Author : Rumi Aijaz

Published on Jan 04, 2023 Updated 0 Hours ago

क्या आप अपने पाँच वर्ष के कार्यकाल के दौरान अपनी नीतियों को लागू कर पाने में सफल हो पाएगी?

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली: MCD के लिए आम आदमी पार्टी का पंचवर्षीय एजेंडा

भारत की  राजधानी दिल्ली में, दिसम्बर 2022 को हुए चुनाव में म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन ऑफ़ दिल्ली (MCD) के स्थानीय प्रशासन के कार्यकाल का अंत हुआ. एमसीडी (MCD) के कुल 250 वार्डों में विभिन्न राजनैतिक दलों, जैसे आम आदमी पार्टी (AAP) भारतीय जनता पार्टीय (BJP) इंडियन नेशनल काँग्रेस (INC), के साथ ही (स्वतंत्र) निर्दलीय उम्मीदवार जो किसी राजनैतिक दलों से संबंधित नहीं हैं, म्युनिसिपल काउंसलर की सीटों के लिए चुनाव लड़े.

भारत की राजधानी दिल्ली और उसका प्रशासन तीन भागों में बंटा हुआ है: (1) राष्ट्रीय सरकार; (ii) दिल्ली एनसीटी प्रशासन; (iii) तीसरा स्थानीय निकाय, एमसीडी, न्यू दिल्ली म्युनिसिपल काउंसल (एनडीएमसी), और कैंटोनमेन्ट बोर्ड.

2022 में हुए एमसीडी इलेक्शन के परिणाम, आज से पाँच वर्ष पूर्व हुए चुनाव से काफी भिन्न साबित हुए. इस बार आप ने कुल 250 सीटों में से (53.6 प्रतिशत) कुल 134 सीटें जीतीं. भाजपा ने (41.6 प्रतिशत) 104 सीटों के साथ और इंडियन नेश्नल कॉन्ग्रेस कुल नौ सीटों (3.6 प्रतिशत) के साथ क्रमशः द्वितीय एवं तृतीय स्थान पर रहे. तीन निर्दलीय उम्मीदवारों की भी जीत हुई. 2017 में, एमसीडी में भाजपा का वर्चस्व रहा था, जबकी आप और INC के पास अपेक्षाकृत कम पार्षद थे.

सालों से, दिल्ली में आप ने अपनी ज़मीन तैयार की है. 2013 के उपरांत, उसने लगातार विधानसभा चुनावों में जीत हासिल की है. 2022 में स्थानीय प्रशासन (एमसीडी) में पहली बार मिली जीत इस ओर इंगित करती है कि अब इस पार्टी को दिल्ली में शासन करने य या फिर नागरिकों की वृहत पैमाने पर सेवा करने का अवसर प्राप्त हुआ है.

भारत की राजधानी दिल्ली और उसका प्रशासन तीन भागों में बंटा हुआ है: (1) राष्ट्रीय सरकार; (ii) दिल्ली एनसीटी प्रशासन; (iii) तीसरा स्थानीय निकाय, एमसीडी, न्यू दिल्ली म्युनिसिपल काउंसल (एनडीएमसी), और कैंटोनमेन्ट बोर्ड. उदाहरण के लिए, ज़मीन संबंधी मुद्दा, पुलिस और जनादेश, आदि सभी राष्ट्रीय शासन के अंतर्गत आती हैं जबकी असंख्य नागरिक सेवाओं के लिए दिल्ली (एनसीटी) प्रशासन और तीनों स्थानीय प्रशासन उत्तरदायी हैं.

कुछ क्रियाकलापों का उल्लेख करते हुए, यहां ये बताना ज़रूरी है कि दिल्ली (एनसीटी) सरकार पेयजल, उच्च शिक्षा, जन यातायात सुविधा, प्रदान करती है और इसके अलावा, वायु गुणवत्ता प्रबंधन की जिम्मेदारी भी संभालती है. जबकी एमसीडी प्राइमरी एजुकेशन, ठोस अपशिष्ट (कचरा) प्रबंधन का ख्याल रखती है, और प्रॉपर्टी टैक्स और व्यापार, फैक्ट्री, हॉकिंग के लाइसेंस जारी करने के लिए ज़िम्मेदार है. कई नागरिक सेवाएं, जैसे कर अदायगी, शिकायतों का निबंधन आदि, की सुविधाएं ऑनलाइन प्रदान की जाती हैं.

एमसीडी की भूमिका काफी महत्वपूर्ण हैं क्योंकि दिल्ली की आबादी का 90 प्रतिशत क्षेत्र उनके ही न्यायाधीन है जबकि एनडीएमसी और कैंटोनमेंट बोर्ड दोनों मिलकर 6 प्रतिशत से भी कम राजधानी क्षेत्र पर अधिकार रखती है.

