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ग्लासगो सम्मेलन में भारत के सामने थीं ये तीन बड़ी चुनौतियां
शहरों में प्रकृति-आधारित समाधानों के लिए सख़्त इंतज़ाम ज़रूरी
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का बेहिसाब इस्तेमाल: हमारी पृथ्वी के ख़िलाफ़ मशीनों का प्रकोप
स्थानीय प्रदूषण पर हायतौबा: अगर आप ‘उच्च-वर्ग’ से नहीं हैं तो फिर आपको गिनती में भी शामिल नहीं किया जाएगा!
चीन का बिजली संकटः क्या शी का ‘ग्रीन प्लान’ ठंडे बस्ते में जाएगा?
जलवायु परिवर्तन: ग्लासगो में होने वाले COP26 सम्मेलन में हो साझी कोशिश
जलवायु परिवर्तन का एजेंडा और ‘क्वॉड’
बेहतर भविष्य का निर्माण — हरित परिवर्तन के लिए भारत और ब्रिटेन के बीच साझेदारी की कितनी संभावनाएं!
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग
अगर हम डेटा की परिभाषा नये ‘तेल’ की करते हैं तो क्या हाइड्रोजन को भी हमें नई ‘गैस’ माननी चाहिये?
वैश्विक ईएसजी मानकों के लिए यही सबसे सही वक़्त है…वैश्विक ईएसजी मानकों के लिए यही सबसे सही वक़्त है…
विकास की प्रक्रिया में सहयोग के ज़रिये कार्बन से जुड़ी विषमताओं का निपटारा मुमकिन
जलवायु को लेकर पूरी दुनिया अचानक से दहशत में क्यों आ गयी है?
क्या चीन की ‘नई शहरी रणनीति’ जलवायु संकट से वहां के शहरों को बचा पाएगी?
भारत अगर बाज़ार में हरित उद्योगों की माँग को बढ़ावा दे पाये तो देश की ‘आर्थिक गतिविधियों’ में आ सकती है तेज़ी
जलवायु परिवर्तन: भारत में वायु प्रदूषण का ब्यौरा
कार्बन उत्सर्जन को शून्य स्तर तक ले जाने की चुनौती: पर्यावरण से जुड़ा निर्णायक कदम उठाने की ज़रूरत
जलवायु परिवर्तन से जुड़े वादे: क्या है मौजूदा स्थिति और उसके मायने?
हरित हाइड्रोजन अर्थव्यवस्था का भू-राजनीतिक अर्थ
कार्बन की कीमत तय करने की प्रक्रिया: अलग-अलग तीक्ष्णता के बीच भीड़, और भारत के लिए मौजूद अवसर
इकोसिस्टम के पुनरुद्धार के लिए विकास की साझेदारियां: विश्व पर्यावरण दिवस पर एक नई चुनौती
ग्लोकलाइज़ेशन और टिकाऊ विकास के लक्ष्य
जलवायु परिवर्तन के सुरक्षा से जुड़े निहितार्थ: पर्माफ्रॉस्ट के पिघलने का मामला
वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग — बिना लड़ाकों वाला फ़ौजी जनरल
हरित भारत का रास्ता कार्बन न्यूट्रल बनने से होकर गुज़रता है
दो स्तर पर हाशिये पर डाली जा रहीं हैं पूर्वोत्तर की महिलाएं: बदलाव का ये दशक क्या उनके जीवन को भी बदल पायेगा?
‘बहुत हुआ जलवायु परिवर्तन पर अमीर देशों का उपदेश: समय आ गया है कि इसपर न्यायसंगत कदम उठाया जाए’
भारत-पाकिस्तान के बीच समुद्री तट और अंतरराज्यीय संघर्ष का नया दौर - केंद्र में हो सकता है जलवायु परिवर्तन का भंडार!