Author : Don McLain Gill

Published on Apr 07, 2023 Updated 0 Hours ago

राष्ट्रपति मार्कोस के नेतृत्व में, मनीला देश की समुद्री सुरक्षा क्षमताओं को मज़बूत और क्षेत्र में अपने रक्षा नेटवर्क में सुधार करना चाहता है. 

अमेरिका और फिलीपींस के बीच रक्षा गठबंधन समझौते का विस्तार: अमेरिका, फिलीपींस और चीन पर पड़ने वाला प्रभाव

3 अप्रैल को, फिलीपींस ने आधिकारिक तौर पर संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ एनहैंस्ड डिफेंस कोऑपरेशन एग्रीमेंट (EDCA) के तहत चार अतिरिक्त डिफेंस साइटों के निर्माण के लिए स्थानों की घोषणा की. इन चार डिफेंस साइटों में से तीन का निर्माण फिलीपींस के लूज़ोन द्वीप के उत्तरी भाग में स्थित कागायान और इसाबेला प्रांतों में किया जाएगा जबकि चौथा बेस देश के पश्चिमी हिस्से में स्थित पलावन राज्य में निर्मित किया जाएगा. हालांकि इस समझौते के तहत कुल नौ स्थानों पर डिफेंस साइटों का विस्तार किया जाएगा, जो गठबंधन के लिए काफ़ी महत्त्वपूर्ण है. लेकिन इस फ़ैसले से फिलीपींस की विदेश नीति और दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र की सुरक्षा पर क्या प्रभाव पड़ेगा, इसे लेकर कई सवाल उठते हैं, जिनके जवाब मिलने बाकी हैं. 

फिलीपींस की समुद्री सुरक्षा क्षमताओं को बढ़ाने की राष्ट्रपति मार्कोस की महत्त्वाकांक्षाओं का समर्थन करते हुए वॉशिंगटन ने फिलीपीनी तटरक्षक बल को अगस्त 2022 में 196,000 अमेरिकी डॉलर मूल्य के समुद्री रक्षा उपकरण एवं अन्य महत्त्वपूर्ण उपकरण प्रदान किए और अक्टूबर 2022 में विदेशी सैन्य वित्तपोषण के तहत मनीला को 10 करोड़ अमेरिकी डॉलर की वित्तीय सहायता दी गई

गठबंधन की उपयोगिता के अधिकतम इस्तेमाल की रणनीति 

राष्ट्रपति मार्कोस ने ज़ोर दिया कि ऐसे समय में जब चीन फिलीपींस की संप्रभुता और उसके संप्रभु अधिकारों को अनदेखा करते हुए पश्चिम फिलीपीन सागर में अपनी ताक़त का प्रदर्शन कर रहा है, प्रशासन ने क्षेत्रीय सुरक्षा, सैन्य आधुनिकीकरण और समुद्री सुरक्षा पर और ज्यादा ध्यान केंद्रित किया है. इस पृष्ठभूमि का लाभ उठाते हुए, मार्कोस अमेरिका के साथ गठबंधन की भूमिका को और ज्यादा बढ़ाना चाहते हैं.

मार्कोस के फिलीपींस के राष्ट्रपति बनने के बाद से ही, मनीला और वॉशिंगटन नियमित रूप से उच्च-स्तरीय बैठकों में भाग लेते रहे हैं. मार्कोस और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की पहले ही न्यूयॉर्क और नोम पेन्ह में दो बार मुलाकात हो चुकी है. इसके अलावा, उप-राष्ट्रपति कमला हैरिस, विदेश मंत्री एंथोनी ब्लिंकेन और रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन सहित वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारियों ने भी मनीला का दौरा किया है. इसके अलावा, इस साल राष्ट्रपति मार्कोस द्वारा अमेरिका की आधिकारिक राजकीय यात्रा की योजना बनाई जा रही है. इसके अलावा, फिलीपींस की समुद्री सुरक्षा क्षमताओं को बढ़ाने की राष्ट्रपति मार्कोस की महत्त्वाकांक्षाओं का समर्थन करते हुए वॉशिंगटन ने फिलीपीनी तटरक्षक बल को अगस्त 2022 में 196,000 अमेरिकी डॉलर मूल्य के समुद्री रक्षा उपकरण एवं अन्य महत्त्वपूर्ण उपकरण प्रदान किए और अक्टूबर 2022 में विदेशी सैन्य वित्तपोषण के तहत मनीला को 10 करोड़ अमेरिकी डॉलर की वित्तीय सहायता दी गई.

