Author : Shoba Suri

Published on Jun 26, 2023 Updated 0 Hours ago
विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस 2023: खाने के मानकों की भूमिका

विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस हर साल 7 जून को मनाया जाता हैइसका मक़सदखाद्य सुरक्षा के प्रति जागरूकता फैलाना और इसके लिए ज़रूरी कार्रवाई करना होता हैविश्व खाद्य सुरक्षा दिवस की स्थापना दिसंबर 2018 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने की थीजिससे जनता की सेहत और भलाई में सुरक्षित खानपान की अहमियत को रेखांकित किया जा सकेइस दिवस की कोशिश होती है कि वो सुरक्षितपोषक और टिकाऊ खाने की वैश्विक ज़रूरत की ओर ध्यान आकर्षित कर सके और खाने से पैदा होने वाले जोखिमों को रोकनेउनका पता लगाने और निपटने के प्रयासों को बढ़ावा दे सकेखाद्य सुरक्षा दुनिया की एक बेहद महत्वपूर्ण चिंता हैक्योंकिअसुरक्षित खाने से खाद्य पदार्थों से होने वाली बीमारियां पैदा हो सकती हैंजिनके नतीजे लोगों की सेहत के लिए बेहद ख़तरनाक हो सकते हैंदुनिया में हर साल लगभग 60 करोड़ लोग– यानी हर दस में से एक– खाने से पैदा होने वाली बीमारियों का शिकार हो जाते हैंजबकि हर साल 4 लाख 20 हज़ार लोग अपनी ज़िंदगियां गंवा देते हैंजिससे स्वस्थ जीवन के 3.3 करोड़ वर्षों का नुक़सान होता हैअसुरक्षित खाने के आर्थिक दुष्परिणाम भी निकलते हैं क्योंकि इसका असर व्यापार एवं पर्यटन पर पड़ता हैजो देशो की अर्थव्यवस्थाओं और खाद्य उद्योग में लगे आम लोगों की रोज़ीरोटी पर भी बुरा असर डालता हैअसुरक्षित खाने से कम और मध्यम आमदनी वाले देशों में हर साल 110 अरब डॉलर की उत्पादकता का और इलाज में होने वाले ख़र्च का नुक़सान होता है.

विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस, हर साल एक ख़ास थीम पर ध्यान केंद्रित करता है, ताकि खाद्य सुरक्षा के अलग अलग पहलुओं से निपटा जा सके. 2023 के विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस की थीम ‘फूड स्टैंडर्ड सेव लाइव्स’ (यानी खाने के मानक ज़िंदगियां बचाते हैं) है. खाद्य पदार्थों के मानक वो नियम होते हैं, जिनके ज़रिए खाद्य उत्पादों की सुरक्षा और गुणवत्ता सुनिश्चित की जाती है.

विश्व खाद्य सुरक्षा दिवसहर साल एक ख़ास थीम पर ध्यान केंद्रित करता हैताकि खाद्य सुरक्षा के अलग अलग पहलुओं से निपटा जा सके2023 के विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस की थीम ‘फूड स्टैंडर्ड सेव लाइव्स’ (यानी खाने के मानक ज़िंदगियां बचाते हैंहैखाद्य पदार्थों के मानक वो नियम होते हैंजिनके ज़रिए खाद्य उत्पादों की सुरक्षा और गुणवत्ता सुनिश्चित की जाती है. इस तरह ये मानक लोगों की सेहत की रक्षा करने और उनकी जान बचाने में एक अहम भूमिका अदा करते हैंये मानक किसानों और प्रसंस्करण करने वालों के लिए एक रूपरेखा उपलब्ध कराते हैंताकि वो खाद्य उत्पाद तैयार करने के दौरान उनकी सुरक्षा और साफ़सफ़ाई सुनिश्चित कर सकेंफूड कोड को ‘कोडेक्स एलिमेंटैरियस’ के नाम से भी जाना जाता हैइसे अंतरराष्ट्रीय मानकोंनियमों और व्यवहार का कोड हैजो ग्राहकों की सेहत की सुरक्षा और खाद्य उद्योग में नैतिकता वाला चलन सुनिश्चित करने के लिए तैयार किया गया हैकोडेक्स एलिमेंटैरियस कमीशन की स्थापना खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO) और विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा मिलकर 1963 में की गई थीजिससे ग्राहकों की सेहत की रक्षा की जा सके और खाद्य उद्योग में नैतिक मानकों को बढ़ावा दिया जा सकेपिछले 60 साल से लागू कोडेक्स के मानक खाद्य सुरक्षा में मील का पत्थर कहे जाते हैंहर साल नए मानक स्थापित किए जाने और नई जानकारियां उपलब्ध होने की वजह से मौजूदा मानकों को अपडेट किया जाता हैजिससे हर साल ‘फूड कोड’ का विस्तार होता जा रहा है.

