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Published on Apr 26, 2024 Updated 0 Hours ago

स्वास्थ्य क्षेत्र में पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPPs) यानी सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की संयुक्त भागीदारी होने से किफ़ायती और सुलभ स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध होने की संभावना है जो गुणवत्ता की कसौटी में भी सही हो.

पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप: स्वास्थ्य प्रणाली में लचीलेपन का सूचक

परिचय  

 

यूनिवर्सल स्वास्थ्य कवरेज के लक्ष्य को पाने का मूल सिद्धांत यह सुनिश्चित करना है कि सभी व्यक्तियों को व्यापक, उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाएं मिले जो सस्ती और आसानी से सुलभ होसरकारी एजेंसियों और उद्योग जगत के सामूहिक प्रयासों से इन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए शीघ्र कदम उठाने में मदद मिलेगी. सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की संयुक्त भागीदारी (PPPs) स्वास्थ्य परियोजनाओं के लिए वित्तपोषण और संचालन के नए अवसर प्रदान करती है जिससे सार्वजनिक निधि पर दबाव कम होता है.

 एक सुव्यवस्थित PPP संरचना के सफ़ल कार्यान्वयन से स्वास्थ्य सेवाओं की डिलीवरी में वृद्धि होने की संभावना है.

हाल के वर्षों में मानव निर्मित और प्राकृतिक आपदाओं से पैदा हुए वैश्विक आर्थिक संकट के बीच स्वास्थ्य क्षेत्र में निजी निवेशकों को आकर्षित करने की ज़रूरत और बढ़ गई है. प्रतिक्रियात्मक तौर परसार्वजनिक क्षेत्र परियोजनाओं की कार्यक्षमता को बढ़ाने के मकसद से PPPs को तेजी से अपना रहा है. यह रणनीतिक बदलाव सरकार को निजी क्षेत्र को दिन-प्रतिदिन के कार्यों को सौंप कर नीति निर्माण, योजना और नियामक कार्यों पर ध्यान केंद्रित करने का अवसर प्रदान कर रहा है. एक सुव्यवस्थित PPP संरचना के सफ़ल कार्यान्वयन से स्वास्थ्य सेवाओं की डिलीवरी में वृद्धि होने की संभावना है.

 

स्वास्थ्य क्षेत्र में PPP मॉडल का क्रियान्वयन 

 

निजी क्षेत्र के पास संसाधन, संरचना, दक्षता और कौशल हैं जो सरकार के भार को काफ़ी कम कर सकते हैं. निजी क्षेत्र को नियत कार्य सौंपकर कम लागत पर उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवा प्रदान की जा सकती है. लचीली स्वास्थ्य प्रणालियों को स्थापित करने के लिए सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों के साझा प्रयासों की आवश्यकता है. यह सहयोगी दृष्टिकोण  स्वास्थ्य सेवाओं के उपक्रमों को अधिक प्रभावी और उद्देश्य आधारित बनाने के साथ-साथ यह प्रदर्शन-आधारित अनुबंधों और उत्पादन-उन्मुख लक्ष्यों पर भी जोर देता है.

 

टेबल 1: विभिन्न देशों में सार्वजनिक-निजी भागीदारी के उदाहरण

 

