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क्षेत्रीय स्तर पर अलग-अलग खुफिया जानकारी साझा करने की व्�
समस्या यह है कि मणिपुर ‘स्वर्णिम-त्रिभुज’ (भारत-म्यांमार
वैश्विक स्तर पर अलग-अलग सरकारें आम तौर पर नये क़ानूनों और
नेपाल के आम चुनाव में पड़ोसी मुल्क भारत और चीन की दिलचस्�
वैश्विक स्तर पर अलग-अलग सरकारें आम तौर पर नये क़ानूनों और
विदेश मंत्री ने बताया कि चाहे वैक्सीन सप्लाई हो, जो हमने स
ये समझ से परे है कि बीबीएनएल- बीएसएनएल के विलय से गांवों त�
भारत को यूक्रेन संकट के दौरान रूस की सेना की जो ख़ामियां उ
प्रधानमंत्री का यूरोप दौरा अपने आप में संकेत है कि भारत अ�
सबसे बड़ा घटनाक्रम इस साल आतंकवाद और चरमपंथ को लेकर हुआ ह�
कतर ने बहुत ज़्यादा समायोजित राजनीतिक व्यवस्था के लिए कद
बढ़ते साइबर सुरक्षा ख़तरों की निगरानी के लिए आईसीटी वेंड
रूस में हाल के चुनावों ने संकेत दिया है कि लोकप्रियता की र
इस संवैधानिक बदलाव के 22 महीनों के बाद जम्मू-कश्मीर के हाल
निश्चित रूप से भारत की विदेश नीति को लेकर एक ऐसी गंभीर परि
इत्तिफ़ाक़ से अगर लैब लीक की थ्योरी से जुड़े ठोस सबूत हाथ
महामारी का आर्थिक दुष्प्रभाव कई बरसों तक रह सकता है, लेकि�
इस साल 'ब्लैक लाइव्स मैटर' संबंधी विरोध प्रदर्शनों ने चर्�
एक कमजोर लचर और लाचार हो चुकी तंत्र व्यवस्था की पतंगबाज़�
मध्यम दर्जे की ताक़तें आज चीन और अमेरिका के बीच संघर्ष मे�
पश्चिम एशिया में यह तीसरा ध्रुव भी नज़र आता दिख रहा है. जहा�
किसी भी सक्षम, योग्य और सुदृढ़ राष्ट्र को यह सुनिश्चित कर�
भारत हॉन्गकॉन्ग को लेकर अपने हर क्षेत्र की नीति की नए सिर�
ऐसे समय में भारत और चीन के बीच सीमा पर सैन्य टकराव चल रहा ह�
2018 में शी जिनपिंग माओ की बराबरी पर पहुंच गए. ये वो मुकाम था, �
एक और उम्मीद की मौत से केवल ज़ख्म हरे होंगे और गुस्सा भड़क
सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी के मुताबिक विधानसभाओं के �
गृहमंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस. जयशंकर, रक्षा मंत्री
यह कोई छिपी बात नहीं है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और उसक�
इस गठबंधन को अपवित्र और उन हिंदू सांप्रदायिकों का आगमन क�
भारतीय समाज और यहां का राजतंत्र इस बात को समझने में बुरी �
इस चुनाव में बहुत कुछ दांव पर लगा है।
भारतीय राजनीति के लिए कितने महत्वपूर्ण हैं क्षेत्रीय दल
क्या चीन की तरह अमेरिका भी विस्तारवादी नीतियों का पोषण करेगा?
अमेरिकाही चीनसारखी विस्तारवादी धोरणे पोसणार का?
3 अप्रैल 1952 को राज्यसभा की स्थापना होने के बाद से ही अनेक अवसरों पर इसे बर्खास्त करने की मांग उठती रही है. आलोचकों, जिसमें संसद के सेवारत सदस्य भी शामिल हैं, उन्होंने अपर हाऊस �
इसमें कोई संदेह नहीं कि द्विपक्षीय संबंधों में आगे की राह पथरीली लग रही है, लेकिन इन दोनों पड़ोसियों को इससे पार पाने की कोई युक्ति खोजनी ही होगी, क्योंकि दक्षिण एशिया के भव