Author : Ramanath Jha

Published on Sep 07, 2022 Updated 0 Hours ago

नगर पालिकाओं (Municipalities) की संख्या कम करने से प्रतिस्पर्द्धा कम हो जाती है. विलय के बाद यूएलबी (ULB) के बीच प्रतिस्पर्द्धा की भावना कम पड़ने लगती है, जो दी जाने वाली सेवाओं की गुणवत्ता और जवाबदेही पर प्रतिकूल प्रभाव डालती है.

#UrbanPlanning: क्या दो नगर निकायों को जोड़कर एक नगर निगम बनाना सही है?

Urban Planning: क्या दो या दो से अधिक नगर निकायों (Municipalities/Municipal Corporation) को एक बड़ी इकाई में विलय करने से बेहतर गर्वनेंस (Governance) सुनिश्चित किया जा सकता है, या क्या यह एक बड़े शहर का निर्माण (City Development) करता है जिस पर शासन करना मुश्किल होता है? अमेरिका में 2009 के एक अध्ययन की बात करें तो, [xl] ऐसा कोई ठोस सबूत नहीं है जो नगरपालिका के विलय के पक्ष में था और इसके परिणाम मिश्रित थे क्योंकि नगरपालिका विलय दीर्घकालिक वित्तीय लाभ के मामले में लगातार फायदेमंद नहीं होते हैं. विलय के परिणामस्वरूप ट्रांजिशन,वेतन,सेवा सामंजस्य,अतिरिक्त सुविधाएं,उपकरण के साथ भौतिक और प्रशासनिक बुनियादी ढांचे से संबंधित लागतें आती हैं. [xli] इसी समय इससे जुड़े फायदे में वर्कफोर्स को कम करना और कुछ प्रशासनिक दोहराव को समाप्त करना शामिल होता है. इससे एकसमान भूमि उपयोग योजना, आर्थिक विकास, सेवा वितरण की इक्विटी, और बुनियादी ढांचे का समर्थन करने के लिए व्यापक टैक्स बेस में लाभ होता है. [xlii] हालांकि स्थानीय निर्वाचित प्रतिनिधि, कर्मचारी और नागरिक इस तरह के विलय को स्थानीय नियंत्रण खोने के तौर पर देखते हैं.

2018 में, 20 साल पहले नगरपालिका विलय पर अनुभव के आधार पर तैयार किए गए दस्तावेजों का विश्लेषण किया गया था और इसके नतीजों को तीन श्रेणियों में रखा गया था – आर्थिक दक्षता और लागत बचत, प्रबंधकीय निहितार्थ और लोकतांत्रिक परिणाम. [xliii] आर्थिक दक्षता और ख़र्च के संबंध में, कुछ लागत बचत के संकेत थे, मुख्य रूप से सामान्य प्रशासनिक कार्यों में, लेकिन ऐसे बचत भी अन्य सेवाओं पर अतिरिक्त ख़र्च से ख़तरे में पड़ने वाले थे, जैसे कि अधिक जटिल नौकरशाही के कारण समन्वय और प्रबंधन में आने वाली लागत. इसलिए किसी भी तरह की इकोनॉमी ऑफ स्केल के हासिल होने की संभावना नहीं थी. [xliv] हालांकि मिला देने से नागरिकों को स्थानीय सेवा वितरण की गुणवत्ता में कुछ सुधार के संकेत मिलने की संभावना थी लेकिन यहां भी बढ़ी हुई स्थानीय सरकारी नौकरशाही को चलाना महंगा साबित हो रहा था. [xlv] इस समीक्षा से यह निष्कर्ष निकाला गया कि विलय से स्थानीय लोकतंत्र पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है, इससे मतदान दर घटता है, स्थानीय चुनावों में उम्मीदवारों की संख्या कम होती है, आंतरिक राजनीतिक प्रभावशीलता में कमी आती है और स्थानीय लोगों के बीच सामुदायिक लगाव भी कम होता है. ऐसे विलय से दक्षता और लोकतंत्र के बीच एक तरह का समझौता होता है. [xlvi]

