Author : Suyash Desai

Published on Jul 26, 2023 Updated 0 Hours ago

नव नियुक्त सीएमसी नेतृत्व की लाइन-अप इस ओर इशारा करती है कि बढ़ते तनाव और आर्थिक दबाव चीन को क्षेत्रीय समस्याओं का समाधान करने के लिए मज़बूर कर रहे हैं.

CMC appointments in China: 20वें केंद्रीय सैन्य आयोग की नियुक्तियों से मिलता संदेश?
CMC appointments in China: 20वें केंद्रीय सैन्य आयोग की नियुक्तियों से मिलता संदेश?

व्यापक कार्य रिपोर्ट देने और अगले पांच वर्षों के लिए एज़ेंडा तय करने के बाद, चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) के महासचिव शी जिनपिंग (Xi Jinping) ने 20वें सेंट्रल मिलिट्री कमीशन (Central military commission- CMC) के लिए सदस्यों के नाम को अंतिम रूप दिया – जो कि पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना (PRC) का सर्वोच्च नेशनल डिफेंस ऑर्गेनाइजेशन है. सीएमसी पीएलए के शीर्ष पर है और चीन के घरेलू सुरक्षा बलों और पीपुल्स आर्म्ड पुलिस (PAP) को भी नियंत्रित करता है. यह चीन द्वारा अपनी विदेश और सुरक्षा नीति के उद्देश्यों को आगे बढ़ाने और अपने राष्ट्रीय सुरक्षा हितों की रक्षा के लिए सेना के उपयोग के लिए ज़िम्मेदार होता है. इसके सदस्य चीन (China) के राष्ट्रीय सुरक्षा आयोग और विदेश मामलों के आयोग का भी हिस्सा हैं, जो चीन की राष्ट्रीय सुरक्षा और बाहरी नीतियों को दिशा देने और निर्धारित करने का काम करते हैं. इस बात की पूरी संभावना है कि 20वीं CMC तब तक काम करेगी जब तक कि पीएलए 2027 में अपनी शताब्दी वर्ष पूरी नहीं कर लेता.

शताब्दी वर्ष होने के अलावा, शी जिनपिंग ने 2027 को सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण के लिए एक शॉर्ट टर्म मील के पत्थर के रूप में भी शामिल किया है. 2021 के नेशनल पीपुल्स कांग्रेस (एनपीसी) में शी ने पीएलए के लिए अपने राष्ट्रीय विकास ब्लूप्रिंट में एक नया सैन्य आधुनिकीकरण लक्ष्य शामिल किया है जिसे शताब्दी वर्ष तक हासिल करना है

शताब्दी वर्ष होने के अलावा, शी जिनपिंग ने 2027 को सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण के लिए एक शॉर्ट टर्म मील के पत्थर के रूप में भी शामिल किया है. 2021 के नेशनल पीपुल्स कांग्रेस (एनपीसी) में शी ने पीएलए के लिए अपने राष्ट्रीय विकास ब्लूप्रिंट में एक नया सैन्य आधुनिकीकरण लक्ष्य शामिल किया है जिसे शताब्दी वर्ष तक हासिल करना है – “2027 शताब्दी सैन्य निर्माण लक्ष्य की उपलब्धि सुनिश्चित करने के लिए” (क्यूबाओ 2027 नियान शिक्सियन जियानजुन बैनिअन फेंडो मुबियाओ). जैसा कि चीन के मिलिट्री स्कॉलर टेलर फ्रैवेल ने बताया, इसका मतलब यह है कि 2027 का लक्ष्य सैन्य आधुनिकीकरण के टारगेट को प्राप्त करने के लिए 2035 के इन्फॉर्मेटाइजेशन टारगेट (सूचना लक्ष्य) के लिए एक वे प्वाइंट बना हुआ है. इस प्रकार, अगले पांच वर्ष पीएलए के लिए महत्वपूर्ण हैं और वर्तमान सीएमसी चीन के सैन्य सुधारों की गति को निर्धारित करेगा और पीआरसी के क्षेत्रीय संघर्षों और विवादों में पीएलए की भूमिका निर्धारित करेगा.

