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बजट 2024 घरेलू और वैश्विक- दोनों आर्थिक चुनौतियों का समाधान करते हुए भारत की मानव पूंजी को बढ़ाने की एक व्यापक योजना पेश करता है.
लगभग 1.4 अरब की जनसंख्या के साथ भारत 2023 में चीन को पीछे छोड़कर दुनिया में सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश बन चुका है. भारत की जनसंख्या में लगभग 65 प्रतिशत लोग 15 से 64 साल की उम्र के हैं. इस तरह भारत एक ऐसा देश बन जाता है जो काम-काजी उम्र वाले लोगों की बड़ी आबादी का इस्तेमाल करने के लिए विशिष्ट स्थिति में है. जनसंख्या से जुड़े इस फायदे के बावजूद भारत बेरोज़गारी, ख़ास तौर पर अपने युवाओं के बीच, के मामले में महत्वपूर्ण चुनौतियों का सामना करता है. इस मुद्दे का समाधान करने के लिए रोज़गार निर्माण के उद्देश्य से अलग तरह के नीतिगत उपायों की आवश्यकता है. इसके साथ-साथ रोज़गार में लगे लोगों को अधिक उत्पादक बनाने के लिए उन्हें पर्याप्त संसाधनों, ट्रेनिंग और समर्थन की आवश्यकता है.
केंद्रीय बजट 2024 से उम्मीद मुख्य रूप से भारत की युवा जनसंख्या के इस बड़े हिस्से की समस्या का समाधान करने की रही है जो भारत के विकास को परिभाषित करता है.
केंद्रीय बजट 2024 से उम्मीद मुख्य रूप से भारत की युवा जनसंख्या के इस बड़े हिस्से की समस्या का समाधान करने की रही है जो भारत के विकास को परिभाषित करता है. अपेक्षाकृत युवा आबादी (28.4 साल की औसत उम्र) के साथ भारत न सिर्फ वर्कफोर्स (काम-काजी लोगों की संख्या) के मामले में प्रतिस्पर्धी लाभ की स्थिति में है बल्कि युवा जनसंख्या की खपत की ताकत को उजागर करने का अवसर भी उसके पास है जो भारत के आर्थिक विकास को तेज करता है.
रेखाचित्र 1: भारत और चीन में कुल आबादी में काम-काजी उम्र के लोगों का अनुपात
Source: EY India
वास्तव में भारतीय उपभोक्ता, विशेष रूप से युवा, तेज़ी से क्रेडिट प्रेरित खपत को अपना रहे हैं जो अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों के बढ़ते क्रेडिट में दिखाई देता है. 2016-17 से 2021-22 के बीच इन बैंकों का बकाया पर्सनल लोन दोगुने से ज़्यादा हो गया और ये 16.2 ट्रिलियन रुपये से बढ़कर 33.85 ट्रिलियन रुपये हो गया. बैंक खातों को बढ़ावा देने से लेकर डिजिटल भुगतान के इंफ्रास्ट्रक्चर को विकसित करने में निवेश तक वित्तीय समावेशन के लिए सरकार के पूरा ज़ोर लगाने से इस रुझान को ताकत मिली है. जैसे-जैसे वित्तीय सेवा सेक्टर में बदलाव होता है और इन समाधानों का विस्तार होता है, वैसे-वैसे घरेलू क्रेडिट उपलब्धता में बढ़ोतरी की उम्मीद होती है जो खपत आधारित विकास को और प्रेरित करेगी.
आर्थिक सिद्धांत इस बात पर ज़ोर देते हैं कि किसी अर्थव्यवस्था में श्रम बाज़ार रोज़गार में लगे लोगों की संख्या, श्रम के दिनों या घंटों के माध्यम से तय होता है और फिर मज़दूरी की दर से बढ़ता है. लेकिन एक महत्वपूर्ण तत्व, जिसे अक्सर नज़रअंदाज़ कर दिया जाता है, ये है कि श्रम की आपूर्ति स्वाभाविक रूप से उत्पादकता के समीकरण से जुड़ी होती है जो कि अन्य बातों के अलावा शिक्षा और स्वास्थ्य समेत अलग-अलग कारकों का काम है. भारत के लिए आंकड़े जहां असरदार हैं, वहीं श्रम उत्पादकता को बढ़ाने की सख्त ज़रूरत है. भारत में इस साल आम चुनाव के बाद बजट 2024 की भूमिका निर्णायक है.
