Author : Harsh V. Pant

Published on Aug 06, 2022 Commentaries 0 Hours ago

चीनी सैन्य अभ्यास के दौरान उसकी पांच मिसाइलें जापान में गिरी. विशेषज्ञों का मानना है कि यह चीन की सोची समझी रणनीति का हिस्सा है. चीन ने जानबूझकर जापान पर ये मिसाइलें गिराई हैं. आइए जानते हैं कि चीन की इस चाल के पीछे बड़े निहितार्थ क्या है.

‘चीन का ताइवान-जापान पर घातक मिसाइल गिराना सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है’

अमेरिकी सीनेट की स्पीकर नैंसी पेलोसी  के एशियाई दौरे के बाद खासकर ताइवान यात्रा के उपरांत चीन आक्रामक मूड में आ गया है. उसने अब क्वाड देशों को भी निशाना बनाना शुरू कर दिया है. चीन ने ताइवान के निकट उकसावे की कार्रवाई करते हुए गुरुवार को दो घंटे में एक दर्जन बैलिस्टिक मिसाइल दागी थी. चीनी सैन्य अभ्यास के दौरान उसकी पांच मिसाइलें जापान के क्षेत्र में गिरी. विशेषज्ञों का मानना है कि यह चीन की सोची समझी रणनीति का हिस्सा है. चीन ने जानबूझकर जापान पर ये मिसाइलें गिराई हैं. आइए जानते हैं कि चीन की इस चाल के पीछे बड़े निहितार्थ क्या है. ऐसा करके चीन दुनिया को क्या संदेश देना चाहता है.

चीनी सैन्य अभ्यास के दौरान उसकी पांच मिसाइलें जापान के क्षेत्र में गिरी. विशेषज्ञों का मानना है कि यह चीन की सोची समझी रणनीति का हिस्सा है. 

  1. विदेश मामलों के जानकार प्रो हर्ष वी पंत का कहना है कि नैंसी की ताइवान और जापान की यात्रा के बाद चीन की काफी किरकिरी हुई है. वैश्विक स्तर पर उसकी छवि को बड़ा धक्का लगा है. उन्होंने कहा कि चीन का यह सैन्य परीक्षण उसी भड़ास का नतीजा है. ऐसा करके वह दुनिया को संदेश देना चाह रहा है कि वह किसी से डरता नहीं है और ताइवान पर उसकी नीति कायम है. इसलिए वह बार-बार उकसावे की कार्रवाई कर रहा है. यही कारण है कि नैंसी के ताइवान पंहुचते ही उसने अपने ताइवान जलडमरूमध्य में सैन्य अभ्यास को अंजाम दिया है.
  2. प्रो पंत के अनुसार कि चीन ने जापान को भी निशाना बनाया है. ऐसा करके उसने हिंद प्रशांत क्षेत्र में एक संदेश दिया है. चीन का मकसद है कि उसने नैंसी की यात्रा पर भले ही उनके विमान को नहीं गिराया है, लेकिन वह अमेरिका से कतई भयभीत नहीं है. हिन्द प्रशांत क्षेत्र में भी वह अमेरिकी नीति का विरोध करता है. उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर चीन की यह विरोध की नीति है. ऐसा करके उसने अमेरिका और मित्र राष्ट्रों को सख्त संदेश दिया है. खासबात यह है कि जापान, क्वाड संगठन का प्रमुख हिस्सा है. चीन ने क्वाड के गठन का विरोध करते हुए कहा था‍ कि यह हिंद प्रशांत क्षेत्र में एक नाटो जैसे संगठन का उदय है. उधर, नैंसी की एशियाई देशों की यात्रा के दौरान अमेरिका की पैनी नजर है.
  3.  प्रो पंत ने कहा कि चीन यह संदेश देना चाहता है कि वह अब आक्रामक मूड में है. नैंसी की यात्रा के बाद वह ऐसी चाल चल सकता है कि जिससे ताइवान समेत क्वाड देशों को दिक्कत हो. उधर, अमेरिका अपने सयोगी और मित्र राष्ट्रों को यह संदेश देने में कामयाब रहा है कि वह चीन की धमकियों से डरता नहीं है. वह अपने मित्र राष्ट्रों और समान विचारधारा वाले राष्ट्रों के साथ खड़ा है. यूक्रेन जंग के बाद यह कयास लगाए जा रहे थे कि अब चीन भी ताइवान पर हमला कर सकता है. नैंसी की इस यात्रा के बाद यह तय हो गया है कि अमेरिका ताइवान को यूक्रेन की तरह अकेला नहीं छोड़ सकता है. यह चीन के लिए एक स्पष्ट संदेश है.
प्रो पंत के अनुसार कि चीन ने जापान को भी निशाना बनाया है. ऐसा करके उसने हिंद प्रशांत क्षेत्र में एक संदेश दिया है. चीन का मकसद है कि उसने नैंसी की यात्रा पर भले ही उनके विमान को नहीं गिराया है, लेकिन वह अमेरिका से कतई भयभीत नहीं है.