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Country PPP Project Project Details
South Africa Vaccine & Sera Manufacturing: Equity partnership between the Government of South Africa and Biovac Institute   Biovac Consortium is a private company comprising of Biovac holdings, VaxIntel, Heber Biotec and Disability employment concern trust. The maximum shareholding is of Biovac Consortium, which is 52.5 percent along with the National Department of Health, South Africa.
Mexico Hospital Infrastructure: Tertiary Care Hospital—State hospital of Zumpango, Mexico   Multiple Tertiary care hospitals were established as decentralised public organisations, granting them more management and fiscal autonomy. This status allows the hospitals to operate with greater independence in decision-making and financial matters.  
Kingdom of Lesotho Hospital Infrastructure: Queen ‘Mamohato Memorial Hospital with 425 beds (390 public beds, 35 private beds) A consortium ‘Tsepong Ltd’ is formed by Netcare a hospital operator (South Africa) and other local private partners with US$500,000 in equity. The Development Bank of Southern Africa (DBSA) financed US$95 million, and the World Bank has provided a US$6.25-million grant through its Global Partnership for Output Based Aid.
Brazil Hospital Infrastructure: The first Brazilian public-private partnership transaction in health, the Hospital do Subúrbio in Bahia, was completed To improve emergency hospital services in one of the most underserved districts of Brazil. The International Finance Corp. (IFC), a member of the World Bank Group, was engaged by the local government to implement the PPP structure for this new hospital.
India Dialysis centres and equipment: Under the Government Scheme ‘Pradhan Mantri National Dialysis Program (PMNDP)’ Multiple private partners aligned for dialysis centres across the states. For e.g., Apollo, B Braun, Nephroplus, etc., have partnered with Indian state governments to provide haemodialysis machines in dialysis centres in PPP-mode.
Türkiye Adana Health Complex: 6 hospitals with 1550 bed capacity with financing from the International Finance Corporation (IFC). The IFC has funded Etlik, Kayseri and Adana projects with $163 million. For Adana Health Complex, IFC has also arranged for US$200 million in funds with a US$157-million guarantee by the multilateral Investment Guarantee Fund. 18 hospital projects are implemented in Türkiye in collaboration with private partners. The Türkiye government also gives incentives for land, availability payments and service payments.

Source: Author’s own

 

फ़िलहाल, स्वास्थ्य सेवा में PPPS ज़्यादातर बुनियादी परियोजनाओं पर केंद्रित हैं जैसे की स्पेशलिटी केयर, डायग्नोस्टिक, आपातकालीन सेवाएं और सहायक सेवाएं आदि, लेकिन भविष्य में प्रिवेंटिव केयर, होम केयर, रिहैबिलिटेशन केयर और स्वास्थ्य प्रौद्योगिकी क्षेत्र में भी इसकी भागीदारी की संभावना है.

 

जहाँ कहीं भी जटिल PPP मॉडल संभव नहीं हैं, वहाँ क्लीनिकल सेवाओं में निजी भागीदारी जैसे एसेट-लाइट मॉडल का विकल्प चुना जा सकता है. जैसे की कुछ सर्जिकल प्रक्रियाओं, वैक्सीन साझेदारी, प्राथमिक देखभाल आदि

 

बहुपक्षीय संस्थानों और नीति निर्माताओं की भूमिका

 

बहुपक्षीय संस्थाएं दीर्घकालीन वित्त प्रदान करके परियोजना की संरचना में सुधार के लिए अपनी विशेषज्ञता का उपयोग और इंटरनेशनल बेस्ट प्रेक्टिसेस का कार्यान्वयन करके देशों की मदद कर सकती हैं. उदाहरण के लिए विश्व बैंक हर देश की बेंचमार्किंग करता है जो परियोजना चक्र के प्रत्येक चरण में PPP प्रोजेक्ट गवर्नेंस स्ट्रक्चर का विश्लेषण करता है.यूरोप के लिए गठित संयुक्त राष्ट्र आर्थिक आयोग (UNECE) ने स्वास्थ्य सेवा में PPP प्रबंधन के लिए बेस्ट प्रेक्टिसेस का मसौदा तैयार किया है।

 विश्व बैंक द्वारा संचालित पब्लिक-प्राइवेट इंफ्रास्ट्रक्चर एडवाइजरी फैसिलिटी (PPIAF) विकासशील देशों की सरकारों की उन नीतियों, नियमों और संस्थानों को मजबूत करने में मदद करती है जो निजी क्षेत्र की भागीदारी के सस्टेनेबल इंफ्रास्ट्रक्चर को सक्षम बनाते हैं. 

