Author : Harsh V. Pant

Published on Jul 27, 2022 Updated 29 Days ago

चीन के किसी भी हमले से निपटने के लिए ताइवान ने बाकायदा अभ्यास भी शुरू कर दिया है. ताइवान के इस अभ्यास से यही निहितार्थ निकाले जा रहे हैं कि चीन कभी भी हमला कर सकता है. उधर ताइवान ने चीन की संप्रभुता के दावे को खारिज किया है.

ताइवान को लेकर अमेरिका और चीन में फिर गहराया विवाद

रूस यूक्रेन जंग के बीच ताइवान का मामला भी गरमाता जा रहा है. चीन भी ताइवान को लेकर आक्रामक मूड में दिख रहा है. ऐसे में यह सवाल उठ रहे हैं कि क्या चीन, ताइवान पर हमला कर सकता है. चीन के किसी भी हमले से निपटने के लिए ताइवान ने बाकायदा अभ्यास भी शुरू कर दिया है. ताइवान के इस अभ्यास से यही निहितार्थ निकाले जा रहे हैं कि चीनी वायु सेना कभी भी हमला कर सकती है. उधर, ताइवान ने चीन की संप्रभुता के दावे को ख़ारिज किया है और अपनी रक्षा करने का प्रण लिया है. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या चीन, ताइवान पर हमला कर सकता है. क्या इस जंग में ताइवान अमेरिका का सैन्य सहयोग करेगा. आखिर चीन ऐसी हरकत क्यों कर रहा है. क्या सच में चीन ताइवान पर हमला करने वाला है.

ताइवान ने चीन की संप्रभुता के दावे को ख़ारिज किया है और अपनी रक्षा करने का प्रण लिया है. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या चीन, ताइवान पर हमला कर सकता है. क्या इस जंग में ताइवान अमेरिका का सैन्य सहयोग करेगा.

  1. विदेश मामलों के जानकार प्रो हर्ष वी पंत कहना है कि अमेरिका यह जानता है कि चीन की सैन्य क्षमता मजबूत हुई है. वह ताइवान पर हमला करने की स्थिति में है, लेकिन चीन के इस राह में अमेरिका एक बड़ा रोड़ा है. यही कारण है कि वह ताइवान पर सीधे हमले से बचता रहा है. इधर, कुछ वर्षों में चीन ने ताइवान की हवाई सीमा का अतिक्रमण करके अमेरिका की परीक्षा ली है. वह टोह लगा रहा है कि अमेरिका का बाइडन प्रशासन ताइवान को किस हद तक मदद के लिए तैयार है. इसलिए कई बार ऐसा लगता है युद्ध जैसे हालात है, लेकिन हकीकत में ऐसा होता नहीं है.
  2. उन्होंने कहा कि रूस यूक्रेन जंग के बाद यह आशंका ज्यादा प्रबल हुई है कि चीनी सेना ताइवान पर हमला कर सकती है. चीन ने ताइवान मुद्दे पर कई बार अमेरिका को सख्त चेतावनी भी जारी की है. चीन ने कहा था कि ताइवान उसका आंतरिक मामला है और अमेरिका को इसमें हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए. हाल में चीन ने ताइवान को लेकर अमेरिका को ललकारा भी है. उसने कहा ताइवान पर वह जंग के लिए तैयार है. प्रो पंत ने कहा कि चीन हर तरह से अमेरिका को परखने की कोशिश कर रहा है.
  3. प्रो पंत ने कहा कि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ताइवान को किसी भी हाल में चीन में शामिल करना चाहते हैं. चीन में अपनी पकड़ को और मजबूत बनाए रखने के लिए ताइवान पर उनकी नजरें टिकी हैं. उन्होंने कहा कि चीन अभी सीधे अमेरिका से भीड़ने के मूड में नहीं है. जिनपिंग इसी बात का अंदाजा लगा रहे हैं कि क्या ताइवान और चीन जंग में अमेरिका सैन्य हस्तक्षेप करेगा. वह इस बात की टोह ले रहे हैं कि क्या अमेरिकी सैनिक ताइवान में दाखिल होंगे.
  4. प्रो पंत ने कहा कि अगर अमेरिका ताइवान में सीधे सैन्य दखल देता है तो नेटो सदस्य देश भी शांत नहीं रहेंगे अमेरिका का सीधे हस्तक्षेप का अर्थ होगा कि नेटो सेना ताइवान में दखल देगी. तब यह जंग केवल ताइवान और चीन के बीच नहीं होगा. इसमें अमेरिका और नेटो संगठन का भी रोल बढ़ जाएगा. शायद चीन अभी इस स्थिति के लिए तैयार नहीं होगा.
  5. प्रो पंत ने कहा कि अमेरिका और ताइवान के बीच सैन्य समझौता है, इस लिए जंग की स्थिति में अमेरिका को सैन्य सहयोग देना एक मजबूरी भी है. ताइवान पर हमले की स्थिति में अगर अमेरिका उसकी मदद नहीं करता तो उसके महाशक्ति के रुतबे में गिरावट आएगी. दुनिया में उसका कद घटेगा. ऐसा अमेरिका होने नहीं देगा. चीन के खिलाफ अमेरिकी सेना को उतरना ही होगा. उन्होंने कहा अफगानिस्तान और यूक्रेन को लेकर अमेरिका की पहले से ही किरकिरी हो रही है. अफगानिस्तान में जिस तरह से अमेरिका ने अपने सैनिकों को वापस बुलाया उससे उसके महाशक्ति होने का कद घटा है.

