Published on Feb 28, 2024 Updated 1 Days ago
अफ्रीकी देश गाम्बिया में हरित परिवर्तन को समृद्ध बनाने में युवाओं की भागीदारी!

ये लेख हमारी- रायसीना एडिट 2024 सीरीज़ का एक भाग है

पिछले कुछ समय से बढ़ते वैश्विक जलवायु संकट ने अलग-अलग देशों को प्रेरित किया है कि वो पर्यावरण के प्रति अनुकूल बदलाव पर ध्यान दें. हालांकि स्थिरता (सस्टेनेबिलिटी) की तरफ परिवर्तन के लिए युवा समेत हर किसी की सक्रिय भागीदारी की आवश्यकता है. ये गाम्बिया के लिए ख़ास तौर पर सही है जो कि पश्चिम अफ्रीका का एक छोटा सा देश है और जलवायु परिवर्तन के असर को लेकर विशेष रूप से असुरक्षित है. इस संदर्भ में यहां के 28 लाख युवा नागरिकों की क्षमता को उजागर करना गाम्बिया को एक हरित भविष्य की तरफ ले जाने के लिए महत्वपूर्ण है. गाम्बिया के सामने एक तरफ महत्वाकांक्षी स्वच्छ ऊर्जा के उद्देश्यों और दूसरी तरफ आर्थिक विकास के बीच सामंजस्यपूर्ण संतुलन हासिल करने की अनूठी चुनौती है. ये लेख गाम्बिया में सतत विकास में युवाओं को शामिल करने के महत्व और उनके सामने मौजूद चुनौतियों के बारे में विस्तार से बताता है और देश के लिए पर्यावरण के प्रति एक अधिक जागरूक दृष्टिकोण को तैयार करने में उनकी व्यापक भागीदारी को सुनिश्चत करने के लिए इनोवेटिव समाधान पेश करता है.

हरियाली पर ज़ोर क्यों?

हरित परिवर्तन ज़रूरी है क्योंकि इस समय हम जीवाश्म (फॉसिल) और नवीकरणीय (रिन्यूएबल)- दोनों तरह के प्राकृतिक संसाधनों की ज़रूरत से ज़्यादा खपत कर रहे हैं. इस अत्यधिक खपत ने जलवायु और पारिस्थितिक (इकोलॉजिकल) संकट को और अधिक बढ़ा दिया है. इस वजह से प्राकृतिक संसाधनों के हमारे उपयोग के तौर-तरीकों में एक व्यापक बदलाव की आवश्यकता है. सबसे प्रमुख चुनौती है हमारे देश की अर्थव्यवस्था के पहियों को चालू रखते हुए प्राकृतिक संसाधनों के इस्तेमाल की वहन क्षमता के भीतर खपत को सीमित करना. जीवाश्म ईंधन के उपयोग को धीरे-धीरे ख़त्म करने से जलवायु और पर्यावरण से जुड़ी चुनौतियां एक अवसर में बदल जाएंगी: हरित बदलाव नए विकास का प्रेरक बन जाता है और कारोबार एवं स्थिर अर्थव्यवस्था के लिए बुनियाद रखता है. उत्पादों और सेवाओं की एक अधिक व्यापक श्रेणी को सामने लाकर ये अंतिम उपयोगकर्ताओं को अपने उत्सर्जन का बोझ कम करने के लिए बेहतर अवसर भी प्रदान करेगा.

हरित परिवर्तन ज़रूरी है क्योंकि इस समय हम जीवाश्म (फॉसिल) और नवीकरणीय (रिन्यूएबल)- दोनों तरह के प्राकृतिक संसाधनों की ज़रूरत से ज़्यादा खपत कर रहे हैं.

हरित परिवर्तन में युवाओं को शामिल करना महत्वपूर्ण है. इसका एक तरीका हरित परिवर्तन से जुड़े सेमिनार में भागीदारी हो सकती है, ख़ास तौर पर ऐसे सेमिनार में जो संघर्षों को सुलझाने और अलग-अलग रास्तों पर विचार-विमर्श- जिनमें उनकी संभावित लागत और लाभ शामिल हैं- को लेकर है. इसके अलावा ऐसे क्षेत्र जो हरित भविष्य की ओर ले जाएंगे, जो कि फिलहाल अपेक्षाकृत छोटे हैं- जैसे कि ऑर्गेनिक खेती और जीविका पर केंद्रित गतिविधियां- उन्हें बढ़ावा देने की ज़रूरत है.