विश्व बैंक द्वारा संचालित पब्लिक-प्राइवेट इंफ्रास्ट्रक्चर एडवाइजरी फैसिलिटी (PPIAF) विकासशील देशों की सरकारों की उन नीतियों, नियमों और संस्थानों को मजबूत करने में मदद करती है जो निजी क्षेत्र की भागीदारी के सस्टेनेबल इंफ्रास्ट्रक्चर को सक्षम बनाते हैं. इंटरनेशनल फाइनेंस कॉरपोरेशन (IFC), एशियन डेवलपमेंट बैंक (ADB), एशियाई इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट बैंक (AIIB), जापान एक्सटर्नल ट्रेड आर्गेनाईजेशन (JETRO) और जापान इंटरनेशनल कारपोरेशन आर्गेनाईजेशन (JICA) जैसे अंतर्राष्ट्रीय संस्थान सक्रिय रूप से देशों में स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे को विकसित करने के लिए निजी धन जुटा रहे हैं

 

भारत की स्थिति 

 

भारत में नीति आयोग केंद्र सरकार के PPP परियोजनाओं की समीक्षा कर उन पर टिप्पणियां देता है. डिपार्टमेंट ऑफ इकोनॉमिक अफ़ेयर्स ने ऐसी परियोजनाओं को व्यवस्थित करने के लिए एक पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मूल्यांकन समिति का भी गठन किया है. भारत सरकार को अपने स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को मजबूत करने के लिए एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट और टियर 2 और 3 शहरों में अधिक PPPs टर्शियरी केयर को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है.



फिगर 1: नेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन के तहत वित्त वर्ष 2020-25 के  सामाजिक अवसंरचना के लिए तय पूंजीगत व्यय

 

व्यापकता और समय की सीमा के कारण सड़क, रेलवे और बंदरगाह जैसे आर्थिक क्षेत्रों को सामाजिक क्षेत्रों के मुकाबले उद्योग जगत तरज़ीह देते है और उनके बेहतर लाभ भी इसका एक कारण होता है. हालांकि हाल के वर्षों में, भारत सरकार ने सामाजिक क्षेत्र के बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए नेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन के तहत कई कदम उठाए हैं.स्वास्थ्य इंफ्रास्ट्रक्चर  पर पूंजीगत व्यय अन्य सामाजिक क्षेत्रों में दूसरा सबसे बड़ा है जैसा कि फिगर 1 में दिखाया गया है

 

चूंकि भारत में स्वास्थ्य राज्य का विषय है, इसलिए इस क्षेत्र में शुरू की गई अधिकांश PPP परियोजनाएं राज्य सरकार के व्यय और विकास योजनाओं के अंतर्गत आती हैं. ये परियोजनाएं केवल अस्पताल के बुनियादी ढांचे तक ही सीमित हैं, बल्कि राज्य अपने स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच को बेहतर बनाने के लिए विभिन्न उप-क्षेत्रों की भी खोज कर रहे हैं. उदाहरण के लिए झारखंड सरकार की रेडियोलॉजी सेंटर परियोजना जो मणिपाल हेल्थ और फिलिप्स की एक संयुक्त उद्यम हेल्थ मैप डायग्नोस्टिक्स के साथ है. कई राज्यों में नेफ्रोलॉजी डायलिसिस की इकाइयाँ, वैक्सीन ऑन व्हील्स प्रोग्राम और आंध्र प्रदेश में डिजिटल हेल्थ केयर प्रोग्राम कुछ अन्य उदाहरण है

 

वायबिलिटी गैप फंडिंग (VGF) भारत में स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में निजी पूंजी प्रवाह को प्रोत्साहित करने वाले मॉडलों में से एक है. VGF भारत सरकार के लिए बुनियादी सुविधाओं की चुनौतियों से निपटने और PPPs के माध्यम से आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करने में निजी क्षेत्र को शामिल करने के लिए एक महत्वपूर्ण साधन साबित हुआ है.इस पहल के तहत उल्लेखनीय उदाहरणों में से एक ओडिशा सरकार की ग्रीनफील्ड परियोजना है जिसके तहत अंगुल (200 बिस्तर), बड़बिल-क्योंझर (200 बिस्तर), भद्रा (100 बिस्तर) और झारसुगुडा (100 बिस्तर) जिलों में उच्च माध्यमिक/टर्शियरी अस्पतालों को विकसित करने की योजना है. ये PPP परियोजनाएं 32 साल की रियायती अवधि के साथ डिजाइन बिल्ड फाइनेंस ऑपरेट एंड ट्रांसफर (DBFOT) मॉडल पर आधारित है.  

