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बजट 2022: हरित विकास और इनोवेशन (नवाचार) के लिए पूंजी की व्यवस्था करना
‘नई विश्व व्यवस्था में भारत-अमेरिका संबंधों के लिए भविष्य की रूप-रेखा’
बजट 2022: भारत के लिए ‘जलवायु’ अनुकूल बजट बनाने का अवसर
#NewEconomicDiplomacy: नयी आर्थिक कूटनीतिक दुनिया में ‘भारत’ होने के मायने!
भारत का ‘अमृत काल’: 2022 के बजट का सतत् विकास के लिए दृष्टिकोण
केंद्रीय बज़ट 2022-23 को समझने की कोशिश: खाली वादे या ठोस नतीजे देने वाला बज़ट?
मोदी सरकार के बजट: संस्थागत बदलावों के बग़ैर बड़ी उपलब्धियां
SDG एजेंडे पर आधारित पर 10 ट्रिलियन डॉलर वाली भारतीय अर्थव्यवस्था की राह?
#RisingIndia: उभरते हुए भारत के बारे में कुछ विचार
“किफ़ायत के विरोधाभास” पर फिर से गौर करना: समग्र विकास के दृष्टिकोण से भारत का केंद्रीय बजट 2022
केंद्रीय #बजट 2022: इंफ्रास्ट्रक्चर में अधिक निवेश ज़रूरी
वर्ष 2022 के लिये किये गये आर्थिक सर्वेक्षण में सकारात्मक संकेत!
कोरोना वायरस की महामारी: महिला श्रमशक्ति पर इसके स्थायी और दूरगामी प्रभाव
भारत का 2022: क्षमता का उपयोग और आर्थिक पुनरुद्धार
क्या ओमिक्रॉन के कारण मुद्रास्फीति बढ़ रही है?
प्लेटफॉर्म इकोनॉमी का विकास और शैक्षणिक संसाधनों तक पहुंच
कोविड 19 के बाद: ज़ख़्म से उबरने की कोशिश में भारत; विकास की रफ़्तार में धीमापन बरकरार
Covid19 से उत्पन्न नए ग़रीब: लचीलापन लाने के लिए रणनीति
क्या भारत में (आर्थिक) संपत्ति की बढ़ती असमानता आर्थिक विकास के रास्ते में रुकावट पैदा कर रही है?
भारत में महामारी से उत्पन्न हुई बेरोज़गारी के कारण आपराधिक गतिविधियों में हुई बढ़ोत्तरी
एक ‘न्यायपूर्ण बदलाव’: क्या भारत का हरित परिवर्तन समावेशी है?
अगर हम डेटा की परिभाषा नये ‘तेल’ की करते हैं तो क्या हाइड्रोजन को भी हमें नई ‘गैस’ माननी चाहिये?
अंतरिक्ष क्षेत्र में आर्थिक संभावनाएं
भारत में प्रस्तावित विकास वित्त संस्थान के संदर्भ विचार के कुछ बिंदू
जीडीपी के पूरी तरह से पटरी पर आने का रास्ता लंबा और कठिनाइयों से भरा होने के आसार
छह लाख करोड़ रुपये की नेशनल मॉनेटाइज़ेशन पाइपलाइन – वास्तव में ऐसा होगा क्या?
भारतीय अर्थव्यवस्था: पटरी पर लौटने की कोशिश में लगातार कर रही है संघर्ष
वैश्विक ईएसजी मानकों के लिए यही सबसे सही वक़्त है…वैश्विक ईएसजी मानकों के लिए यही सबसे सही वक़्त है…