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आज जब यूरोप चारों तरफ़ से अपने अस्तित्व के लिए ख़तरा बन चु
NavIC केवळ भारताची संरक्षण क्षमताच बळकट करत नाही तर उपग्रह न
नाविक 2.0 (NavIC) न केवल भारत की रक्षा क्षमताओं को मज़बूत करता ह�
हाल ही में रूस द्वारा अंतरिक्ष में नई तकनीक के प्रयोग की ख
भारत के एकदम पड़ोस में चीन की बढ़ती मौजूदगी चिंता का विषय
भारत के एकदम पड़ोस में चीन की बढ़ती मौजूदगी चिंता का विषय
वाणिज्यिक उद्यमों या अन्य सरकारी स्वामित्व वाले उद्यमो�
G20 का T20 संवाद समूह, अहम नीतिगत मसलों के प्रमुख आयामों को सा�
अंतरिक्ष में दुश्मन को नुक़सान पहुंचाने वाली ताक़त, जैसे
अंतरिक्ष में दुश्मन को नुक़सान पहुंचाने वाली ताक़त, जैसे
प्रशिक्षण के अलावा भारतीय भारतीय सशस्त्र बलों को इंटरने�
प्रशिक्षण के अलावा भारतीय भारतीय सशस्त्र बलों को इंटरने�
डिजिटल कनेक्टिविटी किसी भी लिहाज से एक वरदान से कम नहीं ह�
डिजिटल कनेक्टिविटी किसी भी लिहाज से एक वरदान से कम नहीं ह�
अंतरिक्ष में सैन्य शक्ति का भी संबंधित क्षेत्रों जैसे कि
व्यावसायिक उपग्रह सर्विसिंग को लेकर जारी नैरेटिव को दोह�
अंतरिक्ष उद्योग ने मानव-निर्मित उपग्रहों के इन विशाल तार
मोदी सरकार अंतरिक्ष में सैन्य प्रतिस्पर्धा को भारत की अं
अंतरिक्ष में आज जिस तरह से सैन्यीकरण बढ़ रहा है, वह हर किस�
छोटे उपग्रह (सेटेलाइट) प्लेटफार्मों की प्रगति ने सेटेलाइ
डिजिटल कनेक्टिव्हिटी वरदान ठरत असताना, अनेक देश PRC च्या उपग्रह कार्यक्रमामुळे निर्माण होणाऱ्या धोक्याबद्दल चिंतित आहेत.
प्रशिक्षणाव्यतिरिक्त, भारतीय सशस्त्र सेवांना नेट-केंद्रित मोहिमांसाठी लहान उपग्रहांची आवश्यकता आहे.
अंतराळ-आधारित सेवांवर अवलंबून असलेल्या देशांची संख्या वाढत असल्याने, अंतराळ क्रियाकलापांसाठी आंतरराष्ट्रीय "वर्तनाचे मानदंड" विकसित करण्यासाठी आणि स्थापनेसाठी गती द�
अंतराळविषयक उद्योग क्षेत्रात विशेषतः छोट्या उपग्रहांच्या प्रक्षेपणाच्या बाबतीतली वाढती बाजारपेठ आणि परदेशातून होणारी स्पर्धा हे इस्रोसमोरचे आव्हान आहे.
जगाच्या कुठल्याही भागात झालेल्या पर्यावरणाच्या हानीची किंवा तत्सम छायाचित्रे टिपून, ती क्षणार्धात जगभर पाठविण्यासाठी काही विशेष उपग्रह अवकाशात फिरत असतात.
भारताचे नवे अवकाश धोरण हे इतर गोष्टींबरोबरच देशाचे अवकाश क्षेत्र खाजगी क्षेत्राच्या सक्रिय सहभागासाठी खुले करते.
इस नीति में शामिल अन्य बातों के अलावा स्पेस सेक्टर अर्थात अंतरिक्ष क्षेत्र में अब निजी क्षेत्र को भी सक्रिय रूप से शामिल होने का अवसर प्रदान करने की व्यवस्था की गई है.