अपने प्रमुख उद्देश्यों में से एक के रूप में इस बजट का लक्ष्य भारत की मानव पूंजी को मज़बूत करना है और इस तरह देश के विकास को तेज़ करने के लिए अधिक ठोस रास्ता तैयार करना है.
अपने प्रमुख उद्देश्यों में से एक के रूप में इस बजट का लक्ष्य भारत की मानव पूंजी को मज़बूत करना है और इस तरह देश के विकास को तेज़ करने के लिए अधिक ठोस रास्ता तैयार करना है. मानव पूंजी को बढ़ाने में न सिर्फ हुनरमंद कामगारों की संख्या को बढ़ाना शामिल है बल्कि ये सुनिश्चित करना भी है कि उनकी उत्पादकता वैश्विक मानकों के बराबर हो. इसके लिए शिक्षा, कौशल विकास, स्वास्थ्य और कल्याण पर रणनीतिक ध्यान देने की ज़रूरत है.
तालिका 1: बजट 2024 में प्रमुख पहल
पहल |
एक्शन प्वाइंट |
उत्पादकता पर असर |
संबंधित क्षेत्र में मौजूदा योजनाएं |
संभावित चुनौतियां |
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टॉप भारतीय कंपनियों में इंटर्नशिप के ज़रिए कौशल हासिल करने में 1 करोड़ युवाओं की सहायता करने की योजना |
रोज़गार की योग्यता और काम-काजी उम्र के लोगों के व्यावहारिक अनुभव में बढ़ोतरी, शिक्षा संस्थानों और उद्योग के बीच दूरी को पाटना |
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (PMKVY), राष्ट्रीय कौशल विकास मिशन |
ट्रेनिंग की क्वालिटी को सुनिश्चित करना और उद्योग की मांग के अनुसार इंटर्नशिप; कंपनियों और ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट के बीच बड़े पैमाने के तालमेल को संभालना. |
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युवा बेरोज़गारी का समाधान करने के लिए शिक्षा के बुनियादी ढांचे और रोज़गार निर्माण को बढ़ाने पर ध्यान. |
शैक्षणिक संस्थानों का आधुनिकीकरण, व्यावसायिक ट्रेनिंग की शुरुआत और उद्योग की ज़रूरतों के साथ पाठ्यक्रम को जोड़ना जिससे युवा बेरोज़गारी में कमी आए. |
समग्र शिक्षा, राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (RUSA) |
तेज़ी से बदलती उद्योग की ज़रूरतों के साथ शिक्षा को जोड़ना; ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे और संसाधन से जुड़ी कमी से पार पाना. |
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युवाओं के बीच एंटरप्रेन्योरशिप का समर्थन करने और वित्तीय साक्षरता को बढ़ावा देने के लिए उपाय. |
इनोवेशन और आत्मनिर्भरता को प्रोत्साहन, युवा उद्यमियों को वित्तीय सहायता और सलाह प्रदान करना, रोज़गार निर्माण को बढ़ावा. |
स्टार्टअप इंडिया, मुद्रा योजना |
सभी आकांक्षी एंटरप्रेन्योर के लिए फंड की पहुंच; उद्यमशीलता के अवसरों में क्षेत्रीय असमानता और समर्थन की प्रणाली का समाधान |
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कनेक्टिविटी और डिजिटल कौशल तक पहुंच बढ़ाने के लिए डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश. |
ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट पहुंच का विस्तार, डिजिटल साक्षरता में सुधार और शिक्षा एवं ट्रेनिंग के कार्यक्रमों में तकनीक का एकीकरण. |
भारतनेट, डिजिटल इंडिया |
दूर-दराज के क्षेत्रों में कनेक्टिविटी से जुड़े मुद्दों से पार पाना; व्यापक स्तर पर डिजिटल साक्षरता और डिजिटल टूल तक पहुंच को सुनिश्चित करना. |
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स्वास्थ्य सेवाओं को सुधारने के उपाय और युवाओं के लिए मानसिक स्वास्थ्य समर्थन. |
हेल्थकेयर इंफ्रास्ट्रक्चर में बढ़ोतरी, स्वास्थ्य सेवाओं को अधिक सुलभ बनाना और सक्रिय रूप से मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों का समाधान ताकि एक स्वस्थ वर्कफोर्स तैयार हो सके. |
आयुष्मान भारत, राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम (NMHP) |
स्वास्थ्य देखभाल की सेवाओं की पहुंच और सामर्थ्य को सुनिश्चित करना; मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों के साथ जुड़े लांछन का समाधान. |
स्रोत: लेखक का अपना, अलग-अलग स्रोतों से डेटा
(डिस्क्लेमर: विभिन्न स्रोतों से निष्कर्षों को संक्षेप में प्रस्तुत करने में मदद के लिए GPT -4o का इस्तेमाल किया गया है. इसके बाद सूचना को संपादित किया गया है और लेखक के द्वारा परिभाषित उपयुक्त स्तंभ की श्रेणियों में रखा गया है.)