मार्कोस स्पष्ट रूप से इस गठबंधन को मज़बूत बनाने की चाह रखते हैं, जो उनके पूर्ववर्ती रोड्रिगो दुतेर्ते की अमेरिका को संशय भरी नज़रों से देखने के ठीक विपरीत है. ऐसे घटनाक्रमों ने वॉशिंगटन को मनीला के साथ रणनीतिक सहयोग के क्षेत्रों के विस्तार के लिए प्रोत्साहित किया है. वास्तव में, अप्रैल 2023 में अमेरिका के साथ होने वाला वार्षिक बालिकतन सैन्य अभ्यास न केवल सबसे बड़ा द्विपक्षीय अभ्यास होगा बल्कि इसमें फिलीपीनो और अमेरिकी सेनाओं के बीच डूबते जहाज़ से जुड़े नए अभ्यास भी शामिल होंगे. बढ़ते पारंपरिक और ग़ैर-पारंपरिक ख़तरों के बीच यह इस गठबंधन को व्यावहारिक स्वरूप देने का काम करेगा. इसलिए, समझौते के तहत रक्षा स्थलों के विस्तार को हम मनीला की वॉशिंगटन के साथ मज़बूत रक्षा संबंधों स्थापित करने की मंशा के तौर पर देख सकते हैं.

मार्कोस प्रशासन के नेतृत्व में फिलीपींस ने हिंद-प्रशांत में अमेरिकी हब एंड स्पोक सिस्टम के साथ बेहतर समन्वय स्थापित करने की भी इच्छा जताई है. फरवरी 2023 में जापान की अपनी यात्रा के दौरान, मार्कोस और जापानी प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने एक द्विपक्षीय सैन्य समझौते पर हस्ताक्षर किए जो जापान को फिलीपींस में अपनी रणनीतिक उपस्थिति को बढ़ाने और उसके साथ सहयोग को और ज़्यादा मज़बूत करने का अवसर प्रदान करेगा. उसी महीने, ऑस्ट्रेलिया के उप प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री रिचर्ड मार्ल्स ने भी फिलीपींस का दौरा किया और इस बात पर ज़ोर दिया कि मनीला और कैनबेरा भी दक्षिण चीन सागर में संयुक्त नौसैनिक गश्त की शुरुआत पर विचार कर रहे हैं.

इसलिए, मनीला समझौते के तहत रक्षा स्थलों के विस्तार के ज़रिए चीन की बढ़ती उग्रता के विरुद्ध फिलीपींस की क्षेत्रीय रक्षा क्षमता को बढ़ाने और डिटरेंस पैदा करने की मंशा रखता है. और इसके साथ ही वह अमेरिका के साथ एक मज़बूत गठबंधन का फ़ायदा उठाना चाहता है. हालांकि, अंतर्राष्ट्रीय राजनीति का प्रतिस्पर्धा और अनिश्चितता भरा माहौल अन्य पड़ोसी देशों के संबंध में लिए गए विशेष नीतिगत फ़ैसलों के अल्पकालिक एवं दीर्घकालिक प्रभावों के आकलन में काफ़ी कठिनाइयां पैदा करता है.

