कोरोना महामारी, रूस-यूक्रेन युद्ध और श्रीलंका की मौज़ूदा राजनीतिक उथल-पुथल ने देश के पर्यटन क्षेत्र को कैसे नुक़सान पहुंचाया है?
12 वीं शताब्दी ई. पूर्व में ही इटली के खोजकर्ता मार्को पोलो ने कहा था कि श्रीलंका “दुनिया में अपने आकार का सबसे अच्छा द्वीप” है. समय के साथ देश का पर्यटन क्षेत्र श्रीलंका की अर्थव्यवस्था की रीढ़ बनता गया और अर्थव्यवस्था में इस क्षेत्र का योगदान भी बेहद अहम होता गया. इस क्षेत्र ने रोजगार सृजन के अलावा विदेशी मुद्रा आय के साथ-साथ प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तरीक़ों से लगातार सरकारों के लिए राजस्व की आपूर्ति सुनिश्चित की. श्रीलंका में पर्यटन क्षेत्र देश के सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 12 प्रतिशत है और यह विदेशी मुद्रा भंडार कातीसरा सबसे बड़ास्रोत है – विदेशों से श्रमिकों द्वारा भेजी जाने वाली रकम और परिधान उद्योग के पीछे भी इसका बड़ा योगदान है. हालांकि- साल 2019 में ईस्टर के मौक़े पर रविवार के दिन हुए बम धमाकों ने श्रीलंका में पर्यटन उद्योग के पतन की पटकथा तैयार कर दी थी. इसके बाद देश में कोरोना महामारी की दोहरी मार पड़ी और श्रीलंका में मौज़ूदा आर्थिक संकट के बीच रूस – यूक्रेन युद्ध ने – निस्संदेह इस क्षेत्र के पुनरुद्धार को अब बेहद चुनौतीपूर्ण बना दिया है.
साल 2019 में ईस्टर के मौक़े पर रविवार के दिन हुए बम धमाकों ने श्रीलंका में पर्यटन उद्योग के पतन की पटकथा तैयार कर दी थी. इसके बाद देश में कोरोना महामारी की दोहरी मार पड़ी और श्रीलंका में मौज़ूदा आर्थिक संकट के बीच रूस – यूक्रेन युद्ध ने – निस्संदेह इस क्षेत्र के पुनरुद्धार को अब बेहद चुनौतीपूर्ण बना दिया है.
अक्सर श्रीलंका के ‘विकास के इंजन‘ के रूप में परिभाषित किया जाने वाला पर्यटन क्षेत्र 1960 के दशक के बाद सरकारी नीतियों में महत्वपूर्ण स्थान हासिल करने लगा जब पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए इससे जुड़ी बुनियादी सुविधाओं को विकसित किया जाने लगा. देश में सड़कों का जाल बिछाया गया, एयरलाइंस और नए होटलों का निर्माण किया गया. इतना ही नहीं, पर्यटन क्षेत्र को विकसित करने के लिए बड़े पैमाने पर निवेश को सुनिश्चित किया गया और 1970 में श्रीलंकाई अर्थव्यवस्था का उदारीकरण किया गया. लेकिन 2009 में श्रीलंका में ख़त्म हुए 26 साल लंबे गृहयुद्ध और उसके बाद साल 2007-08 में आई वैश्विक मंदी का प्रतिकूल असर देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ा, जिसने पर्यटन उद्योग को भी बुरी तरह प्रभवित किया. साल 2010 के बाद ही पर्यटन उद्योग में तेज़ी देखी गई (चित्र 1 देखें), जो इसे श्रीलंका के व्यापक आर्थिक ढांचे में एक बेहतर उद्योग का दर्ज़ा दिलाता है.
चित्र 1: श्रीलंका में पर्यटकों का आगमन और आय (2000-2021)
श्रीलंका का पर्यटन उद्योग श्रीलंकाई नागरिकों के लिए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोज़गार मुहैया कराने में भी योगदान देता है जो पिछले कुछ वर्षों में लगातार बढ़ता रहा है, हालांकि कोरोना महामारी के बाद से इसमें गिरावट देखी गई है (चित्र 2 देखें). साल 2019 में इस क्षेत्र द्वारा 403,000 रोज़गार मुहैया कराया गया था. मौज़ूदा आर्थिक उथल-पुथल के साथ-साथ दूसरे बाहरी मैक्रो इकोनॉमिक कारणों का भी देश के पर्यटन उद्योग और इससे संबंधित सेवा क्षेत्र पर बुरा असर पड़ा, जिससे श्रीलंका की बेरोज़गारी में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई.
