Author : Seema Sirohi

Published on Aug 19, 2022 Updated 26 Days ago

डेमोक्रेट्स और रिपब्लिकंस के बीच संघर्ष का दौर जारी है. डेमोक्रेटिक पार्टी अपनी छोटी-छोटी कामयाबियों का जश्न मना रही है तो वहीं रिपब्लिकन पार्टी उनकी ख़ामियां गिनाने में जुटी है.

अमेरिका में उलटफेर का दौर: घरेलू मोर्चे पर कामयाब होते बाइडेन

आख़िरकार राष्ट्रपति जो बाइडेन को जश्न मनाने का मौक़ा मिल गया. दरअसल विधायी मोर्चे पर हाल ही में मिली हैरतअंगेज़ कामयाबियों से डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदों को नई उड़ान मिल गई है. तमाम जद्दोजहदों में घिरे व्हाइट हाउस के आला अधिकारियों के चेहरों पर भी बमुश्किल मुस्कान आ गई है.

गैस की क़ीमतों में एक डॉलर से भी ज़्यादा की गिरावट आ गई है. इसका भाव 4 डॉलर प्रति गैलन के स्तर पर पहुंचने से लोगों को महंगाई से राहत मिली है. इसी महीने “नौकरियों के मोर्चे पर” बेहतर रिपोर्ट भी सामने आई है जिसमें पिछले 50 सालों में सबसे कम बेरोज़गारी दर (3.5 प्रतिशत) का पता चला है. ज़ाहिर है डेमोक्रेटिक पार्टी अपनी आर्थिक योजनाओं के कारगर होने का दावा कर रही है.

डेमोक्रेटिक पार्टी के भीतर जोश इतना ज़्यादा है कि मौजूदा राष्ट्रपति की तुलना लिंडन बी. जॉनसन और फ़्रैंकलिन डी. रूज़वेल्ट से की जाने लगी है. ग़ौरतलब है कि अमेरिका के ये दोनों पूर्व राष्ट्रपति राहत, बदलाव और प्रगतिवादी सुधार कार्यक्रम लागू करने के लिए जाने गए हैं. 

दरअसल अमेरिकी संसद में विधायी कार्यों को लेकर सुस्ती भरे दौर के लिए बाइडेन की ही पार्टी के कुछ अड़ियल सीनेटर्स ज़िम्मेदार रहे हैं. अब वो दौर पीछे छूटता दिख रहा है और बाइडेन का महत्वाकांक्षी घरेलू एजेंडा ज़मीन पर उतरने लगा है. डेमोक्रेटिक पार्टी के भीतर जोश इतना ज़्यादा है कि मौजूदा राष्ट्रपति की तुलना लिंडन बी. जॉनसन और फ़्रैंकलिन डी. रूज़वेल्ट से की जाने लगी है. ग़ौरतलब है कि अमेरिका के ये दोनों पूर्व राष्ट्रपति राहत, बदलाव और प्रगतिवादी सुधार कार्यक्रम लागू करने के लिए जाने गए हैं.

रूज़वेल्ट और जॉनसन दोनों की मिली-जुली झलक

दरअसल पिछले साल बाइडेन ने रूज़वेल्ट और जॉनसन दोनों की मिली-जुली झलक पेश करने की कोशिश की. मार्च 2021 में कोविड-19 से राहत के तौर पर उनका 1.9 खरब अमेरिकी डॉलर का पैकेज अमेरिकी संसद ने मंज़ूर कर लिया. तब उन्होंने कहा था कि वो अमेरिका में “पीढ़ियों में एकाध बार होने वाले निवेश” के तौर पर और खरबों डॉलर ख़र्च कर सकते हैं. अजीब विडंबना है कि बाइडेन के इन इरादों पर विपक्षी रिपब्लिकन पार्टी ने नहीं बल्कि उनकी ही डेमोक्रेटिक पार्टी के दो सीनेटरों ने अड़ंगा डाल रखा था.