चीन और देश की आंतरिक चुनौतियां

4 अप्रैल को, चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने EDCA विस्तार को अमेरिका का जीरो-सम खेल बताया और कहा कि क्षेत्र में स्थित देशों को फ़ैसले लेने में और ज्यादा सावधानी बरतने और ज़िम्मेदार बनने की ज़रूरत है क्योंकि इससे क्षेत्र में सहयोग की बजाय प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा मिल सकता है. जबकि बीजिंग से ऐसी प्रतिक्रियाएं अपेक्षित हैं लेकिन ये बयान ऐसे समय में दिए गए हैं और उनकी प्रकृति भी ऐसी है कि ये पश्चिमी फिलीपीन सागर में फिलीपींस और चीन के बीच संबंधों के और अधिक तनावपूर्ण होने की संभावना की ओर इशारा करते हैं क्योंकि महज़ तीन महीने पहले मार्कोस और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग समुद्री विवाद के शांतिपूर्वक निपटारे के प्रति सहमत हुए थे.

फरवरी की शुरुआत से, चीन पश्चिमी फिलीपीन सागर में लगातार फिलीपींस के विरुद्ध उकसावे वाली गतिविधियों में लगा हुआ है. क्षेत्र में अमेरिका की बढ़ती मौजूदगी को देखते हुए यह संभावना है कि चीन विवादित समुद्री क्षेत्र में सैन्यीकरण को जारी रखेगा और क्षेत्र में और अधिक ताक़त का प्रदर्शन करेगा. बीते सालों में, चीन ने पूर्वी और दक्षिणी चीन सागर में अमेरिका के फ्रीडम ऑफ नेविगेशन ऑपरेशन कार्यक्रम (FONOPS) को अनदेखा करते हुए अपने एंटी-एक्सेस/एरिया डिनायल (A2/AD) क्षमताओं में महत्त्वपूर्ण सुधार किया है. 23 मार्च को, चीनी सेना दावा किया कि उसने दक्षिणी चीन सागर में नौवहन गतिविधियों में संलग्न एक अमेरिकी युद्धपोत को दूर खदेड़ दिया है. जबकि अमेरिकी नौसेना ने दावे का खंडन किया था, लेकिन ऐसी घटनाओं से अमेरिका और चीन के बीच शक्ति प्रतिस्पर्द्धा की तीव्र प्रकृति का अंदाज़ा लगाया जा सकता है.

घरेलू राजनीति के स्तर पर फिलीपींस की कई बड़ी हस्तियों ने उन संभावित ख़तरों के प्रति चिंता व्यक्ति है की जो EDCA के दायरे को बढ़ावा देने के फ़ैसले से पैदा हो सकती हैं. SMNI (सनशाइन मीडिया नेटवर्क इंटरनेशनल) चैनल को दिए एक साक्षात्कार में पूर्व राष्ट्रपति रोड्रिगो दुतेर्ते ने अपनी चिंताएं व्यक्त करते हुए कहा कि EDCA समझौते के विस्तार से फिलीपींस की बजाय अमेरिका को फ़ायदा पहुंचा सकता है. इसी तरह, 1 मार्च को सीनेट में फॉरेन रिलेशंस कमिटी के अध्यक्ष इमी मार्कोस ने भी फिलीपीनी सरकार के EDCA समझौते के तहत रक्षा स्थलों की संख्या बढ़ाने के फ़ैसले के कारण देश की सुरक्षा पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभावों के लिए आगाह किया. सीनेटर मार्कोस ने कहा कि ज्यादातर डिफेंस बेसों का निर्माण उत्तरी लूज़ोन क्षेत्र में किया जाएगा, जो ताइवान के काफ़ी क़रीब है.

 

वास्तव में, फिलीपींस का उत्तरी इत्बयत द्वीप ताइवान से केवल लगभग 149 किमी दूर है. इसके बाद, सीनेटर मार्कोस ने सवाल किया कि क्या इस समझौते का विस्तार पश्चिमी फिलीपीन सागर में फिलीपींस की क्षेत्रीय रक्षा क्षमता को बढ़ावा देने के लिए किया जा रहा है या फिर ताइवान को लेकर चीन के साथ बढ़ते विवाद के मद्देनजर अमेरिकी पक्ष को मज़बूती प्रदान करने के लिए किया जा रहा है. परिणामस्वरूप, ऐसी गतिविधियों के चलते मनीला और बीजिंग के रिश्ते और ख़राब हो सकते हैं, और ताइवान को लेकर छिड़े युद्ध में मनीला की भूमिका और ज्यादा गहरी हो सकती है.

