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ट्रंप ने जो व्यापक टैरिफ लगाए हैं वो वैश्विक व्यापार को ल�
2025 में ग्लोबल साउथ और ग्लोबल ईस्ट अपनी संप्रभुता पर ज़ोर द
तकनीकी निगरानी में प्रगति के बावजूद प्रमुख जासूसी के अड्
कई पश्चिमी देश भी जी-7 और क्वाड जैसे मंचों के माध्यम से भार�
अमेरिका और चीन-रूस के गठबंधन के बीच मुक़ाबला तेज़ होता जा
पश्चिमी देशों के नेतृत्व में लड़खड़ाती अंतर्राष्ट्रीय �
भले ही अंतरराष्ट्रीय क़ानून को पारंपरिक तरीक़े से लागू न
बहुध्रुवीय प्रतिस्पर्धा वाली वर्तमान विश्व व्यवस्था मे
आज जब दुनिया शीत युद्ध 2.0 से तालमेल बिठाने की कोशिश कर रही �
चूंकि नियमों पर आधारित विश्व व्यवस्था को बनाए रखने में अ�
भूटान को एहसास हो गया है कि अब वो ज़्यादा समय तक अपने उत्त�
पिछले एक दशक के दौरान चीन की आर्थिक समस्याओं, घरेलू स्तर प
जैसा कि नई दिल्ली और मॉस्को अपनी विविध चुनौतियों और वैश्�
जैसा कि नई दिल्ली और मॉस्को अपनी विविध चुनौतियों और वैश्�
बदलती विश्व व्यवस्था और साउथ चाइना सी में चीन की बढ़ती घु�
आक्रामक चीन का ख़तरा जर्मनी के भू-राजनीतिक प्रभाव और दबद�
पिछले कुछ महीनों में चली G20 की प्रक्रिया ही दरअसल वह चीज है
भारत, चीन और पश्चिमी देशों की तरफ़ से श्रीलंका संकट को लेक
नए वैश्विक ढांचे में भारत की बढ़ती भूमिका को देखते हुए अं�
पिछले दो दशक के दौरान भारत-अमेरिका के बीच संबंध का लगभग हर
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष के रूप में भारत
पिछले कुछ वर्षों के दौरान भारत की विदेश नीति के लक्ष्यों �
भारत बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था में उभरते ध्रुव की तरह ख़
बदलते भू-राजनीतिक समीकरणों, उभरती बहुध्रुवीयता और यूरोप
महाशक्तियों के टकराव से त्रस्त विश्व, साल भर बाद अब रूस जी
वैसे G20 में ग्लोबल अजेंडा को नया स्वरूप देने की भारत की कोश
रूसी और चीनी आक्रामकता के बीच, अमेरिका ने विश्व व्यवस्था �
बदलती विश्व व्यवस्था ने ईरान के लिए शंघाई सहयोग संगठन के �
बदलती विश्व व्यवस्था ने ईरान के लिए शंघाई सहयोग संगठन के �
रूसी और चीनी आक्रामकता के बीच, अमेरिका ने विश्व व्यवस्था �
यूक्रेन में खिंचते जा रहे भयंकर युद्ध के दौरान रूस, चीन और
आज जब बड़ी ताक़तों के बीच मुक़ाबला रफ़्तार पकड़ रहा है, तो
आज जब बड़ी ताक़तों के बीच मुक़ाबला रफ़्तार पकड़ रहा है, तो
भारत, चीन और पश्चिमी देशों की तरफ़ से श्रीलंका संकट को लेक
नए वैश्विक ढांचे में भारत की बढ़ती भूमिका को देखते हुए अं�
पिछले दो दशक के दौरान भारत-अमेरिका के बीच संबंध का लगभग हर
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष के रूप में भारत
एक स्थायी और स्पष्ट अंतर्राष्ट्रीय संबंध की प्रणाली के ल
अब जबकि G7 देश नियमों पर आधारित विश्व व्यवस्था के लिए ज़ोर �
वैक्सीन बनाने को लेकर भारत की क्षमता के आलोक में ये देखना
एयू ने ये दर्शाया है कि 21वीं सदी का अफ्रीका अपनी समस्याओं �
आज जब वैश्विक व्यवस्था उठा-पटक के दौर से गुज़र रही है, तो ब�
हम एक नई विश्व व्यवस्था का उदय होते देखेंगे, जो राष्ट्रीय
हम राष्ट्रीय हित, साझेदारों की विश्वसनीयता और निश्चित रू
दुनिया के भविष्य के लिए यूरोप किस हद तक अहम है ? यूरोपवासी �
वास्तव में संयुक्त राष्ट्र की प्रतिक्रिया, प्रक्रिया और
आने वाले समय में जो नई विश्व व्यवस्था बनेगी, उसमें सिर्फ़
एक कमजोर लचर और लाचार हो चुकी तंत्र व्यवस्था की पतंगबाज़