बाइडेन की ही टीम के सीनटर जो मंचिन (पश्चिमी वर्जीनिया) और क्रिस्टन साइनेमा (एरिज़ोना) रास्ते की रुकावट बने हुए थे. ऐसे में व्हाइट हाउस लाचार दिखाई देने लगा था. बहरहाल सीनेट के बहुसंख्यकों की अगुवाई करने वाले नेता चार्ल्स स्कूमर द्वारा हाल की सख़्त वार्ता प्रक्रियाओं से सियासी गाड़ी को रफ़्तार मिल गई.

कामयाब राष्ट्रपति के तौर पर बाइडेन

बाइडेन इतिहास बनाने के क़रीब पहुंच गए हैं. उनका आधुनिक कालखंड में अमेरिका में विधायी रूप से सबसे कामयाब राष्ट्रपति बनना तय है. पिछले दिनों अमेरिकी कांग्रेस ने महंगाई में कटौती से जुड़ा अधिनियम (700 अरब अमेरिकी डॉलर) और चिप्स एंड साइंस एक्ट (280 अरब अमेरिकी डॉलर) पारित कर दिया. इसके अलावा बुनियादी ढांचा निवेश और नौकरियों से जुड़ा क़ानून (550 अरब अमेरिकी डॉलर) भी पास हुआ. ये सभी अधिनियम अमेरिकन रिकवरी एक्ट और पिछले साल घोषित कोविड सहायता पैकेज को और मज़बूत बनाएंगे.

इन तमाम क़ानूनी क़वायदों की कुल रकम 3.5 खरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच जाती है. अमेरिकी कांग्रेस में डेमोक्रेटिक पार्टी का आंकड़ा बमुश्किल बहुमत तक पहुंचता है. उपराष्ट्रपति कमला हैरिस को 50-50 वोट वाले सीनेट में अपना निर्णायक मत देना पड़ा. ऐसे में बाइडेन की ये सफलता और अहम हो जाती है. वार्ता की सूझबूझ भरी रणनीति, सब्र, समझौताकारी रवैया और द्विपक्षीय रुख़ अपनाए जाने से ये कामयाबी मुमकिन हो सकी है.

बाइडेन इतिहास बनाने के क़रीब पहुंच गए हैं. उनका आधुनिक कालखंड में अमेरिका में विधायी रूप से सबसे कामयाब राष्ट्रपति बनना तय है. पिछले दिनों अमेरिकी कांग्रेस ने महंगाई में कटौती से जुड़ा अधिनियम (700 अरब अमेरिकी डॉलर) और चिप्स एंड साइंस एक्ट (280 अरब अमेरिकी डॉलर) पारित कर दिया. 

विधेयकों की इस प्रभावशाली सूची में जलवायु परिवर्तन, स्वास्थ्य बीमा, सेमीकंडक्टर्स, विज्ञान, ब्रॉडबैंड, करों में समानता और विनिर्माण जैसे ज्वलंत मसले शामिल हैं. हाल की दूसरी कामयाबियों में नए बंदूक सुरक्षा क़ानून में हल्का सुधार भी शामिल है. इस दिशा में तक़रीबन 30 साल के बाद इस तरह का क़दम उठाया गया है. इसके अलावा तमाम जंगी कार्रवाइयों से जुड़े भूतपूर्व सैनिकों पर “फ़ौजी कूड़ा जलाने वाली भट्ठियों” से होने वाले ज़हरीले प्रभावों के निपटारे से जुड़ा विधेयक भी इसमें शामिल है.

अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन इराक़ और अफ़ग़ानिस्तान की जंगों के दौरान प्लास्टिक, रबर, केमिकल्स और दूसरे मेडिकल कचरों को जलाकर नष्ट करने के लिए इन्हीं भट्ठियों का इस्तेमाल किया करता था. इससे निकलने वाले ज़हरीले धुएं से सैनिकों में कैंसर और सांस से जुड़ी बीमारियां फैलने लगी. ऐसे पूर्व सैनिक काफ़ी अर्से से अपने मेडिकल भत्तों और विकलांगता भुगतान के लिए जद्दोजहद करते आ रहे हैं. भले ही ज़हरीले कचरे को जलाने की क़वायद में कमी आई है लेकिन रक्षा विभाग ने अब तक इससे पूरी तरह से तौबा नहीं की है.

