Published on Nov 23, 2021 Updated 0 Hours ago

कोरोना वायरस महामारी के दुष्प्रभावों की कमी के साथ ही मालदीव अब पर्यावरण बदलाव, अर्थव्यवस्था और पर्यटन जैसे मुख्य मुद्दों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है.

मालदीव: अर्थव्यवस्था और पर्यटन में तेजी, सियासत में कमी

दुनिया भर में कोरोना महामारी के घटते प्रभाव के बीच एक साल में 1,000,000वें पर्यटक का आना – और सिर्फ अक्टूबर महीने में 100,000 पर्यटकों की संख्या – के बाद अंतर्राष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी फिच ने मालदीव के लंबे समय से चली आ रही करेंसी डिफॉल्टर रेटिंग को ‘ccc’ से बेहतर बताते हुए इसे ‘B-’ कर दिया. इसके आगे खुशखबरी यह भी है कि वार्षिक पर्यटन का महीना अभी शुरू हुआ है और नए साल में अप्रैल महीने तक यह जारी रहने वाला है, जिसका मतलब यह हुआ कि देश के पर्यटन आधारित अर्थव्यवस्था की पटरी पर लौटने की रफ्तार भले धीमी हो लेकिन बहुत जल्द यह वापसी कर लेगी.

अंतर्राष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी फिच ने मालदीव की रेटिंग में सुधार के लिए संभावना से पहले अर्थव्यवस्था में आई तेजी को ज़िम्मेदार बताया है. पर्यटकों का आना 70 फ़ीसदी ज़्यादा हुआ है जो कोरोना महामारी के पहले के दौर के बेहद करीब है. यही नहीं बेड नाइट की तादाद में भी सुधार हुआ है क्योंकि अब पर्यटक पहले के मुकाबले होटलों में औसतन तीन दिन से ज़्यादा दिनों तक रूकने लगे हैं. हालांकि एजेंसी ने कोरोना महामारी की तीसरी लहर और विश्व के दूसरे पर्यटन स्थलों को लेकर बढ़ती प्रतिस्पर्धा को लेकर चेतावनी दी है, जो सुधार के रास्ते पर हैं.

एक ट्वीट में, वित्त मंत्री इब्राहिम अमीर ने फिच की रेटिंग का स्वागत किया है और दावा किया है कि सरकार ने बाज़ार समर्थित दृष्टिकोण अपना कर कम अवधि की तरलता के जोख़िम की देखभाल करने का प्रबंध किया है. उन्होंने कहा कि जैसे ही अर्थव्यवस्था में सुधार होता है ऋण-जीडीपी अनुपात में भी बढ़ोतरी की गुंजाइश है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि सरकार इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट में निवेश कर अर्थव्यवस्था में विविधता लाने की कोशिश में है जिसका परिणाम अर्थव्यवस्था में विकास के तौर पर देखा जाएगा. यहां तक कि पर्यटन क्षेत्र में बेड क्षमताओं में भी बढ़ोतरी होती रहेगी. वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि वित्तीय घाटा भी चकबंदी उपायों की वजह से कम हो सकता है, ख़ास कर यह देखते हुए कि सरकार का वर्तमान में ध्यान आर्थिक संकट को लम्बा खींचने वाले कठिन मितव्ययिता उपायों के बजाय विकास पर है.

अंतर्राष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी फिच ने मालदीव की रेटिंग में सुधार के लिए संभावना से पहले अर्थव्यवस्था में आई तेजी को ज़िम्मेदार बताया है. पर्यटकों का आना 70 फ़ीसदी ज़्यादा हुआ है जो कोरोना महामारी के पहले के दौर के बेहद करीब है. 

वित्त मंत्री अमीर ने भावी पीढ़ी के लिए भी शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में आवंटन की राशि बढ़ाकर, जो मुल्क के लिए बेहद संवेदनशील मुद्दा है, ख़ास कर अक्टूबर 2023 में होने वाले राष्ट्रपति चुनावों से पहले एक मज़बूत संदेश दिया  है. संसद में 36.9 बिलियन एमवीआर का बज़ट पेश कर उन्होंने शिक्षा के लिए 4.49 बिलियन एमवीआर और स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए 4.6 बिलियन एमवीआर का आवंटन किया. इसी तरह आर्थिक विकास के मद में 8 बिलियन एमवीआर और ट्रांसपोर्ट सेक्टर के लिए 2.4 बिलियन एमवीआर का आवंटन उन्होंने बज़ट में किया. इसके साथ ही 1 बिलियन एमवीआर का आवंटन पर्यावरण सुरक्षा और 800 मिलियन एमवीआर हाउसिंग सेक्टर के लिए आवंटित किया गया, जो चुनावों के साथ-साथ सामाजिक रूप से काफी महत्वपूर्ण है.