 

एक अन्य उदाहरण उत्तर प्रदेश के छह जिलों हमीरपुर, हाथरस, बागपत, महोबा, मैनपुरी और कासगंज में मेडिकल कॉलेजों के विकास के लिए बनी ब्राउनफील्ड PPP परियोजना है.यह परियोजना 33 वर्षों की प्रारंभिक रियायत अवधि के साथ ' ऑगमेंट (संवर्धन), ऑपरेट (संचालन), फाइनेंस (वित्त पोषण), डिजाइन (परिकल्पना), मेंटेन (रखरखाव), ट्रांसफर (हस्तांतरणमॉडल पर आधारित है

 

परिणामों में सुधार के लिए विचार करने योग्य प्रमुख बातें 

 

परियोजना की जटिलता, संसाधनों की उपलब्धता और नकदी प्रवाह की बाधाएं स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में PPP मॉडल पर बनी परियोजनाओं की वाणिज्यिक व्यवहार्यता को प्रभावित करती हैंइसलिए, PPP परियोजनाओं का प्रस्ताव रखते समय उनकी व्यवहार्यता निर्धारित करने के लिए एक विस्तृत आर्थिक ख़ाका तैयार किया जाना चाहिए. इस दस्तावेज़ से यह साफ़ होना चाहिए कि PPP का रास्ता गैर-PPP पद्धति की तुलना में अधिक लागत प्रभावी होगा और निवेशकों के लिए व्यावसायिक रूप से भी सुगम होगा. PPP परियोजनाओं के प्रबंधन के लिए एक पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण के साथ परियोजना की प्रगति की जांच करने के लिए नियमित निगरानी और मूल्यांकन से स्वास्थ्य लक्ष्यों को प्राप्त करने में बढ़ावा मिलेगा.

 

 

फिगर 2: स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में PPPs के सफ़ल निष्पादन के महत्वपूर्ण घटक 

 

PPP परियोजनाओं के 'सार्वजनिक' आयाम पर चर्चा करते समय राजनीतिक इच्छाशक्ति के महत्व को नज़रअंदाज नहीं किया जा सकता. यह प्रशासनों और चुनावी चक्रों से परे परियोजनाओं के लिए समर्थन की निरंतरता को  सुनिश्चित करता है और जिससे निजी निवेशकों और ऋणदाताओं में विश्वास पैदा होता है.नीतिगत समर्थन और प्रशासनिक संस्थानों की स्थिरता PPP परियोजनाओं के कार्यान्वयन को प्रभावित करती है क्योंकि वे त्वरित निर्णय लेने, अनुकूल नियामक वातावरण और संसाधनों के प्रभावी आवंटन में मददगार होते हैं.

 PPP मॉडल  की ज़बरदस्त क्षमता का उचित और नैतिक तरीके से उपयोग करने की आवश्यकता है ताकि इसे क्रोनी कैपिटलिज्म का एक और उदाहरण बनने से रोका जा सके.

कुछ साझेदारियां निजी भागीदारों के लिए मूल्य सृजन करने और रोगियों के मूल्य-आधारित स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने में फ़ायदेमंद साबित हो सकती हैं लेकिन बढ़ते निजीकरण के कारण कुछ दोष जैसे लाभ केंद्रित निर्णय और स्वास्थ्य सेवा की सब तक पहुंच की कमी हो सकती है. इसलिए PPP मॉडल  की ज़बरदस्त क्षमता का उचित और नैतिक तरीके से उपयोग करने की आवश्यकता है ताकि इसे क्रोनी कैपिटलिज्म का एक और उदाहरण बनने से रोका जा सके.

 

PPPs के माध्यम से प्राप्त सामंजस्य सभी के लिए स्वास्थ्य सेवा के सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल (SDG) को प्राप्त करने का मार्ग प्रशस्त करेगा.

 


अबोली मंदुरनेकर भारत सरकार की राष्ट्रीय निवेश सुविधा और संवर्धन एजेंसी इन्वेस्ट इंडिया में मैनेजर हैं।

 

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