चीनी हमले का मुकाबले का अभ्‍यास

  1. उधर, ताइवान की राजधानी ताइपे सहित कई इलाकों में लोगों को घरों के भीतर रहने और सड़कें खाली करने के आदेश दिए गए हैं. सोमवार को एक हवाई हमले का अभ्यास करने के लिए ये आदेश जारी किए गए. हमले की स्थिति में तत्काल सड़कों को खाली करने के अभ्यास के लिए शहरों में सायरन बजने लगे जिसने 30 मिनट के लिए उत्तरी ताइवान के कई शहरों को पूरी तरह रोक दिया. यह दिखाता है कि चीनी हमले का मुकाबला करने के लिए ताइवान ने अपनी तैयारियों को तेज कर दिया है.

ताइवान में यह अभ्यास ऐसे समय पर हुआ है जब द्वीपीय देश के आसपास चीन का सैन्य युद्धाभ्यास तेज़ हो गया है. ताइपे में पुलिस ने गाड़ियों को सड़क के किनारे आने और पैदल चलने वालों को शेल्टर ढूंढ़ने के लिए कहा.

  1. लोगों के मोबाइल पर संदेश के रूप में मिसाइल अलर्ट भेजा गया. ताइवानी जनता से तत्काल सुरक्षित जगह पर जाने के लिए कहा गया. ताइपे के मेयर को वेन-जे ने कहा कि युद्ध की स्थिति के लिए तैयारी करना जरूरी है. चीन लोकतांत्रिक देश ताइवान पर अपने क्षेत्र के रूप में दावा करता है. उसने बलपूर्वक ताइवान पर कब्जा करने के इरादे से कभी इनकार नहीं किया है.
  2. ताइवान में यह अभ्यास ऐसे समय पर हुआ है जब द्वीपीय देश के आसपास चीन का सैन्य युद्धाभ्यास तेज़ हो गया है. ताइपे में पुलिस ने गाड़ियों को सड़क के किनारे आने और पैदल चलने वालों को शेल्टर ढूंढ़ने के लिए कहा. दुकानों और रेस्तरां ने अपने शटर गिरा दिए और लाइट बंद कर दी ताकि रात में उन्हें निशाना न बनाया जा सके. दमकलकर्मियों ने मिसाइल हमले से लगी आग को बुझाने का अभ्यास किया. सभी निर्देशों के 30 मिनट बाद सायरन बजने शुरू हुए. ताइवान को लेकर चीन के इरादों ने अमेरिका की चिंता को बढ़ा दिया है. अमेरिका और ताइवान के औपचारिक संबंध न होने के बावजूद अमेरिकी कानून के तहत उसे अपनी रक्षा के लिए ताइवान को साधन मुहैया कराने होंगे.

यह लेख जागरण में प्रकाशित हो चुका है.

The views expressed above belong to the author(s). ORF research and analyses now available on Telegram! Click here to access our curated content — blogs, longforms and interviews.