मार्कोस और अमेरिका-चीन के साथ संबंधों का संतुलन

राष्ट्रपति पद हासिल करने के बाद से ही, मार्कोस गठबंधन के साझीदार देश और सबसे बड़े पड़ोसी देश के बीच एक रणनीतिक संतुलन बनाने की कोशिश कर रहे हैं. हालांकि, उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा है कि उनके प्रशासन के लिए फिलीपींस की संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभु अधिकार प्राथमिकता सूची में सबसे ऊपर हैं. इस लक्ष्य के संदर्भ में, देश की समुद्री सुरक्षा क्षमताओं को मज़बूत करने और क्षेत्र में अपने रक्षा नेटवर्क में सुधार करने के लिए मनीला को ऐसे किसी ठोस बदलाव के लिए कदम उठाने की ज़रूरत थी. इसी संदर्भ में, अमेरिका के साथ समझौते की भूमिका पर लगातार ज़ोर दिया जा रहा है. राष्ट्रपति मार्कोस ने बीजिंग द्वारा समझौते की शर्तों का पालन न करने पर भी निराशा व्यक्त की है. पश्चिमी फिलीपीन सागर में चीन के बार-बार उकसावे वाली गतिविधियों को देखते हुए उन्होंने चीनी राजदूत को तलब किया था और जनवरी में दोनों देशों के नेताओं ने एक समझौते पर हामी भरी थी.

सीनेटर मार्कोस ने सवाल किया कि क्या इस समझौते का विस्तार पश्चिमी फिलीपीन सागर में फिलीपींस की क्षेत्रीय रक्षा क्षमता को बढ़ावा देने के लिए किया जा रहा है या फिर ताइवान को लेकर चीन के साथ बढ़ते विवाद के मद्देनजर अमेरिकी पक्ष को मज़बूती प्रदान करने के लिए किया जा रहा है. 

चीन के उभार ने जो चुनौतियां पैदा की हैं, उन्हें स्वीकार करते हुए मार्कोस फिलीपींस की सुरक्षा में वृद्धि के अपने दृष्टिकोण को साकार करने के लिए पारंपरिक रणनीतिक संबंधों का लाभ उठाने की कोशिश कर रहे हैं. इस पृष्ठभूमि के साथ, EDCA विस्तार के फ़ैसले को और बेहतर ढंग से समझा जा सकता है. हालांकि, इसके साथ ही मार्कोस ने इस बात को भी रेखांकित किया है कि केवल कूटनीतिक वार्ताओं के ज़रिए ही समुद्री विवादों के हल ढूंढ़े जा सकते हैं. इसलिए, मनीला राजनयिक वार्ताओं और आर्थिक सहयोग में विस्तार के माध्यम से बीजिंग के साथ संबंधों की स्थिरता को बनाए रखना चाहता है.

इस संदर्भ में मौजूदा स्थिति यह है कि 30 मार्च को एक रिपोर्ट के हवाले से बताया गया कि दोनों देशों ने पश्चिम फिलीपीन सागर में संयुक्त रूप से तेल और गैस उपक्रमों की संभावनाओं को लेकर फिर से चर्चा शुरू करने का फ़ैसला किया है, हालांकि इसका मतलब यह नहीं है कि फिलीपींस को अपने वास्तविक रक्षा हितों के बारे में नहीं सोचना चाहिए जबकि इस क्षेत्र की सुरक्षा संरचना में भारी उथल-पुथल जारी है. वर्तमान में, क्षेत्र में मौजूदा रणनीतिक समीकरणों में जिस तरह के बदलाव देखे जा रहे हैं, उसके दूरगामी प्रभावों के मद्देनजर इस बात की उम्मीद की जा सकती है कि भविष्य में फिलीपीनी विदेश नीति को और कठिन चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा.

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