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रूस- यूक्रेन युद्ध और इनसे जुड़े आर्थिक प्रतिबंधों के के �
वर्तमान में युद्ध किस स्थिति में है एवं रूस-युक्रेन युद्�
भारत को यूक्रेन संकट के दौरान रूस की सेना की जो ख़ामियां उ
यूक्रेन की सेना की ताक़त को बढ़ाने में एलोन मस्क की कंपनी
यूक्रेन और रूस दोनों के नियंत्रण और कमांड सिस्टम इस जंग क�
क्या अफ्रीका में इस बात की संभावनाएं हैं कि वो यूरोप की रू
वैश्विक माहौल में विगत एक वर्ष में आए बदलाव के कारण बाइडन
रूस पर लागू प्रतिबंधों से मध्य एशियाई देश कैसे प्रभावित �
अमेरिकी देशों के 9वें शिखर सम्मेलन की मेज़बानी से पहले अम�
SCO के सदस्य देशों को अपनी नाइत्तेफ़ाक़ियों और मतभेदों को �
अभी चल रहे यूक्रेन युद्ध से हुई अभूतपूर्व बर्बादी और उपज�
भारत को चाहिए कि वो जापान, दक्षिण कोरिया और ऑस्ट्रेलिया क�
हिंद प्रशांत क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा और भू-राजनीति क
अचानक ऑर्गेनिक खेती की तरफ़ बदलाव उस आख़िरी झटके की तरह थ�
ट्रेंड इंडिकेटर वैल्यू के मौजूदा रुझान जारी रहे तो रूसी �
यह एशिया की सदी है. मोदी सरकार के समक्ष हिंद-प्रशांत की सच�
रूस-यूक्रेन युद्ध का पश्चिमी देशों के भविष्य पर क्या असर �
रूस ने दावा किया था कि नाटो में शामिल होने का इच्छुक फिनलै
Quad and China कूटनीतिक लिहाज से क्वॉड की यह बैठक बेहद उपयोगी है. भ�
यूक्रेन संकट पर भारत के अलग दृष्टिकोण के बावजूद, यूरोप भा�
यूक्रेन संकट के चलते इस वक़्त भले ही दुनिया पर आशंका और तब
पश्चिम एशिया में क्षेत्रीय तनावों को कम करने के लिए सारी �
यूक्रेन संकट ने भारत की अर्थव्यवस्था पर बुरा असर ज़रूर ड�
क्या चीन हिंद-प्रशांत में स्थानीय ताक़तों के लिए महज़ क्�
चीन हालात को जितना बदतर बनाएगा उतना ही हिंद-प्रशांत में क�
अमेरिका और भारत की सामरिक साझेदारी की जड़ें एशिया में मज�
जब तक डब्ल्यूटीओ के सदस्य देश अलग खड़े रह कर सुधारों को रो
जब तक वैश्विक स्तर पर दामों में कमी नहीं आयेगी, भारत में भ�
एक तरफ जहां इस मुद्दे को राष्ट्रीय स्तर पर सफलता की बदलती
आपस में मिलकर ये अलग अलग तरीक़े, चीन द्वारा आपूर्ति श्रृं�
प्रधानमंत्री का यूरोप दौरा अपने आप में संकेत है कि भारत अ�
इतिहास हमें बताता है कि दबदबा स्थायी चीज़ नहीं है. एक वक़्
ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री द्वारा वैश्वीकरण के विचार की
यूरोपीय देशों को भारत जैसे एक ऐसे सहयोगी की दरकार है, जो स�
जैसे-जैसे ये युद्ध आगे बढ़ रहा है, वैसे-वैसे यूक्रेन के रा�
चीन की चुनौती को संभालने की इच्छा रखने वाले गठबंधन की क्ष�
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की इंडो-पैसिफिक रणनीति का द
सामूहिक तौर पर इस दशक में सामने आए संकटों से डिजिटल प्रौद�
चूंकि यूरोपीय संघ का सदस्य बनने के दौरान, मध्य और पूर्वी य
यह तकनीकी विघटन, तकनीकी-राष्ट्रवाद, और घरेलू विकल्प में न�
तकनीक और स्वचालन में तेज़ उन्नति संघर्ष और युद्ध के भविष�
यूरोपीय संघ (ईयू) और भारत को हर हाल में भविष्य की पटकथा मिल�
यूक्रेन पर क्रूर और बेवज़ह हमले के साथ रूसी राष्ट्रपति व�
इससे बड़ी राजनीतिक विडंबना क्या हो सकती है कि, पूर्व अमेर�
वित्तीय तकनीक जिसे अब आम तौर पर फिनटेक कहा जाता है, वो कार�
नए वैश्विक ढांचे में भारत की बढ़ती भूमिका को देखते हुए अं�
इस क्षेत्र और यहां से दूर कई देशों का आर्थिक हित और भविष्य
लोगों को आशंका थी कि यूक्रेन-रूस युद्ध के समय में भारत पर �
अगर राष्ट्रपति पुतिन, यूक्रेन पर क़ब्ज़ा करने में कामयाब
अब अगली परिचर्चां- फिर चाहे वो लोगों के व्यक्तिगत अधिकार