भारत के बाकी अन्य नगर निकायों की तरह ही, एमसीडी भी असंख्य चुनौतियों से जूझ रही है. इनमें से कुछ राजस्व उगाही, कामगारों के पगार का वितरण, बिल्डिंग निर्माण, सड़क क्वॉलिटी, परिवहनों की पार्किंग और ठोस अपशिष्ठ प्रबंधन से संबंधित है. उसी तरह से, दिल्ली एनसीटी को अक्सरहाँ अपने कमज़ोर शासन के लिए आलोचना झेलनी पड़ती है. कई विकास संकेतक जैसे वायु की गुणवत्ता, ट्रैफिक प्रबंधन, पेरी-अर्बन और अनौपचारिक विकास, और शुद्ध पेयजल का समान वितरण के क्षेत्र में उनका प्रदर्शन अपेक्षाकृत कम है. नागरिकों द्वारा जिये जा रहे जीवन की गुणवत्ता के मसले पर दिल्ली की स्थिति प्रोत्साहजनक नहीं है.

इसलिए, लोकतांन्त्रिक तरीके से एनसीटी और एमसीडी नामक दो स्तर पर मिली शक्ति, के उपरांत, आम आदमी पार्टी की AAP सरकार के पास अब दिल्ली राज्य के मुद्दों को सुधारने के लिए और भी ज्य़ादा ज़िम्मेदारी आ गई है. अन्य चीज़ों के अलावा, शासन के इस मॉडल के अंतर्गत सुदृढ़ राजस्व आधार, MCD और NCT शासन द्वारा किए जाने वाली कार्यवाहियों में बेहतर सामंजस्य, और उनके द्वारा चलाये जा रहे एकीकृत बुनियादी योजनाओं और विकास की परियोजनाओं में बेहतर तालमेल की गुंजाइश प्राप्त होती है.

यह आलेख, एमसीडी चुनाव के आलोक में आप द्वारा दिल्ली के नागरिकों को किए गए 10 वादों की समीक्षा करता है. राजनीतिक दल एमसीडी चुनावों के अंतर्गत किए गए अपने वादों को अपने पाँच साल के कार्यकाल के दौरान पूरा करने का ध्येय रखते हैं. सुधार के लिए, पार्टी द्वारा पहचाने गए मुद्दे, भारत की राजधानी में व्याप्त वर्तमान स्थिति और शासन की गुणवत्ता के संदर्भ में अपना ही एक विचार कायम करती है.

भ्रष्टाचार: नगरपालिका से प्राप्त विभिन्न सेवाओं, जैसे बिल्डिंग प्लान और मैप की अनुमति प्राप्त करवाने के लिए नागरिकों द्वारा नगरनिगम के अधिकारियों को रिश्वत दिए जाने की ढेरों घटनाएं ज्ञात हैं. ऐसी परेशानियों को दूर करने के लिये इन सेवाओं को ऑनलाइन किये जाने का प्रावधान किया जायेगा. इसके लिए डिजिटल इंफ्रास्टक्र्चर और नागरिक- फ़्रेंडली एप्लीकेशन के विस्तार की ज़रूरत पड़ेगी. निम्न आय वर्ग में आने वाले नागरिक, बग़ैर डिजिटल टेक्नोलॉजी की मदद के सेवाओं को लेना पसंद करते हैं. इस समूह के लिए, नगरपालिका के कार्यस्थल में निगरानी को सुनिश्चित किया जाना ज़रूरी होगा.

संविदा कर्मी: एमसीडी में हज़ारों ऐसे सैनिटरी या सफाई कामगार हैं, जिन्हें संविदा या कॉन्ट्रैक्ट पर बहाल किया गया है और जो काफी कठिन परिस्थिति में कार्य कर रहे हैं. ऐसे सभी कामगारों की बहाली को नियमित किया जाएगा. इससे उन्हें हर वो सुविधाओं के उपभोग की आज़ादी होगी, जो कि किसी स्थाई कर्मचारी को प्राप्त होती है. आप पार्टी ने कर्मचारियों को मिलने वाली मासिक पगार में देरी की समस्या को भी संबोधित करने का आश्वासन दिया है. इस वादे को पूरा करने के लिए ज़रूरी कोष की व्यवस्था करनी पड़ेगी.

