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भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण र�
चीन-पाकिस्तान संबंधों में दरार की वजह पाकिस्तान का ऋण है.
वैसे तो मुइज़्ज़ू मालदीव-भारत के बीच सामान्य समीकरण की व�
भारत को यह सुनिश्चित करना होगा कि रूस के रुख में एक संतुलन
भले ही भूटान भारतीय हितों की सुरक्षा को लेकर सतर्क रहे, भा
भारत को यह सुनिश्चित करना होगा कि रूस के रुख में एक संतुलन
चीन और तालिबान दोनों द्विपक्षीय संपर्कों के ज़रिए अपने ह
चीन और तालिबान दोनों द्विपक्षीय संपर्कों के ज़रिए अपने ह
अरब लीग ने जिस तरह सीरिया की वापसी को हरी झंडी दिखाई है, उस�
दोनों देशों के लिए ये समझदारी का काम होगा कि वो नवीकरणीय ऊ
1990 के दशक से व्यापारिक संबंधों में बढ़ोतरी के साथ भारत-ईयू
२०२१ साली ब्रिटिश सरकारने केलेल्या एकात्मिक पुनरावलोकन
शांति वार्ता की प्रगति के बीच सीमावर्ती इलाकों में चल रह�
शांति वार्ता की प्रगति के बीच सीमावर्ती इलाकों में चल रह�
वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री पद संभालने के बाद नरेंद्र मोदी क�
दोनों देशों के लिए ये समझदारी का काम होगा कि वो नवीकरणीय ऊ
1990 के दशक से व्यापारिक संबंधों में बढ़ोतरी के साथ भारत-ईयू
भारत और रूस के द्विपक्षीय रिश्तों में सक्रिय तौर पर किसी �
पिछले कुछ वर्षों में भारत और फ्रांस के रिश्तों में बहुत म�
चीन और पाकिस्तान की अलग-अलग ताक़त ने विश्लेषकों को ये घोष�
गत सात अप्रैल को ऐसा ही कुछ घटनाक्रम घटित हुआ, जब अमेरिकी �
चीन से दोस्ती की कोशिश में तिब्बत के प्रतिरोध आंदोलन को प�
चीन की ओर से लगातार बनाए जा रहे इस दबाव के चलते, वर्तमान मे�
आज भारत के पास ये अवसर है कि चीन के साथ सीमा विवाद के दौरान
अब मेरी बारी है अपने भारतीय दोस्तों के बारे में चिंतित हो�
आंतरिक सुरक्षा और अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर और भरोसे के स
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण से देखें तो अमेर�
गणतंत्र दिवस के मौक़े पर ब्राज़ील के राष्ट्रपति की भारत �
दक्षिणी चीन सागर की हलचलों पर भारत अगर ख़ामोश रहता है तो भ
चीन वैश्विक स्तर पर अपनी जो जगह बनाना चाहता है — पाकिस्ता�
चीन म्यानमारकडे हिंदी महासागरात प्रवेश करण्यासाठी संभाव्य प्रवेशद्वार म्हणून पाहत आहे.ही गोष्ट भारतासाठी चिंताजनक ठरू शकते.
तैवानला नुकसान पोहचवणाऱ्या चीनला प्रत्यूत्तर देण्यासाठी, जपानने अमेरिकेच्या सोबतीने काम करण्याचा निर्धार केला आहे.
वक्त आ गया है जब भारत को अपनी यह ऐतिहासिक झिझक छोड़कर ताइवान का हाथ थामना चाहिए और उसके साथ साझेदारी की नई, बेहतर पारी शुरू करनी चाहिए.
अच्छी बात यह भी है कि दोनों देशों ने 'मिशन-500' का लक्ष्य बनाया है, जिसका अर्थ है- 2030 तक द्विपक्षीय कारोबार को 500 अरब डॉलर तक ले जाना.
चाबहार बंदराच्या माध्यमातून भारत युरेशियामध्ये दबदबा वाढवतोय. तर त्याच चाबहारचा वापर उझबेकिस्तान चीनच्या वर्चस्ववादी आकांक्षेवर मर्यादा आणण्यासाठी करत आहे.
नेपाळने भारतासोबत असलेले सीमाप्रश्न यापूर्वी चर्चेद्वारे सोडवले आहेत. त्यामुळे कालापानीचा प्रश्नही मुत्सद्देगिरीने सुटणार नाही, असे मानण्याचे कारण नाही.
भारताप्रमाणेच ब्राझीलनेही अमेरिकेच्या लहरी कारभाराला आणि दबावाला महत्त्व न देता आपल्या परराष्ट्र धोरणाबाबत सार्वभौम भूमिका घेण्याचे संकेत दिले आहेत.
भारत यही उम्मीद कर रहा है कि सब कुछ ठीक रहे, लेकिन उसे बुरे नतीजों के लिए भी तैयार रहना चाहिए.
आज़ादी के बाद से ही भू-राजनीति की वजह से बुरी तरह बंटी हुई दुनिया में तमाम देशों के साथ साझेदारी करना भारतीय कूटनीति की एक ख़ूबी रही है. भारत और रूस के संबंधों का फ़ायदा न केव�
आर्थिक संकट के दौरान भारत ने जिस तरह से उसकी मदद की, उससे वहां के सारे राजनीतिक दलों में भारत के प्रति अच्छी भावना बनी है. यह भी जाहिर हुआ कि भारत के साथ लंबी अवधि से रिश्तों क