जापान और ताइवान ने संयम के साथ किया विरोध

जापान ने चीन के इस सैन्य परीक्षण का विरोध करते हुए ये दावा किया कि ये मिसाइलें जापान के विशेष आर्थिक क्षेत्र में गिरी हैं. चीन के बैलिस्टिक मिसाइल दागने पर जापान के रक्षा प्रमुख ने कहा कि ताइवान के पास सैन्य अभ्यास के दौरान चीन द्वारा लांच की गई पांच मिसाइलें जापान के विशेष आर्थिक क्षेत्र में गिरी हैं. चीन ने ताइवान के समुद्री क्षेत्र में कई बैलिस्टिक मिसाइलें दागी थी. चीन की इस कार्रवाई का ताइवान ने भी विरोध किया था. ताइवान ने संयम बरतते हुए अपना बयान दिया है. ताइवान के विदेश मंत्रालय ने कहा कि हम अन्य देशों के पास पानी में मिसाइलों का जानबूझकर परिक्षण करने के लिए चीनी सरकार की कड़ी निंदा करते हैं. ऐसा करने से ताइवान की राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा पैदा हुआ है. साथ ही क्षेत्रीय तनाव बढ़ गया और अंतरराष्ट्रीय यातायात व व्यापार प्रभावित हुआ है. ताइवान ने कहा कि चीन ने करीब दो घंटे में हमारी समुद्री सीमा में 11 मिसाइलें दागी हैं. हम अंतरराष्ट्रीय समुदाय से चीन के इस गैर जिम्मेदारान व्यवहार की निंदा करने का आग्रह करते है.

ताइवान के विदेश मंत्रालय ने कहा कि हम अन्य देशों के पास पानी में मिसाइलों का जानबूझकर परिक्षण करने के लिए चीनी सरकार की कड़ी निंदा करते हैं. ऐसा करने से ताइवान की राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा पैदा हुआ है.  

ताइवान पर चीन का रुख़

हाल में चीन के रक्षा मंत्री जनरल वी फेंग ने अमेरिका पर आरोप लगाया कि वह ताइवान की आजादी का समर्थन कर रहा है. उन्होनें कहा था कि अमेरिका ताइवान पर किए गए अपने वादे को तोड़ रहा है और चीन के मामलों में दखल दे रहा है. चीनी रक्षा मंत्री ने कहा था एक बात साफ कर दूं, किसी ने भी ताइवान को चीन से अलग करने की कोशिश की तो हम उससे जंग लड़ने से हिचकेंगे नहीं, हम किसी भी कीमत पर लड़ेंगे और आखिर तक लड़ेंगे. चीन के मामले में यह हमारा एक मात्र विकल्प है. चीनी रक्षा मंत्री का यह बयान अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की ओर से चीन को दिए उस संदेश के बाद आया है, जिसमें उन्होंने कहा था वह ताइवान के निकट लड़ाकू जहाजों को उड़ा कर खतरों से खेल रहा है. अमेरिका ने कहा है कि अगर ताइवान पर हमला हुआ तो वह उसकी रक्षा के लिए अपनी सेना भेजेगा.

***

यह लेख जागरण में प्रकाशित हो चुका है.

The views expressed above belong to the author(s). ORF research and analyses now available on Telegram! Click here to access our curated content — blogs, longforms and interviews.