Author : Shairee Malhotra

Published on Dec 11, 2023 Updated 0 Hours ago

यूरोप के साथ चीन अपने संबंधों को सामान्य बनाना चाहता है लेकिन EU इस शर्त के साथ ही तैयार होगा कि चीन मूलभूत अंतर दूर करने के लिए कितना तैयार है.

EU और चीन के बीच व्यापार और भरोसे में कमी को कैसे दूर किया जा सकता है?

7-8 दिसंबर को यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन और यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष चार्ल्स मिशेल 24वें यूरोपियन यूनियन (EU)-चीन शिखर सम्मेलन के लिए बीजिंग में थे. पिछले चार वर्षों में पहली बार दोनों पक्षों की आमने-सामने की मौजूदगी में हुआ ये सम्मेलन EU-चीन संबंधों में एक महत्वपूर्ण मोड़ के मौके पर आयोजित हुआ.

अप्रैल 2022 में पिछले EU-चीन वर्चुअल समिट के दौरान EU के लिए यूक्रेन संघर्ष सबसे महत्वपूर्ण चर्चा का विषय था और दूसरे मुद्दे जैसे कि जलवायु एवं अर्थशास्त्र को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया.

15 नवंबर को अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच अपेक्षाकृत रचनात्मक बैठक, जिसकी वजह से अमेरिका-चीन उच्च-स्तरीय सैन्य संवाद की शुरुआत हुई और चीन के राष्ट्रपति ने ताइवान पर भरोसा दिया.

इस बार अर्थशास्त्र पर ध्यान केंद्रित किया गया. 15 नवंबर को अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच अपेक्षाकृत रचनात्मक बैठक, जिसकी वजह से अमेरिका-चीन उच्च-स्तरीय सैन्य संवाद की शुरुआत हुई और चीन के राष्ट्रपति ने ताइवान पर भरोसा दिया, ने EU के लिए आर्थिक बाधाओं को दूर करने की तरफ ध्यान देने के लिए रास्ता तैयार करने में योगदान दिया.

घाटा, निर्भरता और जोखिम में कमी

रोज़ाना 2.2 अरब यूरो के EU-चीन व्यापार के साथ EU चीन से बढ़ते व्यापार घाटे- 2022 में 400 अरब यूरो- को लेकर चिंतित है. चीन में EU के राजदूत जॉर्ज  टोलेडो ने इस घाटे कोमानवता के इतिहास में सबसे ज़्यादा बताया. विदेशी कंपनियों के लिए चीन के पाबंदियों से भरे माहौल के संदर्भ में EU व्यापार में समान अवसर और अधिक आदान-प्रदान के लिए उत्सुक है.

विवाद का एक और बड़ा क्षेत्र है इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) जैसे प्रमुख औद्योगिक निर्यात सेक्टर में सब्सिडी के ज़रिए चीन की ज़रूरत से ज़्यादा क्षमता जो यूरोप के ऑटोमोटिव उद्योग को कमज़ोर कर रही है. यूरोपीय आयोग ने EV सेक्टर के लिए पहले ही छानबीन शुरू कर दी है और अब वो दूसरे प्रमुख क्षेत्रों, जिनमें पवन ऊर्जा और मेडिकल उपकरण शामिल हैं, में भी जांच पर विचार कर रहा है.

इसके अलावा, हरित ऊर्जा की तरफ बदलाव के लिए आवश्यक लिथियम और गैलियम जैसे महत्वपूर्ण कच्चे माल के लिए चीन पर यूरोप बहुत ज़्यादा निर्भर है. EU के कच्चे माल की सप्लाई का 90 प्रतिशत से ज़्यादा हिस्सा चीन से आता है लेकिन EU अपने क्रिटिकल रॉ मैटेरियल एक्ट के ज़रिए इस निर्भरता का समाधान करने का लक्ष्य रखता है.

दक्षिण चीन सागर में चीन की आक्रामकता, शिनजियांग में मानवाधिकारों का उल्लंघन और महामारी के दौर में सप्लाई चेन में रुकावट जैसे फैक्टर ने चीन को लेकर यूरोप की सोच को खराब किया है..

दक्षिण चीन सागर में चीन की आक्रामकता, शिनजियांग में मानवाधिकारों का उल्लंघन और महामारी के दौर में सप्लाई चेन में रुकावट जैसे फैक्टर ने चीन को लेकर यूरोप की सोच को खराब किया है. रूस-यूक्रेन संघर्ष में चीन के रुख और EU के तात्कालिक सुरक्षा ख़तरे रूस पर अपने असर का सकारात्मक उपयोग करने के लिए चीन को मनाने में यूरोप के नेताओं की नाकामी ने EU-चीन के संबंधों को और कमज़ोर किया है. इस तरह व्यापार घाटे के साथ भरोसे में भी भारी कमी आई है.

