Author : Hari Bansh Jha

Published on Sep 01, 2023 Updated 0 Hours ago

बेहतर अवसरों की तलाश में नेपाल से विदेशों में युवाओं का पलायन क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा को प्रभावित कर रहा है क्योंकि कई कथित तौर पर भाड़े के समूहों में शामिल हो रहे हैं. 

नेपाल से भारी मात्रा में युवाओं का देश छोड़कर जाना: ज्वलंत होते सुरक्षा के मुद्दे

नेपाल 15वीं पंचवर्षीय योजना(2019-2023) को पूरा करने के अंतिम चरण में है. इन सभी योजनाओं के प्रमुख उद्देश्यों में से एक देश में रोज़गार के अवसर पैदा करना था, लेकिन देश इस मोर्चे पर अपेक्षित परिणाम देने में बुरी तरह विफल रहा है. घर पर रोज़गार के अवसरों की कमी ने अधिकांश युवाओं को देश छोड़ने के लिए मजबूर कर दिया. हर साल कानूनी और अवैध माध्यमों से देश छोड़ने वाले युवाओं की संख्या बढ़ रही है. यदि इस तरह की प्रवृत्ति बेरोकटोक जारी रहती है, तो यह क्षेत्र के भीतर और बाहर दोनों जगह सुरक्षा चुनौतियां पैदा कर सकती है.

इस देश की 30 मिलियन की कुल आबादी में से अनुमानित 3.5 से 8 मिलियन युवा भारत में काम कर रहे है. इसके अलावा, मलेशिया, सऊदी अरब, कतर, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) कुवैत, ओमान, बहरीन और दक्षिण कोरिया सहित विदेशी देशों में लगभग 50 लाख से 60 लाख युवा प्रवासी श्रमिकों के रूप में काम कर रहे हैं. रोज़गार के लिए विदेश जाने वालों में 81 प्रतिशत पुरुष और 19 प्रतिशत महिलाएं हैं.

हर दिन 2,000 से अधिक युवा वैध  माध्यमों से विदेशों में रोज़गार के लिए देश छोड़ रहे हैं. इसके अलावा, ऐसे लोग भी हैं जो अवैध रूप से विदेशी भूमि पर प्रवास करते हैं.

अनुमान है कि वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान 750,000 से अधिक युवाओं ने विदेशी रोज़गार के लिए अपना देश नेपाल छोड़ दिया, जो कि अपने आप में एक रिकॉर्ड है. हर दिन 2,000 से अधिक युवा वैध  माध्यमों से विदेशों में रोज़गार के लिए देश छोड़ रहे हैं. इसके अलावा, ऐसे लोग भी हैं जो अवैध रूप से विदेशी भूमि पर प्रवास करते हैं.

अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) के अनुमान के अनुसार 15 से 29 वर्ष की आयु के नेपाली युवाओं में बेरोजगारी की दर 19.2 प्रतिशत है. देश के भीतर नौकरी न मिलने से युवा शक्ति आज पहले से कहीं अधिक हताश है. इसलिए, अपनी वैचारिक पृष्ठभूमि के बावजूद, वे नौकरियों के लिए विदेश जाना पसंद करते हैं. यहां तक कि वे लोग जो कभी पश्चिमी पहाड़ियों में रुकम ज़िले के केंद्र में 1996 और 2006 के बीच माओवादी विद्रोह की अवधि के दौरान कट्टर माओवादी कार्यकर्ता थे और जिन्होंने उस समय अमेरिकी साम्राज्यवाद का कड़ा विरोध किया था, वे उन्हें संयुक्त राज्य अमेरिका लाने के लिए तस्करों को भारी मात्रा में धन देने को तैयार हैं. फिर भी, उनमें से केवल कुछ भाग्यशाली ही अपने सपनों की भूमि तक पहुँच पाते हैं क्योंकि उनमें से ज्य़ादातर को अवैध रास्ता चुनने के कारण निर्वासित कर दिया जाता है.

भारतीय सेना में गोरखा

हर साल 1,300 गोरखा भारतीय सेना में शामिल हुआ करते थे. हालांकि, 2023 में भारतीय सेना में गोरखाओं की भर्ती को रोकने के नेपाली सरकार के फैसले के बाद, उनमें से कई नौकरी की तलाश में विदेश जाने को बाध्य हो गए है. नेपाली सरकार का मानना है कि भारतीय सेना में अग्निपथ योजना के तहत चार साल की सेवा का नया नियम 1947 में नेपाल, भारत और ब्रिटेन के बीच त्रिपक्षीय समझौते के खिलाफ है. यह भी एक वजह हो सकता है, चीन अपनी (PLA)पीपुल्स लिबरेशन आर्मीमें गोरखाओं की भर्ती के लिए अपने दरवाज़ेखोल,नेपाल को प्रभावित करने की कोशिश कर रहा है. लेकिन, कुछ हलकों में, ये विचार भी हैं कि नेपाल चीन को पीएलए में गोरखाओं की भर्ती करने की अनुमति नहीं दे सकता है क्योंकि इसके लिए नेपाली संसद के कम से कम दो-तिहाई सदस्यों के समर्थन की आवश्यकता होती है, जो इस समय असंभव है. हालाँकि, नेपाली नागरिकों को इस देश के लिए भाड़े के सैनिकों के रूप में काम करने की अनुमति देने के लिए नेपाल सरकार का रूस के साथ कोई द्विपक्षीय समझौता नहीं है. यहां तक कि नेपाल सेना से सेवानिवृत्त लोग भी इस समूह में शामिल हो रहे हैं.