विदेश नीति के मोर्चे पर बाइडेन

विदेश नीति के मोर्चे पर देखें तो अफ़ग़ानिस्तान से विनाशकारी रूप से वापसी के बाद बाइडेन को यूक्रेन के मसले पर अपनी भूमिका के लिए सराहना मिली है. रूस के ख़िलाफ़ यूक्रेन के हक़ में खड़े होने के लिए अमेरिकी नेतृत्व पूरे यूरोप को एकजुट करने में कामयाब रहा. पिछले दिनों सीनेट ने स्वीडन और फ़िनलैंड को नेटो में शामिल किए जाने को अपनी मंज़ूरी दे दी. रिपब्लिकंस ने भी नेटो के विस्तार का समर्थन किया और ये प्रस्ताव 95-1 के मत से पारित हो गया.

1 अगस्त को राष्ट्रपति बाइडेन ने अमेरिकी ड्रोन हमले में अल-क़ायदा के प्रमुख अयमान अल-ज़वाहिरी के मारे जाने का एलान किया. इस तरह 9/11 के पीड़ित परिवारों को “आत्मसंतोष दिलाने वाला एक और क़दम” सामने आया. काबुल में ज़वाहिरी के ख़ात्मे से अल-क़ायदा के आतंकियों को पनाह देने की तालिबान की दबी-छिपी क़वायद बेपर्दा हो गई. इसके साथ ही क्षितिज के ऊपर से कार्रवाइयों को अंजाम देने की अमेरिकी क्षमताओं का भी इज़हार हुआ.

काबुल में ज़वाहिरी के ख़ात्मे से अल-क़ायदा के आतंकियों को पनाह देने की तालिबान की दबी-छिपी क़वायद बेपर्दा हो गई. इसके साथ ही क्षितिज के ऊपर से कार्रवाइयों को अंजाम देने की अमेरिकी क्षमताओं का भी इज़हार हुआ.  

बहरहाल डेमोक्रेट्स के सामने सबसे अहम सवाल ये है कि क्या ऊपर बताई गई तमाम सफलताओं से नवंबर में होने वाले मध्यावधि चुनावों पर कोई असर पड़ेगा? बाइडेन की अप्रूवल रेटिंग दोबारा 40 प्रतिशत तक पहुंच गई है. हालांकि मध्यावधि चुनावों के मद्देनज़र इसे नाकाफ़ी बताया जा रहा है. बहरहाल डेमोक्रेटिक पार्टी के लोग मई के मुक़ाबले अब ज़्यादा ख़ुश नज़र आ रहे हैं. मई में बाइडेन की रेटिंग राष्ट्रपति पद संभालने के बाद से सबसे निचले स्तर पर (36 प्रतिशत) पहुंच गई थी. सबसे ज़्यादा बढ़त (9 अंकों की) डेमोक्रेट्स से ही हासिल हुई है. इसके मायने यही हैं कि डेमोक्रेटिक पार्टी के समर्थक दोबारा एकजुट होने लगे हैं.

निश्चित रूप से अमेरिका की सियासी फ़िज़ा में एक हद तक बदलाव आया है. एक साल तक रक्षात्मक रुख़ रखने के बाद डेमोक्रेटिक पार्टी के लोग अचानक आक्रामक दिखाई देने लगे हैं. बाइडेन खेमा ज़ोरशोर से इन कामयाबियों का प्रचार कर रहा है. तमाम विधायी क़वायदों को लोगों को लुभाने वाला प्रयास बताया जा रहा है.