EU-चीन शिखर सम्मेलन से सिर्फ एक महीने पहले उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने अपने भाषण में चीन के द्वारादुनिया पर चीन की कम निर्भरता और चीन पर दुनिया की ज़्यादा निर्भरता बनाने के लिए ज़ोर लगानेके साथचीन के बदलते वैश्विक रवैयेके ख़िलाफ़ चेतावनी दी थी. चीन को यूरोप के सबसे महत्वपूर्ण व्यापारिक साझेदार के तौर पर स्वीकार करते हुए उन्होंने संबंधों मेंदुश्मनी के स्पष्ट तत्वपर ज़ोर दिया.

एक-दूसरे के पक्ष को नहीं समझने वाली एक और बातचीत?

EU और उसके सदस्य देश चीन को लेकर अपनी नीतियों को फिर से व्यवस्थित कर रहे हैं. जर्मनी जैसे देश तो अपने दृष्टिकोण को तैयार करते हुए चीन को लेकर विशेष दस्तावेज़ भी जारी कर रहे हैं. “जोखिम को कम करनेकी EU की रणनीति का उद्देश्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में चीन पर निर्भरता को कम करना है और अपने नीतिगत औजार के विस्तार के ज़रिए यूरोपियन यूनियन कई तरह के उपायों को लागू कर रहा है जिनमें आने वाले-जाने वाले विदेशी निवेश की ज़्यादा छानबीन, ज़बरदस्ती के ख़िलाफ़ साधन और दोहरे इस्तेमाल की तकनीकों के लिए निर्यात नियंत्रण शामिल हैं. यूरोपीय दृष्टिकोण के इस बदलते संदर्भ में ये शिखर सम्मेलन EU-चीन पर नज़र रखने वालों के लिए बहुप्रतीक्षित था.

संबंधों में तनाव के बावजूद उच्च-स्तरीय कूटनीतिक आदान-प्रदान पूरी तेज़ी के साथ जारी है. इनमें से कई कूटनीतिक दौरे जैसे कि अप्रैल में उर्सुला वॉन डेर लेयेन की चीन यात्रा, EU के ट्रेड कमिश्नर वल्दीस डोंब्रोवस्की  की सितंबर में यात्रा और EU के विदेश नीति प्रमुख जोसेफ बॉरेल की अक्टूबर में यात्रा इस शिखर सम्मेलन की तैयारी के लिए हुई थी.

आर्थिक अवसरों और सुरक्षा जोखिमों के बीच सही संतुलन बनाना एक परीक्षा बनी रहेगी कि चीन के आकर्षक बाज़ार में यूरोप अपनी परस्पर निर्भरता का प्रबंधन कैसे करता है.

चीन की सुस्त अर्थव्यवस्था से यूरोप को आर्थिक फायदा उठाने का मौका मिलता है. लेकिन यूरोप की चीन नीति में ग्रे एरिया (अस्पष्ट क्षेत्र) बना हुआ है, ख़ास तौर पर कदम उठाने और ज़्यादा प्रभावी तालमेल के लिए आवश्यकता के संबंध में जिस पर अक्सर EU के सदस्य देशों के बीच एकजुटता की कमी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और जर्मनी के चांसलर ओलाफ शॉल्त्स जैसे नेताओं के द्वारा दूसरी किसी भी चीज़ के ऊपर व्यावसायिक हितों को प्राथमिकता देने की प्रवृत्ति की वजह से समझौता किया जाता है. इस तरह, आर्थिक अवसरों और सुरक्षा जोखिमों के बीच सही संतुलन बनाना एक परीक्षा बनी रहेगी कि चीन के आकर्षक बाज़ार में यूरोप अपनी परस्पर निर्भरता का प्रबंधन कैसे करता है.

अतीत के EU-चीन शिखर सम्मेलनों के दौरान कोई साझा बयान नहीं जारी किया गया था. फिर भी ये सम्मेलन EU के द्वारा अनसुलझी चिंताओं को सामने रखने और कुछ साझा बुनियाद तैयार करने का एक अवसर था. ठोस नतीजों के बिना इस शिखर सम्मेलन के भीबहरों के बीच बातचीत”, जो बॉरेल ने पिछले सम्मेलन के बारे में कहा था, बनने का ख़तरा है.

ट्रांसअटलांटिक एकजुटता में एक बार फिर तेज़ी के साथ चीन की बयानबाज़ी इशारा करती है कि वो यूरोप के साथ संबंधों को सामान्य करना चाहता है. साथ ही चीन अपने लिए अमेरिका के असर से अलग एक स्वतंत्र यूरोपीय नीति भी चाहता है. फिर भी EU के लिए चीन के साथ मेल-मिलाप इस बात पर निर्भर है कि चीन बुनियादी अंतर का समाधान करने की कितनी इच्छा रखता है.


शायरी मल्होत्रा ऑब्ज़र्वर रिसर्च फाउंडेशन के स्ट्रैटेजिक  स्टडीज़ प्रोग्राम में एसोसिएट फेलो हैं.

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