चित्र 2 : श्रीलंका के पर्यटन क्षेत्र द्वारा रोज़गार सृजन
अप्रैल 2019 में श्रीलंका की राजधानी कोलंबो में ईस्टर के मौक़े पर एक भयंकर आतंकवादी घटना घटी जिसमें 250 लोगों की मौत हो गई, जिसमें 42 विदेशी नागरिक भी शामिल थे जो तब श्रीलंका की यात्रा पर आए हुए थे. इस आतंकी घटना के बाद श्रीलंका में कई प्रतिष्ठानों को अपना क़ारोबार बंद करने पर मज़बूर होना पड़ा था. तब कई देशों ने अपने नागरिकों को ट्रैवल एडवाइज़री (यात्रा संबंधी सलाह) देने में जल्दबाज़ी की, जिसके तहत उनके नागरिकों को श्रीलंका की यात्रा ना करने की चेतावनी दी गई थी. इसका नतीज़ा यह हुआ कि पर्यटकों ने बड़ी संख्या में देश छोड़ना शुरू कर दिया और पिछले वर्ष में इसी महीने के मुक़ाबले मई में पर्यटकों की संख्या में 70 फ़ीसदी से ज़्यादा और जून में 60 प्रतिशत से अधिकगिरावटदर्ज़ की गई (चित्र 3 देखें).
साल 2018 में पर्यटन उद्योग से श्रीलंका की अर्थव्यवस्था को 4.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर की कमाई हुई थी और देश के सकल घरेलू उत्पाद में इसका योगदान 5.6 प्रतिशत का था लेकिन साल 2020 में यह अनुमान घटकर 0.8 प्रतिशत रह गया.
साल 2018 में पर्यटन उद्योग से श्रीलंका की अर्थव्यवस्था को 4.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर की कमाई हुई थी और देश के सकल घरेलू उत्पाद में इसका योगदान 5.6 प्रतिशत का था लेकिन साल 2020 में यह अनुमान घटकर 0.8 प्रतिशत रह गया. इसी साल कोरोना महामारी ने पूरी दुनिया में कहर बरपाना शुरू किया था और श्रीलंका इसका अपवाद नहीं था. (चित्र 1 और 3 देखें).श्रीलंका पर्यटन विकास प्राधिकरण ( एसएलटीडीए)के मुताबिक़ कोरोना महामारी की शुरुआत के साथ ही साल 2020 में राजस्व में 50 फ़ीसदी की गिरावट दर्ज़ की गई और पर्यटकों की संख्या में भी भारी कमी आई. इस संकट के साथ ही चीन और यूरोपीय देशों के पर्यटकों की आवाजाही भी कम हो गई और श्रीलंका के पहले से ही संकटग्रस्त पर्यटन क्षेत्र के कुछ सबसे बड़े बाज़ारों को इससे बड़ा झटका लगा.
चित्र 3 : 2019 और 2020 में श्रीलंका के पर्यटकों की संख्या
श्रीलंकाई अर्थव्यवस्था को और बिगाड़ने में मौज़ूदा रूस-यूक्रेन युद्ध की भी बड़ी भूमिका है जिसकी शुरुआत इसी साल फरवरी महीने से हुई है और जिसने श्रीलंका के पर्यटन उद्योग को पूरी तरह पंगु बना दिया है. इस वर्ष क्रमश: शीर्ष और तीसरे सबसे बड़े पर्यटन बाज़ारों, रूस और यूक्रेन ने इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. जनवरी 2022 में रूस और यूक्रेन से लगभग 20000 पर्यटकों ने श्रीलंका की यात्रा की है, जो श्रीलंका आने वाले कुल पर्यटकों की संख्या केएक चौथाई से ज़्यादाहैं; जबकि जनवरी 2018 में पर्यटकों की आवाजाही के मुक़ाबले यह 10 प्रतिशत से भी कम था. रूस, यूक्रेन, पोलैंड और बेलारूस से आने वाले पर्यटकों की तादाद साल 2022 से पहले लगभग30फ़ीसदी थी लेकिन युद्ध की वज़ह से अब इसमें गिरावट होने की आशंका से इन्कार नहीं किया जा सकता है. आधिकारिक रिकॉर्ड से पता चलता है कि देश में साल 2019 में पर्यटन से प्राप्त आय में 3.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर की कमाई हुई लेकिन देश में आर्थिक संकट का दौर शुरू होते ही दो साल के बाद ही इसमें इस आंकड़े के पांचवें हिस्से के बराबर कमी आई.
राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे की सरकार ने हमेशा से इस बात का दावा किया है कि पर्यटन को बढ़ावा देने और निर्यात में बढ़ोतरी करने से श्रीलंका को मौज़ूदा संकट से उबारने में मदद मिल सकती है. हालांकि, पर्यटन राजस्व में कमी श्रीलंका में विदेशी मुद्रा भंडार को पर्याप्त रूप से भरने में सक्षम नहीं है (चित्र 4 देखें), क्योंकि खाद्य पदार्थों और ईंधन जैसी आवश्यक वस्तुओं के बढ़ते आयात के कारण श्रीलंका का विदेशी मुद्रा भंडार लगभग ख़त्म होने को है.
चित्र 4 : श्रीलंका के गिरते विदेशी मुद्रा भंडार का ट्रेंड ( मिलियन अमेरिकी डॉलर में)
इसमें दो राय नहीं कि पर्यटकों की लगातार आवाजाही से मौज़ूदा समय में विदेशी मुद्रा भंडार में कमी के संकट से उबरने में श्रीलंका को मदद मिल सकती है. हालांकि, इस संकट के परिणाम, देश में बढ़ती हिंसा और आपातकाल लागू होना पर्यटन उद्योग के लिए ख़तरा बनते जा रहे हैं, वो भी तब जबकि देश की आर्थिक विकास में इस क्षेत्र का अहम योगदान रहा है. पेट्रोल के लिए सर्विस स्टेशनों पर मोटरसाइकिल और टैक्सियों की लंबी कतार की तस्वीरें – जो इस समय देश में एक दुर्लभ सामान है – आने वाले महीनों में देश की यात्रा करने की योजना बना रहे पर्यटकों के लिए चिंता का सबब है. इसके अलावा, श्रीलंकाई सरकार ने 3 अप्रैल 2020 को मेटा और ट्विटर जैसे सोशल मीडिया दिग्गज़ों परप्रतिबंधलगा दिया – यह एक ऐसा क़दम है जिसने श्रीलंका में अपनी छुट्टियां मनाने की योजना बना रहे पर्यटकों के लिए चिंता पैदा कर दी है.
आने वाले महीनों में देश की यात्रा करने की योजना बना रहे पर्यटकों के लिए चिंता का सबब है. इसके अलावा, श्रीलंकाई सरकार ने 3 अप्रैल 2020 को मेटा और ट्विटर जैसे सोशल मीडिया दिग्गज़ों पर प्रतिबंध लगा दिया – यह एक ऐसा क़दम है जिसने श्रीलंका में अपनी छुट्टियां मनाने की योजना बना रहे पर्यटकों के लिए चिंता पैदा कर दी है.
आने वाले वर्षों में विदेशी मुद्रा के भंडार को बढ़ाकर और देश के विकास दर में तेज़ी लाकर देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने में पर्यटन उद्योग की भूमिका बेहद अहम होने वाली है. जैसा कि मौज़ूदा आर्थिक संकट से उबरने के लिए देश छटपटा रहा है उसमें पर्यटन उद्योग देश के भविष्य में बदलाव कर सकता है, जो अतीत में भी श्रीलंकाई अर्थव्यवस्था के लिए तमाम गौरव का स्रोत रहा था.
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Soumya Bhowmick is a Fellow and Lead, World Economies and Sustainability at the Centre for New Economic Diplomacy (CNED) at Observer Research Foundation (ORF). He ...