-
CENTRES
Progammes & Centres
Location
43 results found
हाल के दिनों में भारत और चीन के अधिकारियों के बीच उच्च-स्त
गलवान संकटादरम्यान, भारतीय हवाई दलाने कारगिल युद्धातून �
गलवान संकट के दौरान भारतीय वायुसेना ने कारगिल युद्ध से स�
आज के दौर में युद्धों को जीतने के लिए नैरेटिव्स तैयार करन�
हालांकि भारत और चीन ने बातचीत जारी रखी हुई है, लेकिन एलएसी
गलवानमध्ये २०२० मध्ये झालेल्या घटनांनंतर त्याच्या पडसा
गलवान में 2020 की घटनाओं ने साफ तौर पर बाद की कई प्रतिक्रिया�
अपनी 76वीं वर्षगांठ पर भारत समान विचारधारा वाले देशों के स
गलवान में हुई झड़पों ने चीन के विस्तारवादी इरादों को साम�
गलवान में हुई झड़पों ने चीन के विस्तारवादी इरादों को साम�
भारतीय नौसेना को लेकर बज़ट की कमी इसके स्वदेशीकरण और नवी�
भले ही दोनों देशों के बीच कुल व्यापार के आंकड़े अभी निचले
चीन द्वारा बीजिंग में आयोजित शीतकालीन ओलंपिक आयोजन में ग
पहले कमांडरों को चीनी ख़तरे के ख़िलाफ़ रक्षात्मक रुख़ अख
यह पहली बार था, जब प्रधानमंत्री सार्वजनिक रूप से दलाई लाम�
चीन भले ही पीछे हटने को तैयार हो गया है लेकिन एक बात तय है क
वर्तमान व्यापार परिदृश्य यह बताता है कि चीनी वस्तुओं का �
चीन की इस नई रक्षा नीति के तहत पीएलए की साझा सैन्य कार्रवा
कोई भी संगठन सिर्फ अपने दम पर वजूद में नहीं रह सकता, संगठन �
इस बात की संभावना अधिक है कि चीन, भारत की ज़मीन को धीरे धीर�
चीन बहुत सोची-समझी साज़िश के तहत यह चाहता है कि वास्तविक न
चीन को लेकर भारत को अपने तौर तरीक़े में आमूल-चूल परिवर्तन
चीन और कोरोना वायरस ने जिस पुरजोर तरीक़े से जो दिखाया है उ
चूंकि पुराने तौर-तरीकों का आधार अब नहीं रहा, इसलिए दोनों प
ऐसा लगता है कि चीन ने अपनी सेना का काफ़ी हद तक आधुनिकीकरण �
दोनों ही देशों के विशेष प्रतिनिधियों के बीच अब तक, बीस दौर
यह साफ हो चुका है कि कहीं ना कहीं गंभीर चूक हुई- लेकिन भारत�
हमें अपनी सिद्धांतवादी विदेश नीति और रणनीतिक स्वायत्ता �
ऐसे समय में भारत और चीन के बीच सीमा पर सैन्य टकराव चल रहा ह�
आज ऐसा दौर है, जब विश्व में डेटा का प्रवाह, सामानों के व्या�
चीन से निपटने में हमें अभी 15-20 साल लगेंगे और उसकी तैयारी हम�
चीन-भारत सीमेवरील प्रचलित तणाव हे दोन आशियाई शेजारी देशांमधील व्यापक धोरणात्मक स्पर्धेचे लक्षण आहे.
भारत-चीन सीमेवर आज जरी हे सारे शांत वाटत असले, तरी चीन भारतासमोर सतत नवनवीन आव्हाने निर्माण करत आहे. त्यामुळे ‘गलवान’नंतर भारताने धडे घ्यायला हवेत.
अब तक जो पॉलिसी रही है, उस पर गौर करें तो साफ हो जाता है कि चीन को लेकर भारत में एक तरह का अंतर्द्वंद्व चल रहा है कि उसके साथ किस तरह के संबंध बनाए जाएं.
चीन द्वारा बीजिंग में आयोजित शीतकालीन ओलंपिक आयोजन में गलवान संघर्ष से जुड़े एक सैनिक को सुनियोजित ढंग से खेलों की मशाल थमाने के बाद तो भारत का धैर्य भी जवाब दे गया और उसने �
चीनचे देशांतर्गत वादविवाद LAC संकटामागील मुद्द्यांवर प्रकाश टाकतात आणि चीनसाठी त्याचे वाढते धोरणात्मक मूल्य ओळखणे आणि त्याचा लाभ घेणे हा भारतासाठी एक धडा देखील ठेवतात.
गलवानमधील जून २०२० मध्ये झालेल्या संघर्षाने चीन-भारत संबंधांमध्ये एक मोठा बदल घडून आला आहे. याचे परिणाम दोन्ही राष्ट्रांमधील विकसित होत असलेल्या गतिमानतेवर दिसून येणा�
चीन को लेकर अपने रणनीतिक रुख़ में भारत ने पिछले दशक में प्रभावी प्रतिरोध के तीन प्रमुख स्तंभों - क्षमता, साख और संचार को सफ़लतापूर्वक दिखाया है. उसने अपनी रक्षा कूटनीति को द�
बैठका होत आहेत, परंतु चीनने प्रत्यक्ष नियंत्रण रेषेच्या अचूकतेचा वापर करून भारताचा समतोल राखण्याचा प्रयत्न केला तर फारसा बदल होणार नाही.
तवांगजवळ गेल्या आठवड्यात झालेली चकमक वाढत्या तणावपूर्ण चीन-भारत सीमेवरील ताजी चकमक आहे. सीमा कोठे आहे याबद्दल स्पष्टता नसल्यामुळे सतत त्रास होत होता.
भारतीय नौदलावरील अर्थसंकल्पीय निर्बंध स्वदेशीकरण आणि नाविन्यपूर्ण प्रक्रियेत अडथळा आणतात.