Published on Dec 05, 2020 Updated 0 Hours ago

हम ऐसे लोगों की खोज करते हैं जो अपने स्तर पर काम करने का हुनर रखते हों, जो सर्वोत्तम से कम पर न मानें और जिन्होंने अपने दम पर कोई शुरुआत की हो.

‘खुली’ वित्तीय तकनीकें: छोटे व्यापारियों और स्टार्टअप के लिए एशिया का पहला नियो बैंकिंग मंच

ORF: ओपन के ज़रिए, आप छोटे और मध्यम आकार के व्यवसायों और स्टार्टअप के लिए वित्तीय बुनियादी ढांचे की कमी को दूर करने और अपने पिछले उपक्रमों में हुए अनुभवों के दौरान सामने आई समस्याओं को हल करने के लिए, एकजुट हुई हैं. हमें बताएं कि आप अपने साथी उद्यमियों के लिए वित्तीय उपकरण (financial tools) कैसे बनाती हैं

डीना जैकब और मेबल चाको: छोटे व्यवसायों के लिए व्यावसायिक बैंकिंग की व्यवस्था चरमराई हुई थी. लेनदेन को लेकर, बड़े उद्यमों के पास, बैंकिंग समूहों की ओर से विशेषाधिकार होते हैं, लेकिन अधिकांश छोटे व्यवसाय इनसे वंचित रहते हैं. लघु और मध्यम आकार के उद्यमों (एसएमई-SME) को नकदी के प्रवाह को ट्रैक करने और नकदी की खपत के पूर्वानुमान संबंधी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है, साथ ही प्रभावी रूप से खाते में आने वाली राशि और खातों से होने वाले भुगतान का प्रबंधन करने, जैसी समस्याएं भी उनके सामने आती हैं. उन्हें लेखांकन, भुगतान गेटवे और अपने यहां काम करने वालों (Payroll) के लिए कई तरह के इंटरफेस से निपटना पड़ता है.

लघु और मध्यम आकार के उद्यमों (एसएमई-SME) को नकदी के प्रवाह को ट्रैक करने और नकदी की खपत के पूर्वानुमान संबंधी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है, साथ ही प्रभावी रूप से खाते में आने वाली राशि और खातों से होने वाले भुगतान का प्रबंधन करने, जैसी समस्याएं भी उनके सामने आती हैं.

इसके अलावा उनके पास, दिन-प्रतिदिन की गतिविधियों की योजना बनाने में मदद करने के लिए, ऑनलाइन टूल की भी कमी है. हमने इन चुनौतियों को अपने पिछले स्टार्टअप्स के कामकाज के दौरान देखा और जिन लघु और मध्यम आकार के उद्यमों का हमने प्रबंधन किया उनमें भी ये समस्याएं सामने आईं. जब मैं [मेबल] एक पेमेंट गेटवे चला रही थी, तो मैंने भुगतान की प्रक्रिया को लेकर बेहद संघर्ष किया क्योंकि, इसके लिए मैंने अपने हर व्यापारी को अलग-अलग व्यक्तिगत फंड ट्रांसफर किया. चूंकि मेरा स्टार्टअप छोटा था, मेरे बैंकिंग भागीदारों ने मुझे “विशेषाधिकार प्राप्त लाभ” देने में कोई रुचि नहीं दिखाई. डीना, टैक्सी सेवाओं से जुड़े स्टार्टअप, ‘टैक्सी-फॉर-श्योर’ (TaxiforSure) के वित्तीय विभाग का नेतृत्व कर रही थीं, और कंपनी के बेहतरीन विकास और बेहतर वित्तीय नतीजों के बावजूद, वित्तीय प्रबंधन उनके लिए बेहद मुश्किल था, ख़ासकर टैक्सी चालकों को भुगतान करने की प्रक्रिया. अन्य उद्यमियों और छोटे व्यवसाय के मालिकों से बात करते हुए, हमने महसूस किया कि यह समस्या, व्यवसायों के एक विस्तृत वर्ग में मौजूद है, और इस तरह हमने उन मुश्किलों और अड़चनों से संकेत लिए, जिसके आधार पर इस नई व्यवस्था के निर्माण से जुड़े सिद्धांत तय किए गए. जिस लक्ष्य ने हमें निर्देशित किया वह था, छोटे व्यवसायों के लिए बैंकिंग के तरीके को बदलना.