Source: WHO-World Food Safety Day 2023

विश्व स्वास्थ्य संगठन की खाद्य सुरक्षा के लिए वैश्विक रणनीति 2022-2030 सभी सदस्य देशों से आह्वान करती है कि वो अपने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा के ढांचों को खाद्य सुरक्षा और गुणवत्तापर्यावरणकृषि और स्वास्थ्य के एकीकृत नज़रिए से अपनाएंज़रूरत के मुताबिक़ बदलें और मज़बूत बनाएंचूंकि कोडेक्स के मानक और इसके नियम देशों के लिए बाध्यकारी नहीं हैंइसलिए इन्हें लागू किए जाने के लिए देशों को अपने यहां राष्ट्रीय क़ानून के रूप में पारित करना चाहिएभारत में खानेपीने के सामान के मानक और नियमों का प्रशासनफूड सेफ्टी ऐंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) के हाथ में है. FSSAI खाने पीने से जुड़ी गतिविधियों की निगरानी करके खाद्य सुरक्षा और लोगो की सेहत को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता हैभारत में खाद्य पदार्थों के कारोबारियों और ग्राहकों के लिए इन मानकों और नियमों की जानकारी होनी ज़रूरी हैतभी वो इनका पालन करके खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित कर सकेंगेखाने से पैदा होने वाली बीमारियों की रोकथाम के अलावाखानेपीने के मानक खाद्य पदार्थों के उत्पादनप्रसंस्करणइनकी हैंडलिंग और भंडारण के दिशानिर्देश और नियम तय करते हैं; ये एलर्जी पैदा करने वाले तत्वों के नाम की जानकारी देने और एलर्जी पैदा करने वाले संभावित तत्वों के प्रबंधन से दूसरे संक्रमण रोकने का काम भी करते हैंये मानक खानेपीने के सामान में मुनाफ़े के लिए हेरा फेरी की रोकथाम करते हैंऔर उत्पादकों को बराबरी का मौक़ा देते हुए अंतरराष्ट्रीय व्यापार को बढ़ावा देते हैं और ये सुनिश्चित करते हैं कि खाद्य पदार्थ तमाम देशों में सुरक्षा और गुणवत्ता के तमाम मानकों पर खरे उतरेसाझा मानकों का पालन करके सभी देश एक दूसरे की खाद्य सुरक्षा व्यवस्था में भरोसा पैदा कर सकते हैंजिससे जनता की सेहत की हिफ़ाज़त करते हुए खाद्य पदार्थों के आयात और निर्यात को बढ़ावा दे सकें.