स्ट्रीट वेंडर और हॉकर: आबादी का एक बड़ा तबका, अनाधिकारिक स्ट्रीट वेंडिंग और हॉकिंग गतिविधि में लिप्त है. ऐसा उनकी अक्षमता की वजह से है क्योंकि वे किसी प्लान से बनाए गए मार्केट एरिया में दुकान को खरीद पाने अथवा किराये पर ले पाने में असमर्थ हैं. ऐसी गतिविधि, सार्वजनिक क्षेत्रों में अव्यवस्थित तरीके से होती है जिस वजह से पैदल राह चालकों और दोपहिया वाहन चालकों को काफी असुविधा का सामना करना पड़ता है. इसके अलावे, इन कामगारों को अक्सरहां पुलिस और अन्य अधिकारियों के हाथों परेशान होना पड़ता है. इनकी सुरक्षा के लिए, आप ने पूर्व-नियोजित वेंडिंग ज़ोन और लाइसेन्स आदि के वितरण का वादा किया है, जो उन्हें बिल्कुल भयमुक्त एवं निर्भीक तरीके से काम करने को प्रेरित कर सकेगा. इस कार्य के लिए शहर के विभिन्न  क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर ज़मीनों को चिन्हित करने, ध्यानपूर्वक बनायी गई योजनाओं, और प्रोजेक्ट के अमलीकरण की ज़रूरत पड़ेगी.

व्यापारी: शहर के भिन्न-भिन्न क्षेत्रों के मार्केट एरिया में स्थित ट्रेडिंग समुदाय, अपने दैनिक कार्यों में रोज़ असंख्य परेशानियों से दो चार होते रहते हैं. उनके काम करने की स्थिति की सुधार में मदद के लिए, ज़मीन के इस्तेमाल में तब्दीली (आवासीय से कमर्शियल) के लिए देय शुल्क/फीस, और वाहन पार्किंग का खत्म किये जायेंगे व सीलबंद दुकानें खोली जाएंगी, एवं लाइसेंसिंग प्रक्रिया को डिजिटाइज़्ड किया जाएगा. हालांकि, उच्च घनत्व वाले मार्केट एरिया में ट्रेडिंग गतिविधि के दौरान होने वाले हो-हल्ले को और बेहतर तरीके से संभाला जाना ज़रूरी होगा.

शिक्षा और स्वास्थ्य: एमसीडी के कई स्कूल और स्वास्थ्य विभाग काफी बदतर हाल में हैं. उदाहरण के लिए, कई स्कूलों में शिक्षकों, और बुनियादी ढांचे (कुर्सी, टेबल, कंप्यूटर, शौचालय आदि), और सुरक्षा गार्ड आदि की कमी से जूझ रहे हैं. उसी तरह से, कुछ अस्पताल और डिस्पेंसरी आदि के दीवारों में दरारें, लीक छतें, और अस्वास्थ्यकर शौचालय हैं. आप ने इन्हें विश्व स्तरीय संस्थानों में बदलने के वादे किए हैं. इन लक्ष्यों की प्राप्ति पूरी तरह से इसके लिए ज़रूरी कोष की उपलब्धता और उसके यथोचित इस्तेमाल पर निर्भर करेगा.

सड़क: बड़ी संख्या में सड़कों के ऊपरी परत के घिस जाने की वजह से कई जगह पर बड़े-बड़े खड्डे बन गए हैं. इस वजह से यात्रा करने में कठिनाई उत्पन्न होती है. इन परेशानियों को सड़कों की मरम्मती और उसके उचित रख-रखाव के ज़रिए सुलझाया जाएगा. मरम्मती कार्य को विश्वनीय निगरानी और बेहतर क्वॉलिटी की मैटेरियल (ईट-गारे-सीमेंट) की मदद से बनाया जाना, ताकि मॉनसून के मौसम में इसका इस्तेमाल किया जा सके, ये सुनिश्चित करना- इस कार्य के दौरान एक प्रमुख चुनौती होगी.

पार्किंग: मोटर वाहनों में बड़ी संख्या में वृद्धि हुई है, हालांकि, उचित और सही पार्किंग व्यवस्था बनाए जाने पर किसी योजना एजेंसियों द्वारा यथोचित ध्यान नहीं दिया गया है. ऐसी स्थिति को शहर के कई व्यवसायिक जगहों पर बहुदा देखा जा सकता है. आप ने इस समस्या के तत्कालीन और स्थाई समाधान ढूँढे जाने के प्रति अपनी जागरूकता दिखलाई है. पूर्व में अमल में लाए गए चंद रचनात्मक पार्किंग प्रोजेक्ट से भी कुछ सीखा जा सकता है. हालांकि, इस परेशानी के निदान हेतु एक टिकाऊ और स्मार्ट समाधान के ढूँढे जाने की तत्काल ज़रूरत है.