‘ओपन’ बैंकों के साथ साझेदारी में एक व्यावसायिक खाता प्रदान करता है, जो लघु और मध्यम आकार के उद्यमों (SMEs) को स्वचालित रूप से काम करने और अपने वित्तीय कामकाज को प्रभावी ढंग से चलाने में मदद करता है. यह प्लेटफ़ॉर्म व्यवसायों को भुगतान एकत्रित करने, अविलंबित और निर्बाध रूप से भुगतान करने, स्वचालित रूप से खातों का मिलान करने और आय व व्यय को वर्गीकृत करने में मदद करता है, जिससे बुक-कीपिंग स्वचालित यानी ऑटेमेटेड होती है. यह बैंकिंग को व्यावसायिक कामकाज (workflow) से एकीकृत करने के लिए, एप्लिकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफ़ेस (application programming interface-एपीआई) भी प्रदान करता है. वर्तमान में, ‘ओपन’ 500,000 से अधिक लघु व मध्यम आकार के उद्यमों की सेवा कर रहा है, और सालाना लेनदेन में 14 बिलियन अमेरिकी डॉलर का प्रसंस्करण कर रहा है. ‘ओपन’ का उपयोग करके, लघु व मध्यम आकार के व्यवसायों के मालिक हर दिन, कम से कम दो घंटे बचा सकते हैं, जिसे वह अपने व्यवसाय को बढ़ाने में लगा सकते हैं.

‘ओपन’ बैंकों के साथ साझेदारी में एक व्यावसायिक खाता प्रदान करता है, जो लघु और मध्यम आकार के उद्यमों (SMEs) को स्वचालित रूप से काम करने और अपने वित्तीय कामकाज को प्रभावी ढंग से चलाने में मदद करता है. 

ORF:भारत के वित्तीय पारिस्थितिकी तंत्र और अन्य प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में भारत की क्षमताओं को लेकर आपके क्या विचार हैं, और इस क्षेत्र में आपको किस तरह के रोमांचक घटनाक्रम दिखाई देते हैं?

डीना जैकब और मेबल चाको: यह कहना उचित है कि भारत में दुनिया की कई अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में एक विकसित वित्तीय पारिस्थितिकी तंत्र है. यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) जैसे सिस्टम, एक अरब से अधिक लोगों को लेनदेन व भुगतान संबंधी सेवाएं प्रदान कर, इस क्षेत्र में आमूलचूल बदलाव ला रहे हैं. कई मायनों में भारत में जो हो रहा है उसने यूपीआई क्षेत्र में कई घटकों को परिभाषित किया है. बैंकिंग और डिजिटल को अपनाने, डिजिटल लेनदेन और इस संबंध में उपलब्ध विकल्पों को लेकर आसानी के मामले में भारत में मौजूद व्यवस्था, विकसित अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में कहीं बेहतर है.

ओपन बैंकिंग, और नियमन में हो रहे बदलावों की नई लहर के लिए एक ऐसे व्यापक वित्तीय ढांचे की ज़रूरत है, जो ग्राहकों की जरूरतों पर ध्यान दे और केवल पैसे के लेनदेन पर न केंद्रित हो. नियो-बैंकिंग और ओपन क्रेडिट, अकाउंट एग्रीगेटर्स और डिजिटल ऋण क्षेत्र में नए प्रवेशकों के आने के साथ-साथ ग्राहकों के लिए, एक वित्तीय पारिस्थितिकी तंत्र प्रदान करने की कोशिशों ने ग्राहकों की आवश्यकता और अनुभवों पर केंद्रित वित्तीय ढांचा बनाने की दिशा में एक नई शुरुआत की है. कनेक्टेड-कॉमर्स यानी डिजिटल बैंकिंग के विभिन्न माध्यमों से जुड़ा व्यापार तंत्र और ग्राहकों के साथ बातचीत पर आधारित नए युग की क्रेडिट व्यवस्था, आने वाले सालों के लिए महत्वपूर्ण विषय होंगे.