20वीं सीएमसी नियुक्तियां


पिछली बार की तरह यह सात सदस्यीय सीएमसी है, हालांकि 19वीं सीएमसी से उलट इसमें मल्टीपल सर्विसेज के लिए अपेक्षाकृत विविध प्रतिनिधित्व था और नई सीएमसी में पीएलए सेना का दबदबा साफ नज़र आता है. शी जिनपिंग को छोड़कर, वर्तमान सीएमसी में तीन सदस्य पीएलए आर्मी से हैं, एक पीएलए नौसेना (पीएलएएन) से और एक पीएलए रॉकेट फोर्स (पीएलएआरएफ) से, साथ ही एक पीएलए स्ट्रैटिजिक सपोर्ट फोर्स (पीएलएएसएसएफ) से है (तालिका 1. देखें).
हालांकि, एडम मियाओ हुवा पूर्व में पीएलए आर्मी से थे, उन्होंने लान्झू सैन्य क्षेत्र में पॉलिटिकल कॉमिसार के तौर पर सेवाएं दी थीं. इसी तरह, जनरल झांग शेंगमिन भी पहले सेना में ही थे. यह शी के अलावा छह में से कम से कम पांच ऐसे सदस्य को बनाता है जिनका ताल्लुक पीएलए सेना से है. इस प्रकार, वर्तमान सीएमसी में, पीएलए एयर फोर्स (PLAAF) और पीएलए ज्वाइंट लॉजिस्टिक सपोर्ट फोर्स (संयुक्त रसद सहायता बल) (PLAJLSF) के लिए कोई प्रतिनिधित्व नहीं है, और पीएलएएन और पीएलएएसएसएफ का नाममात्र प्रतिनिधित्व है -क्योंकि कुछ लोग इन सेवाओं से एक सीमित समय तक ही जुडे हुए हैं. इन्हें नज़रअंदाज़ करना हैरानी पैदा करता है. ख़ासकर तब जबकि 2015 के श्वेत पत्र में स्पष्ट रूप से इस बात का उल्लेख किया गया है कि चीन सुदूर समुद्र में अपने हितों की रक्षा करना चाहता है. हाल की रिपोर्ट में “स्थानीय युद्धों को जीतना” (दा यिंग जुबू झांझेंग) का उल्लेख किया गया है, जो पिछली वर्क रिपोर्ट से एक अहम बदलाव था. शायद समुद्र और ज़मीनी सीमाओं में बढ़ते तनाव और बिगड़ती आर्थिक चुनौतियां – जो जहाजों और विमानों के अधिग्रहण और कमीशनिंग को प्रभावित करती हैं – चीन को क्षेत्रीय समस्याओं पर अपेक्षाकृत अधिक ध्यान देने के लिए मज़बूर कर सकती हैं, जो कि सीएमसी की नियुक्तियों में भी परिलक्षित होता है.  पीएलएजेएलएसएफ की अनुपस्थिति भी हैरानी पैदा करने वाली है, क्योंकि मिलिट्री लॉजिस्टिक्स और संसाधनों के प्रबंधन शी जिनपिंग की नवीनतम वर्क रिपोर्ट के प्रमुख विषयों में से एक थे. हालांकि यह अनुमान लगाना थोड़ी जल्दबाज़ी होगी कि ये नियुक्तियां पीएलए के “एकीकृत संयुक्त अभियान” को कैसे प्रभावित करती हैं, जिसे नवंबर 2020 में चीनी सैन्य अभियानों और जटिल युद्धक्षेत्रों में प्रशिक्षण के लिए आगे बढ़ने के रास्ते के रूप में प्रस्तुत किया गया था.


इसके अलावा, तीन सदस्य-जेन झांग यूक्सिया, एडमिरल मियाओ हुवा और जनरल झांग शेंगमिन को 19वें सीएमसी से ही बरकरार रखा गया है. जनरल हे वेइदॉन्ग, जो सीएमसी के दो उपाध्यक्षों में से एक हैं, ने पहले ईस्टर्न थिएटर कमांड (ETC) के कमांडर, वेस्टर्न थिएटर कमांड (WTC) के डिप्टी कमांडर और डब्ल्यूटीसी आर्मी के कमांडर के रूप में सेवाएं दी हैं. ताइवान को लेकर आकस्मिकता के लिए ईटीसी ज़िम्मेदार है और डब्ल्यूटीसी भारत और भूटान के लिए ज़िम्मेदार है. पिछले पांच वर्षों में इन दोनों थिएटरों के बढ़ते तनाव को देखते हुए, उनकी नियुक्ति परिचालन और प्रतीकात्मक महत्व का संकेत देती है. वाइस चेयरमैन के रूप में उच्च नियुक्ति शायद, लेकिन ज़रूरी नहीं कि भविष्य में इन दोनों थिएटरों के बीच तनाव का कारण बनेगी. दिलचस्प बात यह है कि जनरल हे के अलावा, एडमिरल मियाओ ने लान्झोउ सैन्य क्षेत्र के एक पॉलिटिकल कॉमिसर के रूप में भी काम किया था, जो अब डब्ल्यूटीसी के क्षेत्र में आता है – एक ऐसा क्षेत्र जो दक्षिण शिनजियांग सैन्य ज़िले की कमान संभालता है, जहां साल 2020 से ही चीन और भारत के बीच सैन्य गतिरोध जारी है.

