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भले ही भूटान भारतीय हितों की सुरक्षा को लेकर सतर्क रहे, भारत के लिए नए हालात में नई चुनौतियां सामने आना तय हैं.
भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक हाल में (3 से 10 नवंबर) आठ दिनों की भारत यात्रा पर आए थे. इस यात्रा का मकसद भूटान और चीन के बीच संभावित सीमा समझौते से जुड़ी भारत की चिंताओं को कम करना था. पिछले महीने ही भूटान के विदेश मंत्री तांडी दोरजी चीन गए थे. उनकी चीन यात्रा ने दो वजहों से पूरी दुनिया का ध्यान खींचा.
पिछले महीने ही भूटान के विदेश मंत्री तांडी दोरजी चीन गए थे. उनकी चीन यात्रा ने दो वजहों से पूरी दुनिया का ध्यान खींचा.
पहली, दोनों देश दशकों पुराने सीमा विवाद को खत्म करने की ओर बढ़ रहे हैं. इस यात्रा के दौरान दोनों देशों में एक सहयोग समझौता हुआ, जिसमें जॉइंट टेक्निकल टीम (JTT) की जिम्मेदारियां और उसके संचालन के तरीके तय किए गए. सीमा से जुड़े मतभेदों को रेखांकित करने और उन पर सहमति बनाने का काम JTT को ही सौंपा गया है.
दूसरी, इस यात्रा से यह बात भी साफ हुई कि दोनों देशों के रिश्ते लगातार बेहतर हो रहे हैं.
भारत ने इस पूरे प्रकरण पर सोची-समझी चुप्पी बनाए रखी है. यह इस बात का संकेत माना जा रहा है कि वह भूटान की स्थिति को समझता है और मौजूदा घटनाक्रम को अपने हितों के खिलाफ नहीं मानता.
भले ही भूटान भारतीय हितों की सुरक्षा को लेकर सतर्क रहे, भारत के लिए नए हालात में नई चुनौतियां सामने आना तय हैं.
भले ही भूटान भारतीय हितों की सुरक्षा को लेकर सतर्क रहे, भारत के लिए नए हालात में नई चुनौतियां सामने आना तय हैं. डोकलाम जैसे संवेदनशील विवादित मसले के रहते, सकतेंग क्षेत्र में उसके नए दावों को देखते हुए भारत यथास्थिति बदलने की चीन की क्षमता को लेकर स्वाभाविक ही सतर्क रहेगा. दूसरी बात यह कि चीन के साथ कूटनीतिक संबंध स्थापित करने के बाद भूटान भी उन एशियाई देशों में शामिल हो गया है, जहां अपने प्रभावों को लेकर चीन और भारत में रस्साकशी चलती रहती है. ध्यान रहे, चीन पहले ही संकेत दे चुका है कि भूटान के साथ कूटनीतिक रिश्ता बहाल होने के बाद आर्थिक, सांस्कृतिक और अन्य क्षेत्रों में भी सहयोग की संभावनाएं तलाशी जाएंगी. यही नहीं चीनी मीडिया भूटान की इस बात के लिए तारीफ कर रहा है कि वह चीन की तीन प्रमुख ग्लोबल इनीशिएटिव का समर्थन करता है. जाहिर है, चीन-भूटान रिश्तों का नया चरण भारत के लिए कुछ नए सवाल और मिले-जुले अर्थों वाले नए संकेत लेकर आ रहा है.
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Professor Harsh V. Pant is Vice President – Studies and Foreign Policy at Observer Research Foundation, New Delhi. He is a Professor of International Relations ...
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