Author : Manoj Joshi

Published on May 08, 2025 Commentaries 8 Days ago

भारत कूटनीतिक दबावों के जरिए इस मुद्दे को उठा सकता है कि पाकिस्तान को आईएमएफ द्वारा दिए जाने वाले कर्ज से आतंकवाद का ही पोषण होता है.

भारत की बदलती रणनीति: ऑपरेशन सिंदूर और नए सुरक्षा संकेत

यह लेख "ऑपरेशन सिंदूर - अनावृत" नामक सीरीज़ का हिस्सा है.


भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के जरिए पाकिस्तान और पीओके में नौ ठिकानों पर हमला किया. यह भारत-पाकिस्तान संबंधों में आ रहे बुनियादी बदलावों का हिस्सा है. सिंधु जल संधि के निलंबन को भी इसके साथ जोड़कर देखें तो पाएंगे कि दक्षिण एशिया के इन दोनों पड़ोसियों के आपसी ताल्लुक आज किस दशा में पहुंच गए हैं.

ऑपरेशन सिंदूर और नए सुरक्षा संकेत

वह संधि 1960 में हुई थी और उसके बाद भारत-पाकिस्तान के बीच हुए अनेक युद्धों के बावजूद कायम रही थी. लेकिन इस बार चीजें बदल गई हैं. भारत ने अपने प्रहार को "नपा-तुला, जिम्मेदार और नॉन-एस्केलेटरी' बताया है. उसने यह सुनिश्चित किया कि हमला जोरदार हो, लेकिन साथ ही में उसने यह भी स्पष्ट किया कि "अपने टारगेट्स के चयन और प्रहार के तरीकों में संयम' बरता गया है.

भारत ने अपने प्रहार को "नपा-तुला, जिम्मेदार और नॉन-एस्केलेटरी' बताया है. उसने यह सुनिश्चित किया कि हमला जोरदार हो, लेकिन साथ ही में उसने यह भी स्पष्ट किया कि "अपने टारगेट्स के चयन और प्रहार के तरीकों में संयम' बरता गया है.

भारतीय हमलों में न केवल पीओके में आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया गया है, बल्कि सियालकोट जैसे पाकिस्तान के इलाकों पर भी प्रहार किया. साथ ही मुरीदके में लश्कर-ए-तैयबा के मुख्यालय और भवालपुर में जैश-ए-मुहम्मद के मुख्यालय पर भी निशाना साधा है. हमले के कुछ घंटों बाद नई दिल्ली में एक ब्रीफिंग में सैन्य अधिकारियों द्वारा सभी हमलों का विस्तृत विवरण दिया गया. हमलों के विस्तृत ड्रोन फुटेज को राष्ट्रीय मीडिया में साझा किया गया.

 

बेबुनियाद दावे

इसके विपरीत, पाकिस्तान 5 भारतीय लड़ाकू विमानों को मार गिराने के बेबुनियाद दावे करता रहा, जबकि यह स्पष्ट है कि भारतीय विमान वास्तव में पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र में प्रवेश नहीं कर पाए थे. ज्यादा संभावना इस बात की है कि भारतीय विमानों ने पाकिस्तान पर हमला करने के लिए SCALP जैसी लंबी दूरी की मिसाइलें दागीं और HAMMER जैसे बमों का इस्तेमाल किया.

SCALP की रेंज 250 से 500 किलोमीटर के बीच है और यह आसानी से बहावलपुर जैसे टारगेट पर प्रहार कर सकती है, जो जैसलमेर से लगभग 300 किलोमीटर दूर है. हमेशा की तरह, पाकिस्तान ने भारतीय हमले में अपने नागरिकों के हताहत होने की सूचना दी है और पश्चिमी मीडिया इसे जस का तस दोहरा रहा है. जबकि रिपोर्टों से पता चलता है कि पाकिस्तानी सेना के कम से कम दो शीर्ष जिहादी सहयोगी मारे गए हैं.

हमेशा की तरह, पाकिस्तान ने भारतीय हमले में अपने नागरिकों के हताहत होने की सूचना दी है और पश्चिमी मीडिया इसे जस का तस दोहरा रहा है. जबकि रिपोर्टों से पता चलता है कि पाकिस्तानी सेना के कम से कम दो शीर्ष जिहादी सहयोगी मारे गए हैं.

इससे पहले भी 2016 की सर्जिकल स्ट्राइक और 2019 के बालाकोट हमले से भारत ने आतंकवाद को लेकर एक स्पष्ट लक्ष्मणरेखा खींच दी थी, जिससे यह लगभग तय हो गया था कि भारत पहलगाम हमले के लिए पाकिस्तान पर सैन्य प्रहार करेगा. 2016 और 2019 की तरह, इस बार की स्ट्राइक का लक्ष्य भी आतंकवादी ढांचे को निशाना बनाना था और किसी भी पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठान को निशाना बनाने से बचना था.

अतीत में भारत के पास पाकिस्तानी नीति को प्रभावी ढंग से आकार देने के लिए सैन्य या आर्थिक ताकत की कमी रही है, इसलिए उसने आक्रामकता के निम्नतम स्तर पर संबंधों को प्रबंधित करने की कोशिश की है. लेकिन अब वह पाकिस्तान से नाउम्मीद हो चुका है और कठोर विकल्पों की तलाश कर रहा है.

अब तक हमारी नीति इस भ्रांत धारणा पर आधारित थी कि सीधी बातचीत किसी तरह से इस्लामाबाद को हमारे पक्ष में कर लेगी. लेकिन मौजूदा घटनाएं भारत-पाक सम्बंधों में एक गुणात्मक परिवर्तन लाएंगी

अब तक हमारी नीति इस भ्रांत धारणा पर आधारित थी कि सीधी बातचीत किसी तरह से इस्लामाबाद को हमारे पक्ष में कर लेगी. लेकिन मौजूदा घटनाएं भारत-पाक सम्बंधों में एक गुणात्मक परिवर्तन लाएंगी. भारत की कोशिश है कि पाकिस्तान और अंतरराष्ट्रीय समुदाय- दोनों को संदेश देने के लिए कई तरह की रणनीतियां अपनाए. इसमें प्रधानमंत्री और सैन्य-सुरक्षा अधिकारियों की बहुचर्चित बैठकें, सैन्य अभ्यास और 1971 के बाद पहली बार पूरे देश में नागरिक सुरक्षा मॉक ड्रिल शामिल है.

पाकिस्तान पर नकेल

पाकिस्तान की नकेल कसने के लिए भारत एफएटीएफ प्रक्रियाओं को भी बढ़ावा दे सकता है. भारत कूटनीतिक दबावों के जरिए इस मुद्दे को उठा सकता है कि पाकिस्तान को आईएमएफ द्वारा दिए जाने वाले कर्ज से आतंकवाद का ही पोषण होता है.

SCALP जैसी लंबी दूरी की मिसाइलों की रेंज 250 से 500 किलोमीटर के बीच है. यह आसानी से बहावलपुर जैसे टारगेट पर प्रहार कर सकती है, जो जैसलमेर से लगभग 300 किलोमीटर दूर है. हमने यही रणनीति अपनाई है.

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Manoj Joshi is a Distinguished Fellow at the ORF. He has been a journalist specialising on national and international politics and is a commentator and ...

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