-
CENTRES
Progammes & Centres
Location
39 results found
हमने अपना मॉडल बदल दिया है. पहले हम पार्टनरशिप से दूर भागत
मॉरीशस एक छोटा सा देश है, इसके बावज़ूद यह WIOR के अलग-अलग तटीय
जिस प्रकार से वैश्विक व्यवस्था में लगातार बदलाव हो रहा ह�
नाटो के इंडो-पैसिफ़िक की ओर ध्यान के केंद्र में जापान और द
आज जब वैश्विक स्तर के मामलों में पड़ने से पश्चिमी देश अपन�
वैश्विक व्यवस्था में नॉन स्टेट एक्टर्स के बढ़ते प्रभाव क
नीतियों को बदलकर और एक ज़िम्मेदार ग्लोबल इकोनॉमिक गवर्न�
यूक्रेन पर रूसी हमले से वैश्विक व्यवस्था ख़तरे में है. तो
यूक्रेन में अपने कार्य के ज़रिए, रूस नें मौलिक तरीके से वै
आज दुनिया का शक्ति संतुलन बिगड़ चुका है. ऐसे वक्त में जब ची�
तीन ध्रुवों वाली दुनिया मौजूदा दो-ध्रुवीय वैश्विक व्यवस�
वैसे तो नई पहल, मंच और अभ्यास भारत-अफ्रीका के बीच रक्षा और �
पश्चिम एशिया में दशकों से अमेरिका ही सबसे बड़ी शक्ति के र�
पश्चिम एशिया में क्षेत्रीय तनावों को कम करने के लिए सारी �
चीन की चुनौती को संभालने की इच्छा रखने वाले गठबंधन की क्ष�
ये लेख ओआरएफ़ के वीडियो मैगज़ीन इंडियाज़ वर्ल्ड के ताज़ा
क्या बहुध्रुवीयता किसी जंग के लिए ज़्यादा गुंजाइश पैदा क
फिलहाल जो परिस्थितियां आकार ले रही हैं उनका यही सार निकल�
यूक्रेन पर रूसी हमले से वैश्विक व्यवस्था ख़तरे में है. तो
आज दुनिया का शक्ति संतुलन बिगड़ चुका है. ऐसे वक्त में जब ची�
तीन ध्रुवों वाली दुनिया मौजूदा दो-ध्रुवीय वैश्विक व्यवस�
क्या ग्लोबल गेटवे की पहल यूरोपीय संघ को बदलती वैश्विक व्�
रूसी राष्ट्रपति का नई दिल्ली का दौरा और प्रधानमंत्री नरे
नियम आधारित वैश्विक व्यवस्था के लिए भारत, मध्य और पूर्वी �
असल में 20वीं सदी के आख़िरी दशक में अमेरिका के नेतृत्व में �
दुनिया भर में भारत की द्विपक्षीय और बहुपक्षीय साझेदारी ब
इतिहास जब 2020 की समीक्षा करेगा तो कोरोना-काल में देशों द्वा
आज जब वैश्विक व्यवस्था उठा-पटक के दौर से गुज़र रही है, तो ब�
फिलहाल जो परिस्थितियां आकार ले रही हैं उनका यही सार निकलता दिख रहा है कि निवेश के आकर्षक ठिकाने के रूप में उभरता भारत नई वैश्विक व्यवस्था में अपनी अहम जगह बनाता जा रहा है. भा
वर्तमान बहुध्रुवीय वैश्विक व्यवस्था में एक उभरती हुई शक्ति के रूप में भारत अपने भू-रणनीतिक और भू-आर्थिक हितों की रक्षा, प्रचार और उन्हें व्यक्त करने के लिए शंघाई सहयोग संग�
वैश्विक भू-राजनीति में निरंतर परिवर्तन देखा जा रहा है. चीन के उदय की वज़ह से अंतर्राष्ट्रीय प्रणाली में अधिक प्रतिस्पर्धा देखी जा रही है. इस वज़ह से संयुक्त राज्य अमेरिका और �
साल 2024 में भारत की वैश्विक छवि बेहतर बनी है, क्योंकि नई दिल्ली ने वैश्विक व्यवस्था में अपने को मजबूती से रखने के साथ-साथ ग्लोबल साउथ, यानी वैश्विक दक्षिण की आवाज बनने का भी सफ�
वैश्विक व्यवस्था में बुनियादी बदलाव आ रहे हैं. दुनिया को दो ध्रुवीय बनाने के लिए अमेरिका और चीन में प्रतिस्पर्धा बढ़ रही है. लेकिन बाकी देश इसे बहुध्रुवीय दुनिया बनाना चाह�
अच्छी बात यह भी है कि दोनों देशों ने 'मिशन-500' का लक्ष्य बनाया है, जिसका अर्थ है- 2030 तक द्विपक्षीय कारोबार को 500 अरब डॉलर तक ले जाना.
BRICS और SCO दो ऐसे गैर-पश्चिमी बहुपक्षीय मंच हैं जिसमें भारत और रूस दोनों के बीच करीबी सहयोग होता है. पिछले दशक में दोनों ही देशों की विदेश नीतियों में काफ़ी परिवर्तन हुआ है. इस पर�
अगले क़दम के तौर पर इसे स्पष्ट रूप से एक विस्तारित, पहले से अधिक लोकतांत्रिक, ज़्यादा प्रतिनिधित्वकारी और पहले से अधिक जवाबदेह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के पक्ष मे�
इंडोनेशिया की G20 अध्यक्षता के दौरान एक अहम सबक़ ये मिला था कि टेक्नोलॉजी ही महामारी के बाद की दुनिया को परिभाषित करेगी. न्यायसंगत तरक़्क़ी के लिए प्रौद्योगिकी बेहद आवश्यक �
हाल के वर्षों में चीन के साथ यूरोप के रिश्तों में ज़बरदस्त बदलाव देखा गया है. ऐसा इसलिए है, क्योंकि चीन अब यूरोपीय देशों को अपने प्रतिद्वंद्वी के तौर पर नहीं, बल्कि सहयोगी के