वैज्ञानिक और तकनीकी बढ़त दिलाना प्रमुख एजेंडा

चिप्स एंड साइंस एक्ट के तहत सेमीकंडक्टर उद्योग में फिर से जान फूंकने के लिए निवेशों के साथ-साथ शोध और विनिर्माण के लिए प्रोत्साहन दिए जा रहे हैं. ये उस औद्योगिक नीति का हिस्सा है जिसमें घरेलू उद्योगों को बढ़ावा देने और दुनिया में अगुवा की भूमिका हासिल करने का लक्ष्य निर्धारित है. इन क़वायदों का मक़सद आपूर्ति श्रृंखलाओं को छोटा करना और खोई नौकरियां दोबारा बहाल करना है.

भले ही सेमीकंडक्टर का आविष्कार अमेरिका ने किया, लेकिन आज दुनिया में इसकी कुल आपूर्ति में अमेरिका का हिस्सा महज़ 10 फ़ीसदी है. सेमीकंडक्टर की आपूर्ति का तक़रीबन 75 प्रतिशत हिस्सा पूर्वी एशिया के देशों से आ रहा है. बाइडेन प्रशासन ने शुरुआत में ही साफ़ किया था कि घरेलू स्तर पर निवेश के साथ-साथ अमेरिका को दोबारा वैज्ञानिक और तकनीकी बढ़त दिलाना उसका प्रमुख एजेंडा है. इसके लिए अनुसंधान और विकास पर और ज़्यादा ख़र्च करने की बात कही गई थी. 1960 के दशक में शोध और विकास पर अमेरिका अपनी जीडीपी का 2 प्रतिशत हिस्सा ख़र्च करता था जो 2020 में घटकर 1 प्रतिशत से भी नीचे चला गया.

बाइडेन प्रशासन ने शुरुआत में ही साफ़ किया था कि घरेलू स्तर पर निवेश के साथ-साथ अमेरिका को दोबारा वैज्ञानिक और तकनीकी बढ़त दिलाना उसका प्रमुख एजेंडा है. इसके लिए अनुसंधान और विकास पर और ज़्यादा ख़र्च करने की बात कही गई थी. 

बाइडेन के पास इन बदलावों से ख़ुश होने और जश्न मनाने की वजहें हो सकती हैं. हालांकि ये कहना अभी जल्दबाज़ी होगी कि डेमोक्रेटिक पार्टी हाउस और सीनेट में अपना दबदबा बरक़रार रख पाएगी या नहीं. फ़ेडरल ब्यूरो ऑफ़ इन्वेस्टिगेशन (FBI) द्वारा फ़्लोरिडा में पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के घर में छापा मारे जाने के बाद से रिपब्लिकन पार्टी बौखलाई हुई है. FBI ने “ख़ुफ़िया दस्तावेज़ों” की बरामदगी के लिए ये कार्रवाई की है. बताया जाता है कि ये दस्तावेज़ ट्रंप व्हाइट हाउस से लेकर आए थे.

बहरहाल हर बात में साज़िश ढूंढ लेने वाले ट्रंप के रिपब्लिकन समर्थकों का दावा है कि FBI इन कार्रवाइयों के ज़रिए ट्रंप के ख़िलाफ़ सबूत “तैयार” कर रही है. ज़बरदस्त ध्रुवीकरण की वजह से अमेरिकी सियासी जगत में आए उत्तेजक माहौल से देश की शीर्ष संस्थाओं के ताक़त और रुतबे में भी गिरावट आई है. FBI को स्वतंत्र रूप से अपना काम करने वाली संस्था की बजाए सत्तारूढ़ राजनीतिक दल के हाथों की कठपुतली के तौर पर देखा जाने लगा है.

एक ओर डेमोक्रेटिक पार्टी अपनी जीत का जश्न मना रही है तो वहीं रिपब्लिकन पार्टी के लोग उनकी कामयाबियों को कमतर करने और उनमें पलीता लगाने की जुगत भिड़ाने में लगे हैं.

The views expressed above belong to the author(s). ORF research and analyses now available on Telegram! Click here to access our curated content — blogs, longforms and interviews.