डिकार्बनाइज़ेशन (कार्बन कम करना) और डिजिटलाइज़ेशन श्रम बाज़ार को नया आकार देंगे. नौकरी कम होने की तुलना में ज़्यादा नौकरियों के निर्माण के लिए इस बदलाव को आगे बढ़ाने की रणनीति आवश्यक है, उदाहरण के लिए सर्कुलर इकोनॉमी और रिन्यूएबल एनर्जी में. हालांकि जलवायु-तटस्थ (क्लाइमेट-न्यूट्रल) अर्थव्यवस्था की तरफ बदलाव लोगों पर नई ज़रूरतें थोपेगा और हो सकता है कि श्रम की मांग उसकी सप्लाई से मेल नहीं खाए. शिक्षा एवं कौशल में निवेश करना और खेती को अपना रोज़गार बनाने की इच्छा रखने वाले नौजवानों को नौकरी में बदलाव के लिए आवश्यक समर्थन प्रदान करना महत्वपूर्ण है. कल्याणकारी रणनीतियों और कार्यक्रमों पर भी फिर से विचार करने की आवश्यकता है ताकि जिन लोगों के पीछे छूटने का ख़तरा है उनके लिए सुरक्षा का जाल सुनिश्चित किया जा सके.

गाम्बिया के सामने चुनौतियां

गाम्बिया में हरित परिवर्तन को ताकत देने के लिए नौजवानों को शामिल करने में कई चुनौतियां हैं. टिकाऊ और असरदार नतीजे हासिल करने के लिए इन चुनौतियों का समाधान करने की ज़रूरत है. इन चुनौतियों को तीन मुख्य श्रेणियों में रखा जा सकता है: सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक.

गाम्बिया के हरित परिवर्तन में युवाओं को शामिल करने में बड़ी सामाजिक चुनौतियों में से एक है पर्यावरण से जुड़े मुद्दों और उनके संभावित समाधान को लेकर जानकारी की कमी. हो सकता है कि कई नौजवान हरित अर्थव्यवस्था की तरफ बदलाव के महत्व को पूरी तरह नहीं समझते हों या इससे मिलने वाले अवसरों के बारे में अनजान हों. इसलिए पर्यावरण को लेकर कदम की आवश्यकता के साथ-साथ इसके फायदों के बारे में युवाओं के बीच जागरूकता फैलाने और उन्हें शिक्षित करने के लिए कोशिश की जानी चाहिए.

गाम्बिया के समाज में मौजूद सांस्कृतिक मानदंड और परंपरागत लैंगिक भूमिका युवाओं को शामिल करने की दिशा में एक और सामाजिक चुनौती पेश करती है. शिक्षा और रोज़गार के अवसरों के मामलों में महिलाओं की पहुंच ख़ास तौर पर सीमित हो सकती है. इस तरह हरित पहल में उनकी सक्रिय रूप से हिस्सेदारी मुश्किल हो जाती है. इन लैंगिक असमानताओं का समाधान और पर्यावरण से जुड़ी निर्णय लेने की प्रक्रिया में महिलाओं को सशक्त करना युवाओं को प्रभावी ढंग से जोड़ने के लिए महत्वपूर्ण होगा.

गाम्बिया के समाज में मौजूद सांस्कृतिक मानदंड और परंपरागत लैंगिक भूमिका युवाओं को शामिल करने की दिशा में एक और सामाजिक चुनौती पेश करती है. 

आर्थिक मोर्चे पर बात करें तो आर्थिक संसाधनों की कमी और वित्त की उपलब्धता गाम्बिया में युवाओं को हरित परिवर्तन में शामिल करने के मामले में एक और महत्वपूर्ण चुनौती है. कई नौजवानों के पास इको-फ्रेंडली कारोबार शुरू करने या हरित तकनीक में निवेश के लिए आवश्यक वित्तीय साधनों की कमी हो सकती है. इसके अलावा, हरित क्षेत्र में सतत नौकरी के अवसरों की कमी युवाओं को इस क्षेत्र में करियर बनाने को लेकर हतोत्साहित कर सकती है. इन रुकावटों के समाधान के लिए वित्तीय समर्थन प्रदान करने और युवाओं के लिए हरित नौकरियों के निर्माण को प्राथमिकता मिलनी चाहिए.

गाम्बिया में युवाओं को हरित परिवर्तन में शामिल करने में राजनीतिक चुनौतियां प्रमुख रूप से युवा प्रतिनिधित्व और निर्णय लेने की प्रक्रिया में उनकी भागीदारी की कमी के इर्द-गिर्द घूमती है. युवा जनसंख्या को अक्सर हाशिए पर रखा जाता है और नीति निर्माण एवं नीति पर अमल में उनकी बातों को को पर्याप्त महत्व नहीं दिया जाता है. इसके नतीजतन ऐसे प्लैटफॉर्म और तौर-तरीके स्थापित करने की तुरंत आवश्यकता है जो नौजवानों को पर्यावरण से जुड़ी नीतियों और रणनीतियों को तैयार करने में सक्रिय रूप से भागीदारी की अनुमति दें. इसे युवाओं के नेतृत्व वाले संगठन, युवा परिषदों और नीति निर्माताओं एवं युवाओं के बीच समावेशी बातचीत के माध्यम से हासिल किया जा सकता है.