1 जनवरी से शुरू होने वाले नए वित्त वर्ष में प्रस्तावित आय प्राप्ति के 24.2 बिलियन एमवीआर के आंकड़े के साथ, इस बज़ट में 9.7 बिलियन एमवीआर या जीडीपी के 11.1 फ़ीसदी राजकोषीय घाटे के लिए आवंटित किया गया. इस बज़ट में 2022 में अर्थव्यवस्था में 12 फ़ीसदी विकास दर हासिल करने की बात की गई है. इसके मुकाबले अंतर्राष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी फिच ने साल 2021 में जीडीपी में 29.4 फ़ीसदी तेजी का अनुमान लगाया है और 2022 में 10 फ़ीसदी की तेजी का अनुमान लगाया है.

युवाओं में बेरोजगारी अभी भी ज़्यादा

बज़ट में आवंटित राशि और ज़्यादा महत्वपूर्ण हो जाती है जब इसे नेशनल ब्यूरो ऑफ स्टैटिसटिक्स (एनबीएस) के आंकड़ों के समांतर देखा जाता है, जो यह बताते हैं कि मुल्क में 56 फ़ीसदी युवा बेरोज़गार हैं और वो शिक्षा व्यवस्था से बाहर हैं. महज 89,956 युवाओं को ही रोज़गार प्राप्त है और 12 फ़ीसदी युवाओं को ही उच्च शिक्षा प्राप्त हुई है जबकि 77 फ़ीसदी युवाओं को ही माध्यमिक शिक्षा मिली है. हालांकि सरकार का कहना है कि उन्होंने संबंधित संस्थानों से ज़्यादा से ज़्यादा शिक्षा और रोज़गार के अवसर पैदा करने के लिए काम करना शुरू किया है.

युवाओं से संबंधित यह आंकड़ा देश की आबादी का 45 फ़ीसदी है जो इससे पहले के वर्ष की तुलना में दो फ़ीसदी या 257,215 ज़्यादा है. इसमें 188,092 पुरुषों की संख्या है. 41 फ़ीसदी युवा महिलाएं और 15 फ़ीसदी युवा या तो बेरोजगार हैं या फिर वो मौजूदा शिक्षा व्यवस्था में शामिल नहीं हैं. एनबीएस का दावा है कि बेरोज़गार महिलाओं की बढ़ी हुई तादाद उनकी पारिवारिक प्रतिबद्धताओं की वजह से है.

जैसा कि दूसरी जगहों पर, ख़ास कर युवा बेरोज़गारी का, गंभीर सामाजिक परिणाम होता है, जो मालदीव में और अधिक है. दक्षिण एशिया के ऐसे देश में मालदीव शामिल है जहां तलाक की दर सबसे ज़्यादा है. परिणामस्वरूप बिखरे परिवार, और माचिस की डिब्बी के आकार वाले घरों में जगह की कमी युवाओं को – पुरुष और महिलाओं दोनों ही को – सड़क पर जीवन व्यतीत करने पर मज़बूर करती है. देश की राजधानी माले में, जहां इस क्षेत्र में सबसे ज़्यादा आबादी का घनत्व है, बेघर युवाओं को सड़क पर अपराध करने वाले गैंग फौरन लपकने को तैयार होते हैं, जो उन्हें ‘समूह की पहचान’ देते हैं. इसके चलते युवा ड्रग्स और तस्करी की चपेट में आ जाते हैं जो अंतर्राष्ट्रीय ड्रग्स माफियाओं के लिए काम करने लगते हैं. निरंतर सरकारों ने इस समस्या का हल निकालने की नाकाम कोशिश की है.

निवेशकों के लिए तैयार

विदेशों में राष्ट्रपति इब्राहिम सोलिह ने आर्थिक विविधताओं वाले प्रोजेक्ट शुरू करने के संकेत दिए हैं. दुबई एक्सपो 2020 में मालदीव निवेश फोरम में अपने संबोधन के दौरान कहा कि मालदीव के लोगों ने हमेशा से समंदर पर अपनी जीविका और बेहतरी के लिए निर्भरता दिखाई है, इसलिए सरकार की आर्थिक नीतियों में ‘समंदर की अर्थव्यवस्था को प्रमुखता से जगह दी गई है.

इस संबंध में सोलिह ने कहा कि कोरोना महामारी के बाद देश अब निवेश और निवेशकों के स्वागत के लिए तैयार है. सुव्यवस्थित प्रक्रियाओं के जरिए अनावश्यक नौकरशाही और लालफीताशाही को हटाने के लिए सक्षम वातावरण को बढ़ावा देना, वित्त को लेकर पहुंच बढ़ाने के साथ निवेशकों के प्रति जवाबदेही, पारदर्शिता, अचल स्थिति को सुनिश्चित करना सरकार की प्राथमिकता है.