शायद समुद्र और ज़मीनी सीमाओं में बढ़ते तनाव और बिगड़ती आर्थिक चुनौतियां – जो जहाजों और विमानों के अधिग्रहण और कमीशनिंग को प्रभावित करती हैं – चीन को क्षेत्रीय समस्याओं पर अपेक्षाकृत अधिक ध्यान देने के लिए मज़बूर कर सकती हैं, जो कि सीएमसी की नियुक्तियों में भी परिलक्षित होता है.


जैसा कि पहले उल्लेख किया गया है, 20वें सीएमसी में पीएलएएएफ और पीएलएएसएसएफ का कोई प्रतिनिधित्व नहीं है, जिससे साइबर प्राथमिकताओं को बैकग्राउंड में लाया जा सके. जनरल ली शांगफू पीएलएएसएसएफ के डिप्टी कमांडर थे, जो मुख्य रूप से अंतरिक्ष से संबंधित गतिविधियों के लिए ज़िम्मेदार थे. उन्होंने पहले ज़ीचांग सैटेलाइट लॉन्च सेंटर में काम करते हुए 31 साल बिताए थे – जिसमें इसके निदेशक के रूप में 10 साल भी शामिल थे. यद्यपि यह उस महत्व की ओर इशारा करता है जो चीन स्पेस वॉरफेयर को देता है; साइबर ब्रांच के प्रति इसकी कम दिलचस्पी, ख़ास तौर पर हाल के वर्क रिपोर्ट और 2019 डिफेंस व्हाइट पेपर के बाद, जिसमें मिलिट्री इनोवेशन एंड डिफ्युजन टेक्नोलॉजी, साइबर, बिग डेटा और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के महत्व का स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है जो हैरान करने वाला है.

इस बार एक और महत्वपूर्ण एडिशन जनरल लियू जेनली हैं, जिन्होंने पीएलए सेना के चीफ ऑफ स्टाफ के रूप में कार्य करने से पहले पीएपी के चीफ ऑफ स्टाफ के रूप में कार्य किया था. पीएपी एक चीनी अर्द्धसैनिक संगठन है जो आंतरिक सुरक्षा, दंगा नियंत्रण, आतंकवाद विरोधी, आपदा प्रतिक्रिया, कानून प्रवर्तन और समुद्री अधिकारों की सुरक्षा के लिए ज़िम्मेदार है. युद्ध के दौरान पीएलए आर्मी का समर्थन करना भी अनिवार्य है. उनका प्रमोशन मौज़ूदा शासन के तहत आंतरिक सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित करने पर जोर देता है और शायद तिब्बत और शिनजियांग में स्थिति के बिगड़ने का संकेत भी दे सकता है.

डब्ल्यूटीसी को हमेशा अधिक प्रतिनिधित्व दिया गया है और सीएमसी में साउथ थिएटर कमांड को कम प्रतिनिधित्व दिया गया है लेकिन यह डब्ल्यूटीसी की संरचना और आकार के कारण भी है, जिसमें पूर्व चेंगदू और लान्झू सैन्य क्षेत्र, तिब्बत सैन्य ज़िला और झिंजियांग जैसे मिलिट्री ज़िले शामिल हैं.

पीएपी एक चीनी अर्द्धसैनिक संगठन है जो आंतरिक सुरक्षा, दंगा नियंत्रण, आतंकवाद विरोधी, आपदा प्रतिक्रिया, कानून प्रवर्तन और समुद्री अधिकारों की सुरक्षा के लिए ज़िम्मेदार है. युद्ध के दौरान पीएलए आर्मी का समर्थन करना भी अनिवार्य है. उनका प्रमोशन मौज़ूदा शासन के तहत आंतरिक सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित करने पर जोर देता है और शायद तिब्बत और शिनजियांग में स्थिति के बिगड़ने का संकेत भी दे सकता है.


हालांकि, सीएमसी में सीधे प्रतिनिधित्व के लिए सर्विस या थिएटर हितों को बढ़ावा देना एकमात्र तरीक़ा नहीं है. संगठनात्मक हितों को आगे बढ़ाने और सुधारों को जारी रखने के लिए पीएलए के पास दूसरे, तीसरे और निचले स्तर के अधिकारियों का एक मज़बूत संगठनात्मक आधार है. हालांकि, जैसा कि अतीत में देखा गया है, विशेष रूप से पीएलए सेना के साथ, सीएमसी में नियुक्तियां व्यक्तियों को संगठन की क़ीमत पर कुछ सेवा और थिएटर हितों को आगे बढ़ाने में सक्षम बनाती रही हैं. हालांकि, यह तो वक़्त ही तय करेगा कि ऐसी नियुक्तियां पीएलए को एक क़दम आगे और दो क़दम पीछे ले जाती है या नहीं.

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