इसके अलावा, राजनीतिक अस्थिरता और कमज़ोर शासन व्यवस्था (गवर्नेंस) हरित परिवर्तन में युवाओं को जोड़ने की कोशिशों को कमज़ोर कर सकती है. सरकारी नीतियों में अस्थिरता और निरंतरता की कमी युवाओं को दीर्घकालीन पर्यावरण से जुड़ी पहलों से जुड़ने से रोक सकती है. इसलिए ये आवश्यक है कि राजनीतिक स्थिरता, अच्छी शासन व्यवस्था और नीतिगत निरंतरता को सुनिश्चित किया जाए ताकि युवाओं के नेतृत्व वाली हरित पहलों के लिए एक सक्षम माहौल बनाया जा सके.

आगे का रास्ता

ये हिस्सा गाम्बिया में युवाओं को हरित परिवर्तन में शामिल करने के लिए इनोवेशन, सॉल्यूशन (समाधान) और रिकमेंडेशन (सिफारिश) पर प्रकाश डालता है.

पहला इनोवेशन जिसका हर हाल में उपयोग करना चाहिए वो डिजिटल प्लैटफॉर्म और सोशल मीडिया अभियानों के संबंध में है. युवाओं को स्थिरता, हरित पहल और शामिल होने के लिए अवसर के बारे में सूचना एवं संसाधन प्रदान करने के उद्देश्य से ऑनलाइन प्लैटफॉर्म और अभियान तैयार करना चाहिए. ये प्लैटफॉर्म गाम्बिया में युवाओं के बीच जानकारी साझा करने, सहयोग और नेटवर्किंग के लिए एक केंद्र के रूप में काम कर सकते हैं.

युवाओं के नेतृत्व वाले ग्रीन स्टार्ट-अप्स एक और भरोसेमंद रास्ता है. नवीकरणीय ऊर्जा, सतत खेती, वेस्ट मैनेजमेंट और इको-टूरिज़्म जैसे क्षेत्रों पर ध्यान देने वाले ग्रीन स्टार्ट-अप्स को शुरू करने के लिए गाम्बिया में युवा उद्यमियों को बढ़ावा देने और उनकी सहायता करने से फायदा मिलेगा. इन स्टार्ट-अप्स के फलने-फूलने में मदद के लिए मार्गदर्शन (मेंटॉरशिप), फंडिंग और उचित नेटवर्क तक पहुंच मुहैया कराने के लिए व्यवस्था निर्धारित की जानी चाहिए.

हरित शिक्षा और व्यावसायिक ट्रेनिंग की भूमिका को बढ़ा-चढ़ाकर बताना मुश्किल है. पर्यावरण से जुड़ी शिक्षा और व्यावसायिक ट्रेनिंग के कार्यक्रम स्कूल और समुदायों में शुरू होने चाहिए ताकि युवा हरित परिवर्तन में भागीदारी और योगदान के लिए आवश्यक हुनर और जानकारी से लैस हो सकें. इनमें सतत खेती की तकनीकों, नवीकरणीय ऊर्जा की स्थापना या कूड़े में कमी और रिसाइक्लिंग पर प्रायोगिक प्रशिक्षण (प्रैक्टिकल ट्रेनिंग) शामिल हो सकता है. ये ऐसी संस्कृति को बढ़ावा देगा जहां स्थिरता (सस्टेनेबिलिटी) युवाओं की सामूहिक चेतना का एक मूलभूत हिस्सा है.

ये केवल एक सपना नहीं है; ये ऐसा भविष्य है जिसे हासिल किया जा सकता है और इसके पीछे गाम्बिया के नौजवानों की असीम ऊर्जा और इनोवेटिव जज़्बे की ताकत होगी. 

निर्णय लेने में युवा प्रतिनिधित्व एक समाधान है जिसे नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता. हमें ये सुनिश्चित करना चाहिए कि निर्णय लेने की प्रक्रिया में युवाओं की नुमाइंदगी हो और वो स्थिरता एवं पर्यावरण की रक्षा के मामलों में फैसले लेने में सक्रिय रूप से शामिल हों. सरकार और दूसरे महत्वपूर्ण भागीदारों को जानकारी मुहैया कराने, उनके सामने चिंता जताने और समाधान का सुझाव देने के लिए युवा सलाहकार समिति या परिषद की स्थापना की जानी चाहिए.