मुल्क में 56 फ़ीसदी युवा बेरोज़गार हैं और वो शिक्षा व्यवस्था से बाहर हैं. महज 89,956 युवाओं को ही रोज़गार प्राप्त है और 12 फ़ीसदी युवाओं को ही उच्च शिक्षा प्राप्त हुई है जबकि 77 फ़ीसदी युवाओं को ही माध्यमिक शिक्षा मिली है

दुबई में राष्ट्रपति सोलिह ने पर्यावरण बदलाव को भी रेखांकित किया जिसे उनकी सरकार में विदेश मंत्री अब्दुल्ला शाहीद ने एक अलग स्तर पर अलग जगह ले जाकर चर्चा की. ग्लासगो में संयुक्त राष्ट्र संघ में आयोजित 26 वें संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण बदलाव सम्मेलन ( कॉप 26 ) में बतौर अध्यक्ष शाहीद ने कहा कि बावजूद क्षमता और संसाधन के  देश  पर्यावरण बदलाव को लेकर आवश्यक कदम उठाने में नाकाम रहा है. उन्होंने कहा कि “हमारे पास बहाने ख़त्म हो गए हैं। सही काम करने का समय आ गया है”.

ग्लासगो में राष्ट्रपति सोलिह ने दोबारा राष्ट्र की चिंता जताई और कहा कि “अगर जलवायु परिवर्तन का स्तर बिगड़ता है तो सदी के अंत तक मालदीव का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा” उन्होंने कहा कि इस संबंध में “अगर तापमान में वृद्धि 1.5 पर अनियंत्रित रहती है और 2 डिग्री तक अधिक हो जाती है, तो यह मालदीव के लिए मौत की सजा जैसी होगी. हम इन प्रवृत्तियों को उलटने के लिए वैश्विक समाधानों का हिस्सा बनने के लिए, यथास्थिति को बदलने के लिए दृढ़संकल्प हैं”.

सोलिह और नाशिद दोनों ने ग्लासगो सम्मेलन में हिस्सा लिया. दोनों में से, नाशिद पूरी दुनिया में ‘पर्यावरण योद्धा’ के तौर पर मशहूर हैं जैसा कि वे घरेलू मोर्चे पर ‘लोकतांत्रिक योद्धा’ के रूप में जाने जाते हैं. मालदीव जैसे छोटे मुल्क की बुरी हालत को रेखांकित करने के लिए राष्ट्रपति सालिह ने 2009 में कोपेनहेगन सम्मेलन का आयोजन समंदर के नीचे आयोजित किया था. .

सभी को साथ लेकर चलना

कोरोना महामारी के बाद अर्थव्यवस्था, पर्यटन और पर्यावरण बदलाव मीडिया के मुख्य आकर्षण बनते जा रहे हैं और लोगों के विमर्श में सियासत की जगह सिकुड़ती जा रही है. यह सत्तारूढ़ मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) के भीतर की दरारों की बड़ी वजह भी है, जो कोरोना महामारी के शीर्ष पर भी राष्ट्रीय चिंता के केंद्र में स्थापित है. ये संयोग हो सकता है कि जैसे कोरोना महामारी में भी कमी आई, वैसे ही एमडीपी का तनाव, विशेष रूप से अध्यक्ष नशीद के 6 मई को माले में हुए विस्फोट के दौरान लगी चोटों के लिए उपचार के बीच घर लौटने के बाद कम हो सकता है.

नशीद ने राष्ट्रपति सोलिह से राष्ट्रपति भवन में मुलाकात की, और गासिम इब्राहिम, जुम्हूरी पार्टी (जेपी) के नेता, एमडीपी के सहयोगी से उनके निवार्चन क्षेत्र मामीगिली में मिले. इसके अलावा उन्होंने कथित तौर पर पूर्व रक्षा मंत्री कर्नल मोहम्मद नाज़िम (सेवानिवृत्त) की नई मालदीव नेशनल पार्टी (एमएनपी) के नेतृत्व से भी मुलाकात की. दुबई में रहते हुए, अपनी तरफ से सोलिह, पूर्व राष्ट्रपति मौमून अब्दुल गयूम से मिले, जो एमडीपी के एमआरएम सहयोगी के संस्थापक थे.

माना जाता है कि गठबंधन के नेताओं और अन्य लोगों के साथ अपनी चर्चा में, सोलिह और नाशिद ने मौजूदा राष्ट्रपति प्रणाली से शासन के संसदीय स्वरूप में हस्तक्षेप के बाद की मांग पर चर्चा की. यह बैठक अहम हो गई जबकि नाशिद ने ऐलान किया कि सोलिह बदलाव चाहते हैं. उन्होंने दोबारा कहा कि अगर सभी पार्टियां एक साथ आकर बदलाव के लिए काम करती हैं तो यह फायदेमंद होगा. इसमें राजनीतिक विरोधी दल भी शामिल हैं लेकिन प्रोजेक्ट की कामयाबी एमडीपी की सहयोगी पार्टियों पर ज़्यादा निर्भर करती है.

