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भारत के लिए हिंद-प्रशांत क्षेत्र में टिकाऊ इस्पात साझेदा
फरवरी 2025 में प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा के बाद भारत-अमेर�
दुनिया भर में भू-राजनीतिक ख़तरों की वजह से आज बीमा के प्री
यह त्रिपक्षीय मौज़ूदा अंतर्राष्ट्रीय व्यापार प्रणाली म
एक और जहां दक्षिण बांग्लादेश में चीनी निवेश, क्षेत्र को व�
ये देखा जाना बाकी है कि भारत-EFTA के बीच नया व्यापार समझौता, ज
आर्थिक और भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं के बीच विश्व व्यापार
श्रीलंका के 2024 के बजट में महत्वाकांक्षी प्रस्ताव हैं जो द�
वैसे तो भारत ने अपने रक्षा निर्यात के मामले में धीरे धीरे
आयात पर निर्भरता और संसाधनों से समृद्ध देशों द्वारा निर्
कीमतों में कमी और अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संपर्क में मज़�
भारत और उसके जैसी सोच रखने वाले साझीदारों को सोच-समझकर यो�
भारत में वैसे तो व्यापार का इनवॉइस बनाने की व्यवस्था को प�
पारदर्शिता और टिकाऊ विकास, उपभोक्ताओं की पसंद में निर्णा
रूस में चीन से होने वाले निवेश में उछाल आया है, हालांकि इस�
ज़्यादा निजी निवेशकों को सित्तवे पोर्ट का इस्तेमाल करने
नई नीति सुनिश्चित करती है कि छोटे विक्रेता, व्यवसाय और स्�
वॉशिंगटन ने अपने इरादे अच्छी तरह से स्पष्ट कर दिए हैं कि म
अमेरिका को अफ्रीका के साथ विशेषत: शासन, जलवायु अनुकूलन और
भारत ने G20 की अध्यक्षता ग्रहण की है, तो अब उसके पास पारस्पर�
सोलर फोटोवोल्टिक आपूर्ति श्रृंखला में विविधिता लाने से �
चिकित्सकीय उपायों और जांच-पड़ताल को TRIPS छूट के विस्तारित द
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ज़िम्मेदारी बिल्कुल साफ़ �
G20 को टिकाऊ और समावेशी समुदाय बनाने के लिए हमारी कृषि खाद्�
बुनियादी ढांचे में निवेश को बढ़ावा देने के लिए बहुपक्षीय
डिजिटल क्षेत्र व्यापार को बहुत बड़ी शक्ति देता है. सीमा प�
कोविड-19 वैश्विक महामारी और अभी चल रही मंकीपॉक्स महामारी क
शोध बताते हैं कि ग्लोबल वैल्यू चेन्स में महिलाओं की ज़्य�
बिटकॉइन आने वाले वर्षों में सोना और अमेरिकी डॉलर के ग्लो
अल्प विकसित देशों और विकासशील राष्ट्रों का मछली कारोबार
क्या भारत निर्यात की अगुवाई में विकास यात्रा पर आगे बढ़न�
क्या श्रीलंका के आंतरिक संकट में बाहरी हाथ है?
ताइवान और भारत आर्थिक और व्यापारिक क्षेत्र में द्विपक्ष�
क्या वित्तीय परेशानियों से जूझ रहे पाकिस्तान के लिए IMF का �
नई चुनौतियों का सामना करते हुए भारत को G20 के एजेंडे तय करने
क्या हाल ही में तुर्की-सऊदी अरब के बीच मेल-मिलाप ने इस्लाम
भले ही दोनों देशों के बीच कुल व्यापार के आंकड़े अभी निचले
जब तक डब्ल्यूटीओ के सदस्य देश अलग खड़े रह कर सुधारों को रो
अंतरराष्ट्रीय संबंधों में व्यापार प्रतिबंधों का इस्तेम
इतिहास हमें बताता है कि दबदबा स्थायी चीज़ नहीं है. एक वक़्
शुरुआती ठहराव के बावजूद हाल के दिनों में उच्च-स्तर की बात�
भारत को सावधानी पूर्वक अपनी रणनीति बनाने की ज़रूरत है ता�
जिस कोल्ड वॉर सरीखी सुरक्षा संरचना में 24 फरवरी कोहमने पुन