गाम्बिया के हरित परिवर्तन में युवाओं को जोड़ने के प्रयास में वित्त की आसान उपलब्धता प्रदान की जानी चाहिए. इस उद्देश्य से विशेष वित्तीय योजनाओं या फंड की स्थापना की जानी चाहिए जिसका मक़सद युवाओं के नेतृत्व वाली हरित परियोजनाओं और पहल को वित्तीय सहायता प्रदान करना हो. इसके अलावा इन योजनाओं के लिए आवेदन प्रक्रिया को सरल बनाना चाहिए ताकि युवा इनोवेटर और एंटरप्रेन्योर, जिनके पास सीमित संसाधन होते हैं, के लिए फंड की उपलब्धता आसान हो.

अंतर्राष्ट्रीय संगठनों को भी इसमें शामिल किया जाना चाहिए. युवाओं की भागीदारी और पर्यावरण से जुड़ी पहल में वैश्विक संगठनों और एजेंसियों के साथ साझेदारी को बढ़ावा देकर हम उनके अनुभव और विशेषज्ञता का इस्तेमाल कर सकते हैं. ये सहयोग साझा परियोजनाओं, जानकारी के आदान-प्रदान और गाम्बिया में युवाओं के लिए ख़ास तौर पर तैयार क्षमता-निर्माण के कार्यक्रमों के रूप में हो सकता है.

एक शक्तिशाली दृष्टिकोण उन नौजवानों की कोशिशों को स्वीकार करना और उन्हें पुरस्कार देना है जो गाम्बिया में हरित परिवर्तन को आगे बढ़ाने में सक्रिय रूप से जुड़े हुए हैं. व्यक्तिगत योगदान देने वालों पर प्रकाश डालने के लिए पुरस्कार या पहचान के कार्यक्रमों को शुरू करने से प्रेरणा और कदम उठाने का एक अच्छा सिलसिला शुरू होगा.

शहरों के साथ-साथ गांवों में रहने वाले लोगों को लक्ष्य बनाकर जागरूकता अभियान चलाने से गाम्बिया के नौजवानों को जोड़ने का एक और रास्ता मिलता है. विचार-विमर्श, आइडिया तैयार करने और सहयोग की पहल में स्थानीय लोगों को शामिल करने के लिए ये सामुदायिक कार्यक्रमों और वर्कशॉप के आयोजन का रूप ले सकता है.

इन इनोवेशन, समाधान और सिफारिशों को लागू करके गाम्बिया ये सुनिश्चित कर सकता है कि एक हरित भविष्य को आकार देने में नौजवान सक्रिय भागीदार बनें. देश में सतत विकास को आगे बढ़ाने में वो अपनी रचनात्मकता (क्रिएटिविटी), ऊर्जा और उत्साह का इस्तेमाल करेंगे.

निष्कर्ष

कल्पना कीजिए कि गाम्बिया सूरज की रोशनी में नहा रहा हो, बिजली के लिए वो अपनी पवन और सौर ऊर्जा का उपयोग करे. कल्पना कीजिए कि हरे-भरे मैंग्रोव के पेड़ उसके पानी को फिल्टर करते हों जो कि जीवंत इकोसिस्टम के लिए बहुत अच्छे होते हैं. ये केवल एक सपना नहीं है; ये ऐसा भविष्य है जिसे हासिल किया जा सकता है और इसके पीछे गाम्बिया के नौजवानों की असीम ऊर्जा और इनोवेटिव जज़्बे की ताकत होगी. जब हम उनकी क्षमता को उजागर करेंगे, उन्हें शिक्षा और अवसर प्रदान करेंगे और निर्णय लेने की प्रक्रिया में शामिल करेंगे तो हम केवल एक हरित भविष्य नहीं बनाएंगे बल्कि उनके लिए, देश के लिए और आने वाली पीढ़ियों के लिए एक समृद्ध, स्वस्थ और सशक्त भविष्य बनाएंगे. इस दिशा में कदम उठाने का समय अभी है. चलिए हम साथ मिलकर गाम्बिया के नौजवानों से प्रेरित हरित क्रांति की अलख जगाएं.

साथ मिलकर हम सबके लिए एक हरित, लचीला और समावेशी भविष्य का निर्माण कर सकते हैं.

जैनाबा सोवे यूनिवर्सिटी ऑफ गाम्बिया के कंप्यूटर साइंस डिपार्टमेंट में ग्रैजुएट छात्र हैं.

 

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