Authors : Vivek Mishra | Neha Jain

Published on Oct 11, 2022 Updated 24 Days ago

रो राजनीतिक दरार को और आगे बढ़ाने के लिए रो बनाम वेड के फैसले को पलटने के बजाय, बाइडेन प्रशासन को ठोस कार्रवाई पर ध्यान देना चाहिए.

रो बनाम वेड विवाद: अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन के लिए एक निर्देशात्मक एजेंडा

इस साल 24 जून को अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने अपने 1973 के रो बनाम वेड के फैसले को पलट दिया, जिसने पहले देश में महिलाओं के लिए गर्भपात के  संवैधानिक अधिकार की गारंटी दी थी. इस फैसले को सुधारवादी कदम के तौर पर व्यापक रूप से स्वागत किया गया था क्योंकि इसे गर्भपात के अत्यधिक प्रतिबंधात्मक राज्य कानून के प्रभाव को सीमित करने के जनादेश के तौर पर देखा गया. रो बनाम वेड के फैसले को पलटने का असर महिलाओं, अल्पसंख्यकों, निम्न-आय वाले व्यक्तियों और समाज के हाशिए पर खड़े दूसरे समूहों पर व्यापक होने की उम्मीद है. जैसे-जैसे देश का राजनीतिक विभाजन गहराता जा रहा है, बाइडेन प्रशासन से उम्मीद की जा रही है कि इस साल नवंबर में होने वाले मध्यावधि चुनावों में गर्भपात के अधिकार के इर्द गिर्द होने वाली सियासत के साथ वो अपने मतदाताओं का भरोसा जीत लेंगे. इस संबंध में बाइडेन प्रशासन द्वारा महत्वपूर्ण कदमों में से एक अत्यधिक बोझ वाले गर्भपात क्लीनिकों को संसाधन उपलब्ध कराना है और इस निर्णय से प्रभावित व्यक्तियों की सुरक्षा के लिए देश में गोपनीयता और डेटा क़ानूनों को मज़बूत करने की कोशिश करना है.

पिछले लोकतांत्रिक नेताओं की तरह बाइडेन प्रशासन ने विपक्ष यानी रूढ़िवादी रिपब्लिकन पर रो बनाम वेड पर फैसले को उलटने का आरोप मढ़ा और अब बाइडेन प्रशासन आम जनता से उन नेताओं को वोट देने का आग्रह कर रहा है जो गर्भपात को लेकर ऐतिहासिक फैसले को कायम रखने का समर्थन करेंगे.



पिछले लोकतांत्रिक नेताओं की तरह बाइडेन प्रशासन ने विपक्ष यानी रूढ़िवादी रिपब्लिकन पर रो बनाम वेड पर फैसले को उलटने का आरोप मढ़ा और अब बाइडेन प्रशासन आम जनता से उन नेताओं को वोट देने का आग्रह कर रहा है जो गर्भपात को लेकर ऐतिहासिक फैसले को कायम रखने का समर्थन करेंगे. हालांकि, यह सच है कि तीन रूढ़िवादी सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों की नियुक्ति के ज़रिए रो बनाम वेड के फैसले को पलटना बड़े पैमाने पर संभव हुआ और जिन सीनेटरों ने इस निर्णय का समर्थन किया उनका मतदान इसे क़ानून के तौर पर सूचीबद्ध करने में सहायक होगा और ऐसे वोटर बेस जिसे बाइडेन प्रशासन ने अपनी निष्क्रियता से निराश किया उन पर ज़्यादा भरोसा करना संभावित सियासी फायदा नहीं दिला सकता है. पिछले कुछ सालों से डेमोक्रेटिक पार्टी ने बिना किसी ठोस कार्रवाई के गर्भपात के अधिकारों की रक्षा के लिए कई वादे किए हैं, जैसे कि रो बनाम वेड को कानून के तौर पर सूचीबद्ध करना शामिल है. इस सिद्धांत के मूताबिक, हाल ही में वॉशिंगटन पोस्ट के एक सर्वेक्षण में पाया गया कि जो व्यक्ति गर्भपात का समर्थन करते हैं, उनका आगामी नवंबर में होने वाले मध्यावधि चुनावों में डेमोक्रेटिक पार्टी के पक्ष में मतदान करने की संभावना कम है क्योंकि डेमोक्रेटिक पार्टी के नेतृत्व और बदलाव लाने की पार्टी की क्षमता को लेकर इन मतदाताओं में भारी असंतोष है.

बाइडेन प्रशासन, बाकी डेमोक्रेटिक पार्टी के साथ, देश में महिलाओं के प्रजनन स्वास्थ्य का समर्थन और सहायता करने के लिए क्या करने का इरादा रखता है, इसकी स्पष्ट और एकीकृत योजना उन्हें बतानी चाहिए – बहुत कुछ इसे लेकर जस्टिस ब्रेयर, कगन और सोतोमयोर और डॉब्स बनाम जैक्सन में (जिसने रो के फैसले को पलट दिया) के असंतोष की तरह, इसे साफ होना चाहिए. उदार लोकतंत्रों में बहुत ज़्यादा शक्ति होती है, हालांकि बाइडेन प्रशासन को अपने वोटों को सुरक्षित करने के लिए भाषणों के बजाय ज़मीनी कार्रवाई के ज़रिए अपने मतदाताओं और पार्टी के बीच भरोसा कायम करने की ज़रूरत है.

