-
CENTRES
Progammes & Centres
Location
16 results found
अमेरिका अभी भी यूक्रेन की सहायता के लिए प्रतिबद्ध है लेक�
जैसे-जैसे युद्ध की कीमत बढ़ती जा रही है, यूक्रेन की ठिठुरत
ऐसी भी खबरें आई है जिनमें रूस के अपने कैदियों को युद्ध में
जिस कोल्ड वॉर सरीखी सुरक्षा संरचना में 24 फरवरी कोहमने पुन
भारत का पक्ष बिल्कुल स्पष्ट है, वो शांति के पक्ष में है और
हर देश का अपना-अपना हित है और हर देश अपने हितों के बारे में
वास्तव में इस युद्ध के पात्र सब पक्ष - रूस, यूक्रेन और अमेर�
यूक्रेन संकट के साथ-साथ अमेरिका की घरेलू चुनौतियां बाइडे
ये लेख यूक्रेन में चल रहे युद्ध को लेकर यूक्रेन का नज़रिय�
रूस की नज़र में चूंकि यूरोप भर में सैनिक मोर्चेबंदी बढ़ र�
With Kashmir on the boil the older debate of autonomy of Kashmir has resurfaced
हालिया अमेरिका यात्रा के दौरान यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने गर्व से कहा कि यूक्रेन जिंदा है और कभी समर्पण नहीं करेगा.
पिछले दिनों यूक्रेन के मसले पर डोनाल्ड ट्रंप और वोलोडिमिर जेलेंस्की के बीच हुई तीखी नोंकझोक के बाद अमेरिका और यूरोपीय देशों के बीच तनाव बढ़ गया है. लेकिन क्या इस तनाव से वै�
दुनिया के कई हिस्से इन दिनों लड़खड़ाते दिख रहे हैं, लेकिन एक लिहाज से यह पश्चिमी देशों और संयुक्त राष्ट्र जैसी संस्थाओं की रणनीतिक विफलता का भी संकेत है.
रूस भी अमेरिकी विदेश नीति को व्यावहारिक बताते हुए उसे अपने हितों के अनुरूप बता रहा है. स्वाभाविक है कि इससे यूरोप की चिंता बढ़ेंगी.
जेलेंस्की ने यह भी सुझाया है कि अगर भारत स्विस शिखर सम्मेलन की घोषणा पर हस्ताक्षर करने के लिए तैयार हो तो वह शांति शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर सकता है. बहरहाल, युद्ध बदस्तूर ज