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चीनी सैन्य अभ्यास के दौरान उसकी पांच मिसाइलें जापान में गिरी. विशेषज्ञों का मानना है कि यह चीन की सोची समझी रणनीति का हिस्सा है. चीन ने जानबूझकर जापान पर ये मिसाइलें गिराई हैं. आइए जानते हैं कि चीन की इस चाल के पीछे बड़े निहितार्थ क्या है.
अमेरिकी सीनेट की स्पीकर नैंसी पेलोसी के एशियाई दौरे के बाद खासकर ताइवान यात्रा के उपरांत चीन आक्रामक मूड में आ गया है. उसने अब क्वाड देशों को भी निशाना बनाना शुरू कर दिया है. चीन ने ताइवान के निकट उकसावे की कार्रवाई करते हुए गुरुवार को दो घंटे में एक दर्जन बैलिस्टिक मिसाइल दागी थी. चीनी सैन्य अभ्यास के दौरान उसकी पांच मिसाइलें जापान के क्षेत्र में गिरी. विशेषज्ञों का मानना है कि यह चीन की सोची समझी रणनीति का हिस्सा है. चीन ने जानबूझकर जापान पर ये मिसाइलें गिराई हैं. आइए जानते हैं कि चीन की इस चाल के पीछे बड़े निहितार्थ क्या है. ऐसा करके चीन दुनिया को क्या संदेश देना चाहता है.
चीनी सैन्य अभ्यास के दौरान उसकी पांच मिसाइलें जापान के क्षेत्र में गिरी. विशेषज्ञों का मानना है कि यह चीन की सोची समझी रणनीति का हिस्सा है.
प्रो पंत के अनुसार कि चीन ने जापान को भी निशाना बनाया है. ऐसा करके उसने हिंद प्रशांत क्षेत्र में एक संदेश दिया है. चीन का मकसद है कि उसने नैंसी की यात्रा पर भले ही उनके विमान को नहीं गिराया है, लेकिन वह अमेरिका से कतई भयभीत नहीं है.
जापान ने चीन के इस सैन्य परीक्षण का विरोध करते हुए ये दावा किया कि ये मिसाइलें जापान के विशेष आर्थिक क्षेत्र में गिरी हैं. चीन के बैलिस्टिक मिसाइल दागने पर जापान के रक्षा प्रमुख ने कहा कि ताइवान के पास सैन्य अभ्यास के दौरान चीन द्वारा लांच की गई पांच मिसाइलें जापान के विशेष आर्थिक क्षेत्र में गिरी हैं. चीन ने ताइवान के समुद्री क्षेत्र में कई बैलिस्टिक मिसाइलें दागी थी. चीन की इस कार्रवाई का ताइवान ने भी विरोध किया था. ताइवान ने संयम बरतते हुए अपना बयान दिया है. ताइवान के विदेश मंत्रालय ने कहा कि हम अन्य देशों के पास पानी में मिसाइलों का जानबूझकर परिक्षण करने के लिए चीनी सरकार की कड़ी निंदा करते हैं. ऐसा करने से ताइवान की राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा पैदा हुआ है. साथ ही क्षेत्रीय तनाव बढ़ गया और अंतरराष्ट्रीय यातायात व व्यापार प्रभावित हुआ है. ताइवान ने कहा कि चीन ने करीब दो घंटे में हमारी समुद्री सीमा में 11 मिसाइलें दागी हैं. हम अंतरराष्ट्रीय समुदाय से चीन के इस गैर जिम्मेदारान व्यवहार की निंदा करने का आग्रह करते है.
ताइवान के विदेश मंत्रालय ने कहा कि हम अन्य देशों के पास पानी में मिसाइलों का जानबूझकर परिक्षण करने के लिए चीनी सरकार की कड़ी निंदा करते हैं. ऐसा करने से ताइवान की राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा पैदा हुआ है.
हाल में चीन के रक्षा मंत्री जनरल वी फेंग ने अमेरिका पर आरोप लगाया कि वह ताइवान की आजादी का समर्थन कर रहा है. उन्होनें कहा था कि अमेरिका ताइवान पर किए गए अपने वादे को तोड़ रहा है और चीन के मामलों में दखल दे रहा है. चीनी रक्षा मंत्री ने कहा था एक बात साफ कर दूं, किसी ने भी ताइवान को चीन से अलग करने की कोशिश की तो हम उससे जंग लड़ने से हिचकेंगे नहीं, हम किसी भी कीमत पर लड़ेंगे और आखिर तक लड़ेंगे. चीन के मामले में यह हमारा एक मात्र विकल्प है. चीनी रक्षा मंत्री का यह बयान अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की ओर से चीन को दिए उस संदेश के बाद आया है, जिसमें उन्होंने कहा था वह ताइवान के निकट लड़ाकू जहाजों को उड़ा कर खतरों से खेल रहा है. अमेरिका ने कहा है कि अगर ताइवान पर हमला हुआ तो वह उसकी रक्षा के लिए अपनी सेना भेजेगा.
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यह लेख जागरण में प्रकाशित हो चुका है.
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Professor Harsh V. Pant is Vice President – Studies and Foreign Policy at Observer Research Foundation, New Delhi. He is a Professor of International Relations ...
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