अच्छी बात यह भी है कि दोनों देशों ने 'मिशन-500' का लक्ष्य बनाया है, जिसका अर्थ है- 2030 तक द्विपक्षीय कारोबार को 500 अरब डॉलर तक ले जाना.
अमेरिका ने भारत को अत्याधुनिक रक्षा तकनीक और तेल एवं गैस के साथ ही अन्य उभरती हुई प्रौद्योगिकियों की जो पेशकश की है, उससे व्यापारिक संबंधों को नया आयाम मिलेगा.