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जेंडर के स्तर पर शहरी समावेशी रोज़गार गारंटी योजना, मौजूदा वक्त़ की सबसे अहम् ज़रूरत है!
#Urban Planning: योजना प्राधिकरण क्षेत्र के अंतर्गत विशेष ‘योजना अथॉरिटी’ के गठन का मसला
The need of the hour: Gender-inclusive Urban Employment Guarantee Scheme
The merger of municipal corporations: Good or bad?
Illegal construction in India’s cities: Can we effectively deal with them?
How Fares the PMAY (U)? Taking Stock of India’s National Housing Programme
म्युनिसिपल कॉरपोरेशन में प्रशासक: क्या हैं मायने?
বিশ্ব ও ভারতীয় গণতন্ত্রের সুদৃঢ়করণ
Constituting Special Planning Authority within the area of a planning authority
Administrators in municipal corporations: What does it mean?
भारतीय शहरों में शहरी तौर-तरीकों से की जाने वाली खेती-बाड़ी और उसके फ़ायदे!
दुनिया के तमाम देशों और भारत में लोकतांत्रिक व्यवस्था को मज़बूत करने के लिये कुछ सुझाव!
The practice of urban agriculture in Indian cities
दिल्ली शहर को ज़रूरत है एक बेहतर मास्टर प्लान की!
Reinforcing global and Indian democracy
शहरी धरोहर और इनके रखरखाव की त्रुटिपूर्ण रणनीतियाँ
শহরতলির রূপান্তরের পথ
জাতীয় বাজেট ২০২২-২৩: পৌর প্রতিষ্ঠানগুলির প্রাপ্তি কতটুকু?
City heritage and flawed strategies
क्या निजी क्षेत्र में ‘योग्यता क्रांति’ के सहारे सिविल सेवा में सुधार की राह प्रशस्त हो सकती है?
न्यायसंगत बदलाव से क्या रसोई के ईंधन के मामले में आमूल-चूल बदलाव मुमकिन है?
Delhi needs a good master plan
शहरों की परिधि के इलाकों में होने वाले बदलाव को कैसे निर्देशित किया जाए
২০২২: নাগরিক শাসনের প্রথম স্তর হিসেবে শহরগুলিকে পুনরায় সংজ্ঞায়িত করার বছর
Guiding peri-urban transformation
सार्वजनिक हरे भरे स्थानों और शहरी जनसंख्या के बीच के संबंध
Do private sector ‘meritocracy revolutions’ show the way for civil service reforms?
উত্তর ভারতে বায়ুদূষণের বিরুদ্ধে লড়াই: সহযোগিতামূলক যুক্তরাষ্ট্রীয়তাই আগামীর পথ