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खलील उर-रहमानी की हत्या तालिबान में गहराते आतंरिक विभाजन
तहरीक़-ए-तालिबान पाकिस्तान हुकूमत की नाकामियों और वैचार�
अफ़गानिस्तान में UAE की बढ़ती मौजूदगी के साथ तालिबान नियु�
सुरक्षा और अप्रवास जैसे मसलों का सामना कर पाने में तालिब�
तालिबान ने 2021 में अफगानिस्तान की सत्ता पर कब्ज़ा किया था. �
अफ़गानिस्तान में तालिबान की वापसी के बाद क्षतिग्रस्त वै�
दक्षिण एशिया के देशों के बीच अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर एक-�
तालिबान द्वारा लागू किए गए नीतिगत बदलावों के दूरगामी परि
क्या नए सेनाध्यक्ष (army chief) की नियुक्ति से पाकिस्तानी फौज और
आतंकवाद के उभरते ख़तरों के मद्देनज़र भारत ने आतंक-निरोध �
रूसी और चीनी आक्रामकता के बीच, अमेरिका ने विश्व व्यवस्था �
अफ़ग़ानिस्तान में महिलाओं के अधिकारों के उल्लंघन के साफ
अफ़ग़ानिस्तान पर तालिबान द्वारा क़ब्ज़ा किये जाने की पह�
अफ़ग़ानिस्तान में अपनी जगह बनाने के लिए भारत और ईरान अपन�
चीन के किसी भी हमले से निपटने के लिए ताइवान ने बाकायदा अभ्
अफ़गानिस्तान में सरकार के संचालन में तालिबान की विफलता क
अफ़गानिस्तान में सरकार के संचालन में तालिबान की विफलता क
करते परवान गुरुद्वारे पर हमले ने अफ़ग़ानिस्तान में भारत
अफ़गानिस्तान,अफ़गानी धरती पर पाकिस्तान के साथ षड्यंत्र �
तालिबान के बढ़ते दबाव के बीच अफ़ग़ानी महिला पत्रकारों के
काबुल पहुंचे भारतीय दल पर चीन और पाकिस्तान की पैनी नजर ह�
SCO के सदस्य देशों को अपनी नाइत्तेफ़ाक़ियों और मतभेदों को �
अमेरिकी सेना के रूप में एक आम दुश्मन के चले जाने के साथ, क्�
तालिबान के विनाशकारी शासन के छह महीने पूरे होने के बावजू�
रूस पर लगातार लगाए जा रहे आर्थिक प्रतिबंधों और ख़ुद की सा�
जो बाइडेन का स्टेट ऑफ़ द यूनियन भाषण, यूक्रेन संकट और अफ़ग
जैसे-जैसे यूक्रेन की मदद के लिए विदेशी लड़ाके पहुंच रहे ह�
यूक्रेन संकट को लेकर दक्षिण एशियाई राष्ट्रों द्वारा अलग-
यूक्रेन पर रूसी हमले से वैश्विक व्यवस्था ख़तरे में है. तो
अफ़ग़ानिस्तान में गहराते संकट और अपनी आर्थिक अस्थिरता क�
जिस तरह पिछले दिनों इमरान ख़ान के मॉस्को दौरे में देखा गय�
यूक्रेन संकट के साथ-साथ अमेरिका की घरेलू चुनौतियां बाइडे
अफ़ग़ानिस्तान का मानवीय संकट बद से बदतर होता जा रहा है क्�
वैसे तो भारत ने तालिबान सरकार को मान्यता नहीं दी है लेकिन
भारत-मध्य एशियाई देशों के रणनीतिक संमिलन और दोनों क्षेत्
अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान की हुकूमत को व्यवहारिक रूप से
दो रणनीतिक मोर्चों पर मुक़ाबला करने में बाइडेन प्रशासन क
ऐतिहासिक डूरंड लाइन अब भी एक चुभते हुए कांटे की तरह है क्य
इस दो-भाग वाली लेख श्रृंखला का मक़सद उन वजहों को लेकर तार्
इस दो-भाग की श्रृंखला में यह बताने की कोशिश की गई है कि कैस�
भारत विदेश नीति के मामलों में अतीत की अपनी झिझक को छोड़ रह
महामारी, सूखे और हिंसक संघर्ष के कारण अफ़ग़ानिस्तान में �
यह लेख दो हिस्सों में है. पहले हिस्से में, अर्थव्यवस्था, स�
क्या NSP पाकिस्तान में वो सुधार लायेगी जिसकी उसे काफ़ी ज़र�
नीतिगत दायरे में दक्षिण एशिया के भीतर जिसे साझेदारी का आ�
काबुल पर तालिबान के कब्ज़े के बाद से अफ़ग़ानिस्तान में म�
सबसे बड़ा घटनाक्रम इस साल आतंकवाद और चरमपंथ को लेकर हुआ ह