महिलाओं को अंतरराज्यीय सुरक्षा

 रो बनाम वेड के प्रति बाइडेन प्रशासन का इरादा सबसे पहले गर्भपात की मांग करने वाली महिलाओं की अंतर्राज्यीय सुरक्षा करना है – ख़ास कर उन राज्यों के कानूनों से जिन्होंने गर्भपात पर प्रतिबंध लगा दिया है. प्रशासन इस अधिकार को “[लड़ाई] राज्य या स्थानीय अधिकारियों द्वारा किसी भी ज़रिए बनाए रखने का इरादा रखता है जिससे यात्रा पर प्रतिबंध लगाई जा सके“. (कीथ, 2022). जबकि कुछ राज्यों ने उन कानूनों को पारित करने की चेतावनी दी है जो राज्य की तर्ज़ पर गर्भपात की मांग करने वाली महिलाओं पर मुकदमा चलाएंगे. जॉर्ज मेसन विश्वविद्यालय के कानून के प्रोफेसर इल्या सोमिन का तर्क है कि व्यवहार में, महिलाओं पर राज्य के बाहर यात्रा के लिए मुकदमा चलाना “लंबे समय से कई संवैधानिक सिद्धांतों” के चलते कठिन है. सोमिन इस तर्क का समर्थन करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के कई फैसलों पर भरोसा करते हैं, जो 1867 क्रैंडल बनाम नेवाडा राज्य के ऐतिहासिक फैसले से जुड़ा है, जिसके तहत लोगों के लिए अंतर्राज्यीय यात्रा के अधिकार को बरक़रार रखा गया था. इस संवैधानिक अधिकार के कारण, जिसे बाद के कई फैसलों में बहाल रखा गया, सोमिन ने कहा कि – राज्यों को गर्भपात यात्रा पर प्रतिबंध लगाने की अनुमति देना राज्यों को दूसरे मक़सद से लोगों की यात्रा को प्रतिबंधित करने की व्यापक शक्ति दिए बिना मुश्किल होगा.

यह चिंता कि महिलाओं को गर्भपात कराने के लिए सैकड़ों मील की यात्रा करनी पड़ सकती है, ख़ासकर दक्षिणी और मध्य-पश्चिमी राज्यों की महिलाओं के लिए यह वास्तविकता है और निम्न-आय वाली महिलाएं, जो कि असमान रूप से अश्वेत महिलाएं हैं वो यात्रा की लागत को वहन करने में असमर्थ होंगी. 

चूंकि अंतर्राज्यीय यात्रा पर प्रतिबंध लगाने की वैधता कुछ हद तक अमल में नहीं लाई जा सकती है लिहाज़ा बाइडेन प्रशासन को एक काल्पनिक अंतर्राज्यीय यात्रा प्रतिबंध को सुरक्षित करने के अपने प्रयासों पर ध्यान केंद्रित नहीं करना चाहिए; इसके बजाय बाइडेन प्रशासन इस चिंता को पहचाने और उस पर कार्य करे जो केवल यात्रा के अधिकार की रक्षा करने से सभी महिलाओं के गर्भपात की देखभाल सुनिश्चित नहीं करती है. रो बनाम वेड के फैसले को पलटने से निम्न-आय वाली महिलाओं, अश्वेत महिलाओं और विकलांग महिलाओं पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने का ख़तरा है. यह चिंता कि महिलाओं को गर्भपात कराने के लिए सैकड़ों मील की यात्रा करनी पड़ सकती है, ख़ासकर दक्षिणी और मध्य-पश्चिमी राज्यों की महिलाओं के लिए यह वास्तविकता है और निम्न-आय वाली महिलाएं, जो कि असमान रूप से अश्वेत महिलाएं हैं वो यात्रा की लागत को वहन करने में असमर्थ होंगी. इसमें ना केवल यात्रा की लागत शामिल है, बल्कि काम से समय निकालने की लागत भी शामिल होती है. इस असमानता के असर को कम करने के लिए, बाइडेन प्रशासन को इन मामलों में व्यक्तियों के लिए अधिक से अधिक नौकरी की सुरक्षा प्रदान करनी चाहिए, उन संगठनों का समर्थन करने की कोशिश करनी चाहिए जो यात्रा की इस लागत को कवर करना चाहते हैं और राज्यों में गर्भपात क्लीनिकों को संसाधन प्रदान करते हैं जो अपनी क्षमता के मुताबिक राज्य के बाहर से आने वाली महिलाओं की बड़ी तादाद से निपटने के लिए चिकित्सकीय गर्भपात की सुविधा प्रदान करते हैं.