ठोस अपशिष्ट/कचरा: ठोस अपशिष्ट के प्रबंधन में एमसीडी ने काफी खराब काम किया है. ये आकलन भलसवा, ग़ाज़ीपुर और ओखला लैन्ड्फिल साइटों में व्याप्त स्थिति के आधार पर किया जा रहा है. ये तीनों साइट पूरी तरह से भरी हुई हैं और उसने एक विशाल आकार ले लिया है. आप नें इन “तीनों कूड़े के पहाड़ों को साफ करने” का प्रण लिया है, और फिर आगे इसमें और गिरावट रोकने के प्रयास करने की बात कही है. इस उद्देश्य प्राप्ति के लिए, पार्टी वैश्विक एक्सपर्टों की राय लेना चाहेंगे और कूड़ों के प्रसंस्करण एवं उन्हें वहां से हटाए जाने के लिए ज़रूरी टेक्नोलॉजी को काम पर लगाने की बात कही है. लैंडफिल में फेंकें गए कूड़ों को हटाया जाना, काफी चुनौतीपूर्ण है, और इस प्रक्रिया में, पर्यावरण और भू-जल को सुरक्षित रखे जाने को लेकर उचित खयाल रखा जाना काफी ज़रूरी होगा.

पार्क: पार्क, बगीचे और हरे-भरे क्षेत्र महत्वपूर्ण सामाजिक जरूरतें हैं, चूंकि ये जगहें लोगों के मनोरंजन, अवकाश और व्यायाम के लिए निमित्त हैं. जीवन की गुणवत्ता को कम करने के साथ ही, ये कई जाति के पक्षियों को आकर्षित करती हैं, और वायु प्रदूषण को भी कम करती हैं. हालांकि, सिर्फ़ कुछ पार्कों के ही उचित रख-रखाव हो रखे हैं. इन कार्यों को सफलतापूर्वक कर पाने के लिए इन पार्कों की लैंडस्केपिंग, कर्मचारियों की नियुक्ति, और री-साइकल किये गये जल की आपूर्ति को सुनिश्चित करना आवश्यक है.

आवारा जानवर: कई सार्वजनिक स्थानों पर, आवारा जानवर (जैसे कुत्ते, बंदर, और गाय – भैंस आदि) खुले में घूमते रहते हैं जिस वजह से आम नागरिकों को काफी परेशानी होती है. कुत्ते के काट खाने की घटनाएं यदा-कदा घटती रहती हैं. बच्चे अपने घरों से निकालने से डरते हैं. आप ने कानून के दायरे एवं वैद्यानिक फ्रेमवर्क के अंतर्गत इस समस्या को सुलझाने का वादा किया है. पहले भी ऐसे कई सुधार कार्यों को पशु अधिकार कार्यकर्ताओं के विरोध का सामना करना पड़ा है. ये मुद्दा काफी लंबे अरसे से विलंबित रहा है और इसका स्थायी समाधान ढूंढा जाना ज़रूरी है.

किसी भी राजनैतिक दल का चुनावों में मुख्य ध्येय होता है ज्य़ादा से ज्य़ादा मतदाताओं का समर्थन प्राप्त करना, आप ने इसलिए समाधान ढूंढने के लिये जिन मुद्दों को चुनावों के दौरान चुना है उसमें काफी सामंजस्य बनाए रखने की कोशिश की है.

सारांश में कहें तो, दिल्ली में रह रहे लोग भी एक बेहतर क्वॉलिटी जीवन जीने के अधिकारी हैं. इस प्रक्रिया में, आप के नेतृत्व में एमसीडी द्वारा किए जाने वाले कार्यों की रूपरेखा एक वांछनीय कदम होगी. हालांकि, किसी भी राजनैतिक दल का चुनावों में मुख्य ध्येय होता है ज्य़ादा से ज्य़ादा मतदाताओं का समर्थन प्राप्त करना, आप ने इसलिए समाधान ढूंढने के लिये जिन मुद्दों को चुनावों के दौरान चुना है उसमें काफी सामंजस्य बनाए रखने की कोशिश की है. स्वच्छता कार्यकर्ताओं, वेंडरों, और हॉकरों और व्यापारियों की शिकायतों का निवारण, मतदाताओं के एक बड़े तबके को आकर्षित करने की एक कारगर रणनीतिक कदम साबित हो सकती है. हालांकि, इन समूहों द्वारा इंगित परेशानियाँ काफी वैध हैं. शासन में सुधार (जैसे भ्रष्टाचार का खात्मा) के अलावे, अन्य अर्बन सेक्टर (जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, पार्किंग, ठोस अपशिष्ट, पार्क, आवारा जानवर) आदि को इस प्रक्रिया में शामिल किया गया है. कार्य के क्रियान्वन की प्रक्रिया में ज़रूरी पारदर्शिता खुद में एक काफी बड़ी चुनौती साबित होगी, चूंकि- एमसीडी के अधूरे कार्यों का बोझ काफी भारी है और उसकी आधिकारिक और वित्तीय क्षमता का निर्माण करना भी उतना  ही ज़रूरी होगा.

 
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