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शरीफ यांच्या अलीकडील चीन दौऱ्याची निकड, वाढत्या कर्जाच्�
पाकिस्तान की हुकूमत ने बलोच विरोध प्रदर्शनों को लेकर जो �
काश्मीर खोऱ्यामध्ये समस्या निर्माण करण्याच्या इस्लामा�
सत्ता से हटने के बाद इमरान खान लगातार सुर्खियों में हैं.
अफ़ग़ानिस्तान को लेकर पाकिस्तान का रणनीतिक आकलन उल्टा प�
जम्मू-कश्मीर में अमनचैन की आधिकारिक पटकथा के बीच ज़मीनी �
पाकिस्तान के नए वज़ीर-ए-आज़म शहबाज़ शरीफ़ के लिए सबसे बड़�
नए प्रधानमंत्री के समक्ष देश की आंतरिक और वाह्य चुनौतियो
इमरान ख़ान के ख़िलाफ़ अविश्वास प्रस्ताव ख़ारिज होने से प
कोई भी संगठन सिर्फ अपने दम पर वजूद में नहीं रह सकता, संगठन �
किसी समाज के कुछ हिस्से को दूसरों के ख़िलाफ़ इस्तेमाल कर�
इस्लामाबादकडे निघालेल्या मोर्चाचे परिणाम काय होतील याची कोणालाही खात्री नसली तरी, हे स्पष्ट आहे की पाकिस्तान सतत अस्थिरतेच्या काळात आहे.
यूएई, सऊदी अरब और अमेरिका जैसे पाकिस्तान के शुभचिंतकों को इस्लामाबाद को अपने तौर-तरीकों में सुधार लाने के प्रयासों में शामिल करना जरूरी है.
अक्टूबर में पाकिस्तान ने कहा कि जो लोग वैध दस्तावेजों के बगैर रह रहे हैं, वे खुद लौट जाएं. अगर वे नहीं जाते हैं तो 1 नवंबर के बाद उन्हें जबरन अपने-अपने देश भेजा जाएगा.
पाकिस्तानची सततची भारतविरोधी भूमिका आणि इस्लामाबादमधील नागरी नेतृत्वाकडून अविश्वासार्ह संवादाच्या ऑफरमुळे हे संबंध भारतासाठी क्षुल्लक झाले आहेत.
इस्लामाबाद का दौरा कर जयशंकर ने SCO सदस्यों को संदेश दिया है कि नई दिल्ली इस मंच को लेकर गंभीर है. पाकिस्तान तो निमित्त मात्र था.
मोदी और नवाज शरीफ के बीच केमिस्ट्री अच्छी रही है. सेना के समर्थन से इस्लामाबाद में अभी एक प्रभारी हुकूमत है, जो कई चुनौतियों से जूझ रही है. ऐसे में भारत-पाकिस्तान के बीच सम्ब