साल 2013 के एक पेपर में जिसमें टोरंटो, कनाडा में छह नगर पालिकाओं के एकीकरण पर एक केस स्टडी का जिक्र था, शोधकर्ताओं ने नगरपालिका लागत, स्थानीय करों, शासन और नागरिक भागीदारी पर विलय के प्रभावों की समीक्षा की थी.[xlvii] उन्होंने निष्कर्ष निकाला कि विलय ने सेवाओं की बेहतरी से संबंधित किसी भी समस्या का समाधान नहीं किया लेकिन ‘नौकरशाही भीड़’ को ज़रूर जन्म दिया – इससे स्थानीय नौकरशाही को पनपने का मौक़ा मिला. हालांकि आर्थिक विकास के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि सामने आई थी, अमीर और ग़रीब नगर पालिकाओं के बीच सही तरीक़े से कर-बंटवारा होने लगा और स्थानीय सेवाओं के सामान्यीकरण की संभावना बढ़ गई जिससे सभी नागरिकों को एक ही तरह की सेवा मिल सके. [xlviii]

  • एक बड़ी नगरपालिका द्वारा इकोनॉमी ऑफ स्केल को प्राप्त करने की अधिक संभावना है. प्रत्येक इकाई में वैधानिक रूप से ज़रूरी कुछ नगरपालिका नौकरियों के दोहराव से बचा जा सकता है और वर्कफोर्स को कम किया जा सकता है. इसके अलावा, कम प्रशासनिक ओवरहेड, कम प्रति यूनिट लागत, बुनियादी ढांचे को साझा करना और वार्षिक परिचालन लागत में कमी से कुल लागत में कमी लाई जा सकती है.
  • बड़े नगर निकाय जटिल और विविध सेवाओं को संभालने के लिए अधिक वित्तीय और तकनीकी क्षमता रखते हैं जो वो मुहैया भी कराते हैं. इसलिए नगरपालिका कर्मियों के बीच अधिक विशेषज्ञता हो सकती है, जो बदले में महानगरों के प्रबंधन में मदद कर सकती है. टैक्स स्ट्रक्चर का (कॉन्सोलिडेशन) समेकन नगरपालिकाओं को आवश्यकतानुसार बुनियादी ढांचे का निर्माण करने के लिए सक्षम बनाता है. बड़ी नगरपालिका के चलते बाज़ार में बाहर जाने और कर्ज़ जुटाने की क्षमता कई गुना बढ़ जाती है और वे वित्तीय संस्थानों को उनमें निवेश करने के लिए आकर्षित करते हैं.
  • कई देशों का यह अनुभव रहा है कि बड़ी नगर पालिकाएं बेहतर सेवा वितरण के लिए सही होती हैं. यह अधिक धन और तकनीकी और नियोजन क्षमता के कारण है. इसके अलावा विलय से एकीकृत इकाइयों के बीच सेवा वितरण के सर्वोत्तम बेंचमार्क का चयन होता है. सर्वोत्तम सेवा वितरण स्तर वाले लोग नहीं चाहेंगे कि उन्हें कम किया जाए और जो सेवा वितरण के निम्न स्तर वाले हैं वे अपने मानकों में सुधार करना चाहेंगे. इसलिए विलय किए गए इक्विटी की तलाश में विलय की गई इकाइयों के बीच सर्वोत्तम प्रचलित मानदंड को अपनाने की प्रवृति बढ़ती है.                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                        विलय से कई नकारात्मक प्रभाव भी पैदा हो सकते हैं:

नोट: यह लेख RAMANATH JHA द्वारा लिखे गये ओआरएफ़ हिंदी के लॉन्ग फॉर्म सामयिक पेपर “#Urban Planning: दिल्ली की तीन नगरपालिका निकायों के विलय और उसके परिणाम का निष्पक्ष विश्लेषण” से लिया गया एक छोटा सा हिस्सा है. इस पेपर को विस्तार से पढ़ने के लिये आगे दिये गये occasional paper के हिंदी लिंक को क्लिक करें, जिसका शीर्षक है- #Urban Planning: दिल्ली की तीन नगरपालिका निकायों के विलय और उसके परिणाम का निष्पक्ष विश्लेषण

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