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इजराइल और फिलिस्तीन कि बीच छिड़ा युद्ध व्यापक होता जा रह�
अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल की हालिया धर्मशाला यात्रा लोकतां
21वीं सदी की बदली हुई भू-ऱाजनीतिक हक़ीक़तों को देखते हुए, भ�
अगर ताइवान के खिलाफ चीन कोई भी आक्रमणकारी नीति अपनाता है �
ये उम्मीद पूरी होने की संभावना बहुत कम है कि साझा युद्ध अभ
दक्षिणी चीन सागर के क़रीब चीन और अमेरिकी की बढ़ती मौजूदग�
अगर भौगोलिक मानचित्र को बार-बार एक ख़ास ढंग से प्रस्तुत क�
दक्षिणी चीन सागर पर अपनी दावेदारी मज़बूत करने के लिए चीन �
बातचीत के बावजूद दक्षिणी चीन सागर में दक्षिण-पूर्व एशिया
राष्ट्रपति मार्कोस के नेतृत्व में, मनीला देश की समुद्री �
राष्ट्रपति मार्कोस के नेतृत्व में, मनीला देश की समुद्री �
अमेरिका एवं चीन के बीच बढ़ते तनाव और दूसरे महत्वपूर्ण भू-�
अमेरिका और चीन के बीच सीमांत (फ्रंटियर) को लेकर टकराव अपरि
चीन की सेनाओं ने हाल ही में जो युद्धाभ्यास किया, उसका मक़स
हाल ही में हुई नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा शी जिनपिंग क�
दांव पर बहुत कुछ लगा होने के बावजूद श्रीलंका में आर्थिक स�
क्या अंगोला अपना शासन बेहतर कर, भ्रष्टाचार मिटाकर, और चीन
शून्य उत्सर्जन की अपनी चाह में चीन ने हरित परिवर्तन को बढ�
चीनी कंपनियां विदेशों में चीन के मंसूबों को आगे बढ़ाने क�
चीन का लक्ष्य अपनी वृहत रणनीति में पीएलए की भूमिका को नए स
अगर चीन द्वारा वित्त पोषित मिलिट्री बेस कंबोडिया में स्थ
जिस तरह इस क्षेत्र में तेज़ी से परिस्थितियां बदल रही हैं �
अमेरिका ने पिछले दिनों इंडो-पैसिफिक रणनीति जारी की जिसमे
रणनीति में प्रमुख चुनौती चीन है. पिछली रणनीति में मुख्य उ�
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष के रूप में भारत
दक्षिणी चीन सागर पर अपनी दावेदारी मज़बूत करने के लिए चीन �
दक्षिणी चीन सागर में युद्ध को लेकर चीन के बढ़ते प्रेम और न
चीन हमेशा से ये मानता रहा है कि दक्षिणी चीन सागर का मसला ब�
इस विवाद की गंभीरता और इस तथ्य को देखते हुए कि दक्षिणी चीन
दक्षिणी चीन सागर को लेकर धीरे-धीरे ही सही, मगर एक ठोस मोर्�
अमेरिका का नया रुख़ आसियान के लिए उत्साह बढ़ाने वाला है ल�
अंतर्राष्ट्रीय क़ानून की अमेरिकी समझ और चीन की तरफ़ से उ�
दक्षिणी चीन सागर की हलचलों पर भारत अगर ख़ामोश रहता है तो भ
हिंद प्रशांत क्षेत्र में अमेरिका को मात देने के लिए चीन कुछ भी करने को तैयार है. वह ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण कोरिया को भी गले लगाने का तैयार है. इस तरह चीन ने अपनी कूटनीति को धार
चीन हिंद महासागर में भारत को चुनौती देने के लिए म्यानमार में कई प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहा है.
अमेरिकी कांग्रेस की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी की ताइवान की यात्रा को लेकर भारत ने बहुत संभल कर चल रहा है. भारत की ओर से इस मामले पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. भारत ने पूरे मामले म�
अगर चीन शक्ति प्रदर्शन के जरिए ताइवान का स्टेटस बदलता है तो हिंद प्रशांत पर तो इसका प्रभाव होगा ही, उससे बड़ा प्रभाव इसका ग्लोबल ऑर्डर पर पड़ेगा.
नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा को लेकर सवाल उठ रहे हैं कि क्या अमेरिका चीन की सैन्य धमकी से डर गया. आखिर उसने नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा पर मौन क्यों हो गया. आखिर इसके पीछे �