अपनी पहले से प्रस्तावित नीतियों के दायरे का विस्तार करने के अलावा, बाइडेन प्रशासन को अन्य स्वतंत्रताओं के लिए इस फैसले के ख़तरे को पहचानने की कोशिश करनी चाहिए. गोपनीयता और कानून की मौज़ूदा ख़ासियत उस ख़तरे पर लगाम लगाने में सक्षम नहीं हैं जो किसी भी व्यक्ति की गोपनीयता के लिए तकनीक पैदा करती है. निगरानी की सर्वव्यापी प्रकृति ने विस्तृत जानकारी एकत्र करने, संग्रहीत करने, विश्लेषण करने, वितरित करने और आसानी से और बहुत बड़े पैमाने पर इस तक पहुंच बनाने का रास्ता साफ किया है लेकिन इसके ज़रिए व्यक्ति अक्सर अपनी स्वयं की जानकारी पर नियंत्रण खो देता है और निजी निगमों और सरकार के प्रति संवेदनशील हो जाता है. गोपनीयता के प्रतिमान, जो इस बात की वकालत करता है कि जब जानकारी सार्वजनिक क्षेत्र में होती है तो में लंबे समय तक निजी माना जा सकता है और यह लोगों के लिए गोपनीयता सुरक्षा के आसपास के मौजूदा कानून पर हावी होता है. जबकि गोपनीयता प्रतिमान उन ख़तरों के एक बड़े हिस्से पर लगाम लगा सकता है जो निगरानी पैदा करता है और डिज़िटल युग में लोगों को गोपनीयता के उल्लंघन से पूरी तरह से बचाने में असमर्थ है.

निजता की रक्षा


रो बनाम वेड के बाद के युग में, जिसमें राज्यों ने गर्भपात पर प्रतिबंध लगा दिया है, उन महिलाओं पर मुकदमा चलाने की धमकी दी है जो ऐसा करना चाहती हैं. पीरियड ट्रैकिंग एप्स उनके लिए सबूत तैयार करने में अहम हो सकते हैं. रूढ़िवादी राज्य सरकारों को महिलाओं के मासिक धर्म चक्र पर डोज़ियर प्राप्त करने से रोकने के लिए, जो संभावित गर्भधारण का सबूत दे सकता है, बाइडेन प्रशासन को ऐसे कानून पारित करने की कोशिश करनी चाहिए जो निजी निगम की तीसरे पक्ष को जानकारी वितरित करने की ताक़त को सीमित कर दे – यह सुनिश्चित करना कि किसी व्यक्ति के स्वास्थ्य या शरीर के बारे में संवेदनशील जानकारी एकत्र करने वाले ऐप्स को अतिरिक्त सुरक्षा दी जानी चाहिए. बाइडेन प्रशासन को गोपनीयता प्रतिमान के कानूनों से छुटकारा पाने की कोशिश करनी चाहिए ताकि यह स्वीकार किया जा सके कि किसी व्यक्ति की गोपनीयता पर हमला हो सकता है, भले ही जानकारी सार्वजनिक क्षेत्र में दाखिल हो गई हो. अगर बाइडेन प्रशासन गोपनीयता को मज़बूत करने पर ध्यान केंद्रित करता है, तो यह न केवल महिलाओं को कम समय में संभावित अभियोजन से बचा सकता है, बल्कि यह जनता को लंबे समय तक गोपनीयता के मुद्दों के प्रति जागरूक भी कर सकता है. गोपनीयता के मुद्दों की अधिक जानकारी लोगों को सरकार के हस्तक्षेप के बिना महिलाओं को उनके शरीर के प्रति व्यक्तिगत और निजी निर्णय लेने का अधिकार वापस देने के लिए प्रोत्साहित कर सकती है.

अगर बाइडेन प्रशासन गोपनीयता को मज़बूत करने पर ध्यान केंद्रित करता है, तो यह न केवल महिलाओं को कम समय में संभावित अभियोजन से बचा सकता है, बल्कि यह जनता को लंबे समय तक गोपनीयता के मुद्दों के प्रति जागरूक भी कर सकता है.


देश के मौज़ूदा राजनीतिक माहौल में, रो बनाम वेड के फैसले को उलटने के लिए किसी एक पार्टी को दोष देना बेहद आसान हो लकता है. हालांकि, बाइडेन प्रशासन को इस मुद्दे को राजनीतिक विभाजन के तौर पर आगे बढ़ाने की कोशिशों से बचना चाहिए क्योंकि यह देश भर में नस्लीय और आय असमानताओं को बढ़ा देगा, जबकि ज़रूरी मुद्दों से यह ध्यान भटकाने वाला होगा – और इस निर्णय को पलटने का असर महिलाओं के प्रजनन स्वास्थ्य और देश में उनकी स्वायत्तता पर पड़ेगा.

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