नेपाली सरकार का मानना है कि भारतीय सेना में अग्निपथ योजना के तहत चार साल की सेवा का नया नियम 1947 में नेपाल, भारत और ब्रिटेन के बीच त्रिपक्षीय समझौते के खिलाफ है.

मीडिया रिपोर्टों से इस बात की भी पुष्टि होती है कि कुछ नेपाली युवा न केवल यूक्रेन के खिलाफ रूस के लिए लड़ रहे हैं, बल्कि वे रूस के खिलाफ यूक्रेन के लिए भी लड़ रहे हैं. हालाँकि, नेपाली सरकार ने इस तरह की गतिविधियों को अवैध पाया और घोषणा की, कि किसी भी नेपाली नागरिक को किसी अन्य देश के लिए या उसके खिलाफ़ काम करने के लिए भाड़े के सैनिक के रूप में भेजने की कोई सरकारी नीति नहीं है. मास्को में नेपाली दूतावास ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि वैगनर समूह में शामिल होने वाले नेपाली नागरिकों ने अपनी व्यक्तिगत क्षमताओं में ऐसा किया है.

रूस की सेना में नेपाली युवक

16 मई 2023 को, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने उन विदेशी नागरिकों के लिए रूसी नागरिकता प्राप्त करने की प्रक्रिया को सरल बना दिया जो यूक्रेन के साथ इस युद्ध में रैंक में शामिल होना चाहते थे.उन्होंने ऐसे लोगों के परिवार के सदस्यों को रूसी नागरिकता प्रदान करने के नियमों को भी सरल बनाया. वैगनर समूह में शामिल हुए एक नेपाली युवक ने कहा, “हमें आधुनिक हथियारों का उपयोग करना सिखाया जा रहा है. पूरे दिन और कभी-कभी रात रात भर भी प्रशिक्षण होता राहत है. प्रशिक्षण अवधि के दौरान भी, वेतन बीमा के साथ लगभग पचास हज़ार नेपाली रुपये मिलते है. एक साल के बाद, नागरिकता उपलब्ध है. अगर मैं एक साल में नहीं मरता, तो मैं यहीं रहूंगा.”

16 मई 2023 को, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने उन विदेशी नागरिकों के लिए रूसी नागरिकता प्राप्त करने की प्रक्रिया को सरल बना दिया जो यूक्रेन के साथ इस युद्ध में रैंक में शामिल होना चाहते थे

हालांकि, नेपाल इतना बड़ा देश नहीं है, लेकिन यह विदेशी प्रवासियों से पैसा लाने के मामले में 11वें स्थान पर है. देश के केंद्रीय बैंक, नेपाल राष्ट्र बैंक द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, 2023 में नेपाल में विदेशी रुपयों का प्रवाह 13 प्रतिशत से बढ़कर 8.51 बिलियन अमेरिकी डॉलरहो गया. फिर भी, यह देश के विकास का एक स्वस्थ संकेत नहीं है. हर साल, विभिन्न देशों से काठमांडू के त्रिभुवन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर प्रवासी श्रमिकों के 1,242 से अधिक शव आते हैं.

जिस तरह से नेपाली युवा अपनी जान जोख़िम में डालकर भी नौकरी के लिए देश छोड़कर भाग रहे हैं, वह गंभीर चिंता का विषय है. यह स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि नेपाल की वर्तमान योजना और आर्थिक प्रणाली इस ज्वलंत चुनौती का समाधान करने में पूरी तरह विफल रही है. इसलिए समय की मांग है कि इस प्रणाली का इस तरह से पुनर्गठन किया जाए कि देश के भीतर बड़े पैमाने पर रोज़गार के अवसर पैदा हों और युवा देश के विकास के लिए उत्पादक क्षेत्रों में लगे रहें. लेकिन वर्तमान राजनीतिक व्यवस्था के तहत, यह संभावना नहीं है कि इस क्षेत्र में कोई सफलता मिलेगी क्योंकि न तो सरकार और न ही राजनीतिक दल इस बाबत गंभीर हैं. फिर भी, क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा पर इसके संभावित प्रभावों को पूरी तरह से नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है.

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