खाद्य सुरक्षा की महत्ता

खाद्य सुरक्षा के कोड (Codex), वैश्विक खाद्य सुरक्षा के मानकों को राष्ट्रीय क़ानूनों में बदलकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय को स्थायी विकास के कई लक्ष्य (SDGs) हासिल विज्ञान पर आधारित मानक उपलब्ध कराते हैंजैसे कि कोई ग़रीबी नहीं (SDG 1). इनसे व्यापारियों को नए बाज़ार में दाख़िल होने और अपने कारोबार का विस्तार करने का मौक़ा मिलता हैजिससे अप्रत्यक्ष रूप से SDG 2 (शून्य भुखमरीहासिल करने में मदद मिलती हैग्राहक की सेहत की रक्षा और खाद्य सुरक्षा की व्यवस्था को मज़बूत बनाकर ये मानकखाने से पैदा होने वाली बीमारियों की रोकथाम करते हैं और इस तरह SDG 3 (अच्छी सेहत और कल्याणप्राप्त करने में योगदान देते हैंइनसे SDG 8 (सम्मानजनक काम और आर्थिक विकासका लक्ष्य पाने में भी मदद मिलती हैक्योंकि ये मानक व्यापार की बाधाएं और रोड़े दूर करके खाद्य क्षेत्र में निरपेक्ष व्यापारिक बर्ताव को बढ़ावा देते हैंखाने की सटीक और भरोसेमंद लैबेलिंग करके ये मानक SDG 12 (खाने के कचरे और केमिकल का प्रबंधनमें योगदान देते हैंऔर ये मानक SDG 17 (SDGs के लिए साझेदारियांविकसित करने में भी मदद करते हैंक्योंकि इनके ज़रिए सभी देश मिलकर ये सुनिश्चित करते हैं कि जब बात 2030 तक स्थायी विकास के लक्ष्य पाने की आएतो कोई भी पीछे  रह जाए.

भारत में खाद्य पदार्थों के कारोबारियों और ग्राहकों के लिए इन मानकों और नियमों की जानकारी होनी ज़रूरी है. तभी वो इनका पालन करके खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित कर सकेंगे. खाने से पैदा होने वाली बीमारियों की रोकथाम के अलावा, खाने-पीने के मानक खाद्य पदार्थों के उत्पादन, प्रसंस्करण, इनकी हैंडलिंग और भंडारण के दिशा-निर्देश और नियम तय करते हैं

खाद्य सुरक्षालोगों की सेहत से जुड़ी एक प्रमुख चिंता का विषय है और खाद्य सुरक्षा हासिल करने का एक ज़रूरी तत्व हैखाद्य सुरक्षा और रक्षा एक दूसरे के पूरक हैं और हमारे टिकाऊ भविष्य में योगदान देते हैंरक्षा का आयाम खाने की उपलब्धता और इसके सस्ता होने पर ध्यान देते हुए सुनिश्चित करता है कि दुनिया में हर एक को पर्याप्त मात्रा में खाना मिल सके. वहींखाद्य सुरक्षा के मानक खाने को प्रदूषित होने या ख़राब होने से बचाते हुए ये सुनिश्चित करते हैं कि ग्राहक को पोषक और खाने लायक़ खाना मिले2050 तक 10 अरब लोगों का पेट भरने के लिए हमें अपनी खाद्य सुरक्षा और भविष्य को टिकाऊ बनाने के लिए नए समाधानों की ज़रूरत होगीजिससे हमें संयुक्त राष्ट्र के टिकाऊ विकास के लक्ष्य पाने के लिए खाद्य सुरक्षा की बलि  देनी पड़े.

खाद्य सुरक्षा को प्राथमिकता देकर हमसेहत के जोखिम कम कर सकते हैंखाने की बर्बादी कम कर सकते हैंग्राहकों का भरोसा बना सकते हैंकृषि क्षेत्र की उत्पादकता बढ़ा सकते हैं और व्यापार को बढ़ावा दे सकते हैंसामूहिक रूप से ये प्रयास खाद्य सुरक्षा का लक्ष्य पाने में योगदान देते हैंजहां सभी व्यक्तियों को उनका पेट भरने लायक़ और अपने अपने स्वाद के मुताबिक़ पर्याप्त मात्रा में खाने लायक़ और पोषक खाना मिल सकेकुल मिलाकरखाने पीने के सामान के मानकहमारे खाने के सामान की आपूर्ति की सुरक्षा गुणवत्ता और ईमानदारी सुनिश्चित करने में एक अहम ढांचा प्रदान करते हैंइन मानकों का पालन करकेखाद्य उत्पादकप्रसंस्करण करने वालेवितरक और खुदरा विक्रेताखाने से होने वाली बीमारियों की रोकथाम में मदद कर सकते हैं और ग्राहकों के कल्याण में योगदान दे सकते हैं.

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