विदेशों में राष्ट्रपति इब्राहिम सोलिह ने आर्थिक विविधताओं वाले प्रोजेक्ट शुरू करने के संकेत दिए हैं. दुबई एक्सपो 2020 में मालदीव निवेश फोरम में अपने संबोधन के दौरान कहा कि मालदीव के लोगों ने हमेशा से समंदर पर अपनी जीविका और बेहतरी के लिए निर्भरता दिखाई है

देश में रहते हुए अपने राजनीतिक मुलाकातों से स्वतंत्र, स्पीकर नाशिद ने सितंबर में दोनों के बीच हुई ऑनलाइन बातचीत के बाद चीन के राजदूत वांग लिक्सिन से आधिकारिक तौर पर व्यक्तिगत मुलाकात की. यह मुलाकात अहम इसलिए भी हो जाती है क्योंकि नाशिद ने मालदीव में चीन के प्रोजेक्ट का विरोध किया था.

दबी उम्मीदें


अब तक सत्ताधारी गठजोड़ के तहत राजनीतिक चर्चा में जिन पार्टियों का जिक्र होता है वे ख़ामोश हैं, इस तरह सियासी तापमान फिलहाल कम है. लेकिन इसी वक्त एमडीपी में संभावित गठजोड़ के चलते विरोधी पीपीएम-पीएनसी खेमे में उम्मीदें फीकी पड़ती जा रही है.

बीच-बीच में ‘भारत हटाओ अभियान’, इस बार जैसे मालदीव मैरिटाइम सेना के लिए यूटीएफ द्वीप आधारित निर्माण को लेकर हो रहा है, नकारात्मक प्रभावों को दूर करना इतना आसान नहीं है. अगर पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन की निचली अदालत के पांच साल जेल और 10 मिलियन अमेरिकी डॉलर जुर्माना के आदेश के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट में अपील पर संभावित फैसला  आता है. इसी फैसले पर राष्ट्रपति चुनाव की होने वाली जंग में यामीन का चुनावी भविष्य टिका हुआ है.

राष्ट्रीय सुरक्षा (241 कमेटी) पर संसद की कमेटी ने यूटीएफ समझौते पर मुहर लगाई, पीपीएम के नेता जिन्होंने इसमें हिस्सा लिया उन्होंने बाद में इसे लेकर बयान दिया कि यह असंवैधानिक है और इसे रद्द किए जाने की वो मांग करने लगे. बगैर यमीन के ही पीपीएम ने अपना 10 वां स्थापना दिवस मनाया और राष्ट्र की संप्रभुता के लिए ‘स्वतंत्रता मार्च’ का आयोजन किया.

एक महत्वपूर्ण कदम के तहत, भारत के नियंत्रक और महालेखापरीक्षक (सीएजी), गिरीश चंद्र मुर्मु, अपने बेहद कम विदेश दौरे में से एक के दौरान, इस संबंध में एक समझौते पर हस्ताक्षर करने वाले हैं.

इनका दावा है कि यमीन की गिरफ्तारी से पार्टी की सदस्यता में बढ़ोतरी हुई है – एमडीपी की सदस्यता 37,093 से 53,139 हो गई. यह तब है जबकि नई रजिस्टर्ड मालदीव नेशनल पार्टी (एमएनपी), जिसके संस्थापक नाज़िम ने राष्ट्रीय सिद्धान्तों को दोबारा जिंदा करने का वादा किया और अमेरिकी डॉलर की काला बाज़ारी को रोकने के लिए कदम उठाने की बात की. एमएनपी संसदीय समूह के नेता और पूर्व नेशनल पुलिस चीफ, अब्दुल्ला रियाज़ ने इशारा किया कि पार्टी के सांसदों की संख्या बढ़ सकती है क्योंकि हो सकता है कि मौजूदा तीन सांसद  अपना पाला बदल लें.

अपने हिस्से के तौर पर भारत के इस पड़ोसी देश ने द्विपक्षीय समझौतों को लेकर कोशिशें जारी रखी है, जैसे बेहतर सरकार के लिए क्षमता विकास के निर्माण को लेकर एक अलग समझौता करने की दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं, जिसमें इस बार अकाउंटिंग और ऑडिट प्रक्रियाओं पर विशेष ध्यान रखने की बात है. एक महत्वपूर्ण कदम के तहत, भारत के नियंत्रक और महालेखापरीक्षक(सीएजी), गिरीश चंद्र मुर्मु, अपने बेहद कम विदेश दौरे में से एक के दौरान, इस संबंध में एक समझौते पर हस्ताक्षर करने वाले हैं.

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