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ग्रीन डील पर सहयोगियों को समझाना यूरोपियन यूनियन (EU) के लिए बड़ी चुनौती
‘फ्रांस और भारत: हरित भविष्य के साझेदार’
भारत में नवीनीकरण योग्य ऊर्जा को अपनाने में उपभोक्ताओं की भूमिका
साल 2070 तक कैसे हासिल होगा शून्य कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य?
अक्षय्य उर्जा खरेदी करण्याबद्दलचे असलेले निर्बंध आणि निर्बंध न पाळणारी राज्ये
Navigating Carbon Pricing: the G-20 Experience and Global South Prospects
विजेच्या किरकोळ क्षेत्रातील स्पर्धा आणि निवडीचे स्वातंत्र्य
आरोग्याच्या सुरक्षेसाठी ऊर्जा-आरोग्य संबंध मजबूत करण्याची आवश्यकता
‘रूफ़टॉप सोलर के लिए भारत के नीतिगत प्रोत्साहन में MSME को प्राथमिकता’
भारतातील वाहतुकीला हरित करण्यासाठी उपयुक्त फ्लेक्स इंधन
COP28: क्या कुछ लोगों द्वारा COP के मंच को अपने हितों के लिए अगवा कर लिया गया?
বাস্তবতা পরীক্ষা: কয়লা শক্তির রূপান্তর
नवीकरणीय ख़रीद दायित्व: ज़िम्मेदारी से भागते राज्य
भारत में यातायात को हरित बनाने के सफ़र में मददगार फ्लेक्स ईंधन
ऊर्जा संक्रमणाच्या आकांक्षेला गुंतवणुकीचे समर्थन असणे आवश्यक
তরল পেট্রোলিয়াম গ্যাস: ভারতে সরবরাহের চ্যালেঞ্জ
ভারতে তরলীকৃত পেট্রোলিয়াম গ্যাসে ভর্তুকি দেওয়ার সীমা
ভারতে জলবিদ্যুৎ: সাম্প্রতিক চিত্র
Beyond the rhetoric at Dubai COP28
भारताच्या ऊर्जा वापराचे मोजमाप: संख्यात्मक तफावत
कच्चे तेल की क़ीमत के पूर्वानुमान: सही निशाना लगाने से ज़्यादा चूक
भारत में ऊर्जा की खपत मापने के आंकड़ों में इतना फ़र्क़ क्यों है?
एनर्जी क्लाउड: स्वच्छ ऊर्जा पुरवठ्याचा प्रभावी मार्ग
बिजली ग्रिड के लिए डिजिटल मूलभूत ढांचे के प्लेटफॉर्म का निर्माण
‘ऊर्जा के क्षेत्र में क्लाउड समाधानों की ताकत’
IPSOS Global Survey 2023: ‘जलवायु कार्रवाई को लेकर भारतीय अत्यधिक संवेदनशील हैं और उच्च कार्बन टैक्स के समर्थक हैं’
ग्रीन हाइड्रोजन का बड़ा वादा
‘प्रकृति के अनुकूल ऊर्जा की तरफ बदलाव के लिये तकनीक और वित्त का बेहतर इस्तेमाल’