जैसे-जैसे वैश्विक कार्यबल (ग्लोबल वर्कफोर्स) विकसित हो रहा है, वैसे-वैसे अनुमानों से संकेत मिलता है कि कम आमदनी वाले देशों में 2050 तक काम-काजी उम्र वाले दो अरब नए लोग आएंगे. इस संभावित वर्कफोर्स और ज़रूरतमंद नियोक्ताओं (एंप्लॉयर्स) के बीच दूरी को पाटने के लिए श्रम गतिशीलता एक महत्वपूर्ण तरीके के रूप में उभरती है जिससे वैश्विक समानता और उत्पादकता में बढ़ोतरी होगी. श्रम गतिशीलता को आसान बनाने से काफी हद तक ग़रीबी का उन्मूलन हो सकता है क्योंकि अमीर देशों में जाने वाले कामगार अपनी आय छह से 15 गुना बढ़ा सकते हैं.
लेकिन इस गतिशीलता से फायदा उठाने के उद्देश्य से भारत को वैश्विक मानकों को पूरा करने के लिए अपने श्रम बल की गुणवत्ता को बढ़ाना होगा. आपसी रूप से फायदेमंद नतीजों जैसे कि मेज़बान देशों में अधिक उत्पादन और भारत में पैसा भेजने में बढ़ोतरी के लिए ये बदलाव आवश्यक है. वर्तमान श्रम गतिशीलता की प्रणाली में बदलाव की आवश्यकता है ताकि ज़रूरी पैमाने का असरदार ढंग से निपटारा किया जा सके और लोगों की नकारात्मक धारणा एवं श्रम की मांग और आपूर्ति में अंतर जैसी बाधाओं से पार पाया जा सके.
“विश्व गुरु” से “विश्व बंधु” तक भारत का परिवर्तन श्रम बाज़ार की मांगों को हल करने के लिए दूसरे देशों के साथ ज़्यादा नज़दीकी ढंग से तालमेल करने के उसके इरादे का संकेत देता है.
“विश्व गुरु” से “विश्व बंधु” तक भारत का परिवर्तन श्रम बाज़ार की मांगों को हल करने के लिए दूसरे देशों के साथ ज़्यादा नज़दीकी ढंग से तालमेल करने के उसके इरादे का संकेत देता है. वैश्विक आवश्यकताओं के साथ अपने वर्कफोर्स के विकास की रणनीतियों को जोड़कर भारत अंतर्राष्ट्रीय श्रम बाज़ार में एक निर्णायक भूमिका निभा सकता है. बजट 2024 में बताई गई पहल इस बारे में महत्वपूर्ण हैं. कौशल, शिक्षा, वित्तीय समर्थन, बुनियादी ढांचे के विकास और स्वास्थ्य सेवाओं पर बजट के ध्यान का लक्ष्य एक ऐसा वर्कफोर्स तैयार करना है जो न सिर्फ बड़ा हो बल्कि काफी हुनरमंद और उत्पादक भी हो और जो वैश्विक मानकों और मांगों को पूरा करने में सक्षम हो.
कुल मिलाकर निष्कर्ष ये है कि बजट 2024 घरेलू और वैश्विक आर्थिक चुनौतियों- दोनों का समाधान करने के लिए भारत की मानव पूंजी को बढ़ाने की एक व्यापक योजना पेश करता है. इस रणनीतिक दृष्टिकोण का लक्ष्य न केवल भारत के जनसांख्यिकीय (डेमोग्राफिक) फायदे का इस्तेमाल करना है बल्कि वैश्विक श्रम बाज़ार में एक महत्वपूर्ण किरदार के रूप में भारत को स्थापित करना भी है. इस तरह लगातार आर्थिक विकास और समृद्धि के लिए रास्ता तैयार होगा.
सौम्य भौमिक ऑब्ज़र्वर रिसर्च फाउंडेशन में एसोसिएट फेलो हैं.
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Soumya Bhowmick is a Fellow and Lead, World Economies and Sustainability at the Centre for New Economic Diplomacy (CNED) at Observer Research Foundation (ORF). He ...
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