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वैसे तो रूस 2015 के बाद से ही पश्चिमी एशिया में महत्वपूर्ण भ�
तुर्की की मध्यस्थता से हुई अंकरा घोषणा के उथल पुथल के हॉर�
क्या कज़ान शिखर सम्मेलन में भारत की भागीदारी और ब्रिक्स 20
तुर्की आणि हंगेरीकडून प्रारंभीच्या अडथळ्यांना तोंड द्य
शुरुआत में तुर्की और हंगरी की तरफ़ से ऐतराज़ों के बावजूद,�
क्या हाल ही में तुर्की-सऊदी अरब के बीच मेल-मिलाप ने इस्लाम
क्या हाल ही में तुर्की-सऊदी अरब के बीच मेल-मिलाप ने इस्लाम
भारत ने नागोर्नो-काराबाख़ संघर्ष में खुल्लमखुल्ला ख़ुद �
तुर्की के आने वाले चुनाव इस मध्यम दर्जे की शक्ति की घरेलू
स्वीडन की नेटो में एंट्री अभी अधर में लटकी हुई है क्योंकि
भू-राजनीति के लिहाज़ से देखा जाए तो HADR की क्षमताएं और इसकी �
भारत ने नागोर्नो-काराबाख़ संघर्ष में खुल्लमखुल्ला ख़ुद �
ईरान की राजकीय यात्राओं के रूस के आडंबर में, पश्चिम को जवा
रूस यूक्रेन जंग के बीच तुर्की ने दोनों देशों के बीच मिरर
अब जबकि तुर्किये ने अपनी विदेश नीति को लेकर अधिक व्यावहा�
अब जबकि तुर्किये ने अपनी विदेश नीति को लेकर अधिक व्यावहा�
सवाल उठता है कि फिनलैंड और स्वीडन की नेटो में प्रवेश के
क्या हाल ही में तुर्की-सऊदी अरब के बीच मेल-मिलाप ने इस्लाम
जिस कोल्ड वॉर सरीखी सुरक्षा संरचना में 24 फरवरी कोहमने पुन
चीन के साथ इस्लामिक देशों का कूटनीतिक जुड़ाव बढ़ता जा रह�
तुर्की के आर्थिक और राजनीतिक तनाव को संभालते हुए वैश्विक
तुर्की का ये नारा कि दुनिया पांच देशों से बड़ी है (अमेरिका
हक़ीक़त ये है कि जो देश एक जैसे मूल्यों पर यक़ीन नहीं रखते
तुर्की और अमेरिका का एक साझा हित है. दोनों काबुल सरकार को �
ब्राज़ील, भारत, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की और ब्रिटेन के विशे�
2017 में तुर्की के राष्ट्रपति रेचैप तैय्यप अर्दोआन के बीजि�
अर्दोआन मुस्लिम देशों के नाम पर, एक राष्ट्र के तौर पर तुर्
इसमें ख़ास बात यह है कि मध्य-पूर्व की, जिओ-पॉलिटिक्स में व�
एर्दोगान की इस्लामिक तुर्की को पुनर्जीवित करने की उपद्र�
वीगरों को लेकर अर्दोआन का मौजूदा रवैया उनके पहले के दृष्�
तुर्की और रूस के आपस में बड़े मज़बूत आर्थिक संबंध और अमेरिक�
अगर समय रहते अंतरराष्ट्रीय समुदाय सीरियाई संकट का समाधा�
ऐसे में जबकि अमेरिका, तुर्की पर लगाम कसने का प्रयास कर रहा
समस्या की बड़ी वजह है मध्य पूर्व में अमेरिकी विदेश नीति।
प्रतिबन्ध किसी भी तरह की भूराजनीतिक चुनौती के लिए पश्चिम
तुर्कस्तानातील आगामी निवडणुकांमुळे देशातील अंतर्गत धोरणाची पुनर्रचना होऊ शकते आणि मध्य-पूर्वेकडील या देशाचे दीर्घकालीन परराष्ट्र धोरणही आकाराला येऊ शकते.
जागतिक स्तरावर भारताच्या उदयासह, आर्थिक सहभाग वाढवणे दिल्ली आणि अंकारा यांच्या हिताचे आहे.
तुर्कियेने आपल्या परराष्ट्र धोरणात अधिक व्यावहारिक दृष्टीकोन स्वीकारल्यामुळे, भारत आणि तुर्कि तुटलेले संबंध सुधारण्याची आशा करू शकतात का?
हवामान-संबंधित आपत्तींची वारंवारता जसजशी वाढत आहे, तसतसे जागतिक समुदायामध्ये एकत्रित सहकारी दृष्टिकोनाची अधिक गरज आहे
नागोर्नो-काराबाख संघर्षात भारताने स्वत:ला स्पष्टपणे आर्मेनियाच्या बाजूने उभे केले आहे आणि परिणामी अझरबैजान आणि तुर्की आणि पाकिस्तानसह त्याच्या समर्थकांचा प्रतिकार क�
रशियाच्या इराण भेटींमध्ये त्यांची पश्चिमात्य देशांना विरोध करण्याची भूमिका अगदी स्पष्टपणे दिसून येते.
पश्चिम आशियातील विस्तारित शेजार्यांना मदत आणि मदत पुरवणे हे भारताने भविष्यात ज्या प्रकारची मुत्सद्देगिरी चालवण्याचे उद्दिष्ट ठेवले आहे, त्यासाठी चांगले संकेत आहेत.
सवाल उठता है कि फिनलैंड और स्वीडन की नेटो में प्रवेश के लिए आखिर क्यों मान गया तुर्की. क्या यह पश्चिमी देशों और अमेरिका की कूटनीतिक जीत है. बेलारूस में रूसी मिसाइलों की �
व्हिलनियस परिषदेवर युक्रेनच्या उपस्थितीमुळे कोणता परिणाम झाला? तुर्कीचा स्वीडनबद्दलचा विरोध कसा मावळला?
सिरियातून अमेरिकेची पाठ वळताच, तेथे कुर्दिश, तुर्की लोकांचे फावणार आहे. ट्रम्प यांच्या सैन्य परत बोलावण्याच्या निर्णयामुळे उद्भवणाऱ्या परिस्थितीचा हा आढावा.