ORF: भारत के प्रौद्योगिकी पारिस्थितिकी तंत्र ने आपको किन तरीकों से ओपन को खड़ा करने में सक्षम बनाया, जो एक दशक पहले शायद संभव नहीं था.

डीना जैकब और मेबल चाको: पिछले एक दशक में, कई चीज़ें बदल गई हैं. स्टार्टअप्स को जिस नज़रिए से देखा जाता है, और जिस तरह की तकनीक उपलब्ध है. इसके अलावा, डिजिटल भुगतान और वास्तविक समय में लेनदेन को सक्षम बनाने के लिए जो वित्तीय ढांचा खड़ा किया जा रहा है वह भी काफ़ी बदला है. बैंक भी अब अपनी अग्रणी सेवाएं देने के लिए, एपीआई को अपना रहे हैं, ताकि फिनटेक क्षेत्र में बैंक खातों पर अतिरिक्त सेवाएं दी जा सकें.

ORF: आप दोनों ही सीरियल आंत्रप्रेन्योर हैं, जिन्होंने एक के बाद एक कई स्टार्टअप शुरु किए हैं. ओपन की सफलता में योगदान देने वाले अपने पिछले उपक्रमों से आप कौन से सबक सीखे, जिन्होंने आपको इस नए उद्यम को सफल बनाने में मदद की?

डीना जैकब और मेबल चाको: स्टार्टअप की दुनिया में कई तरह की गहन सीख (deep learning) मिलती हैं. हम यह नहीं कहेंगे कि हम सब कुछ जानते हैं, लेकिन हम निश्चित रूप से जानते हैं कि हमें क्या नहीं करना चाहिए, क्योंकि ये बातें हम हमने पिछले अनुभवों से सीख चुके हैं.

ORF: चार सह-संस्थापकों यानी को-फाउंडर्स के रूप में, आपने पारदर्शिता और खुले संचार के ज़रिए इच्छित परिणाम पाने की दिशा में किस तरह काम किया है? आपने संस्थापक टीम को कैसे तैयार किया है?

डीना जैकब और मेबल चाको: हम सभी के पास अपने-अपने परिचालन क्षेत्र (operational areas) हैं, जिन्हें लेकर हर किसी को स्पष्ट जानकारी है और हम अपने स्तर पर इन्हें प्रबंधित करते हैं. अनीश सीईओ हैं और वे व्यवसाय से जुड़ी रणनीति का प्रबंधन करते हैं. दीना, वित्त, ऋण और धन प्रबंधन का काम देखती हैं. मेबल, मार्केटिंग और परिचालन यानी आपरेशन संबंधी काम संभालती हैं, और अजीश तकनीक का प्रबंधन करते हैं. यह संरचना हमने टीम के अलग-अलग सदस्यों के कौशल के आधार पर बनाई है, और हममें से प्रत्येक किस क्षेत्र में योगदान दे सकता है, और हम किन चीज़ों के लिए जवाबदेह हैं, इस पर बहुत स्पष्टता है. इस सब के मूल में है, हमारा एक दूसरे पर भरोसा कि हम लगातार मिलजुल कर ‘ओपन’ की बेहतरी की दिशा में काम कर रहे हैं. हम अपनी टीम के बिना कभी वो हासिल नहीं कर पाते जो हमने किया है.

हम ऐसे लोगों की तलाश करते हैं, जो खुद अपने दम पर काम करने का हुनर रखते हों, जो बेहतर से बेहतर काम करने को हमेशा तत्पर रहें. हम ऐसे लोगों की तलाश करते हैं, जिन्होंने अपने दम पर कोई शुरुआत की हो और उसे अंजाम तक पहुंचाया हो.

हमारे पास कुछ मार्गदर्शक सिद्धांत हैं, जिनके द्वारा हम अपने साथियों का चयन करते हैं- हम ऐसे लोगों की तलाश करते हैं, जो खुद अपने दम पर काम करने का हुनर रखते हों, जो बेहतर से बेहतर काम करने को हमेशा तत्पर रहें. हम ऐसे लोगों की तलाश करते हैं, जिन्होंने अपने दम पर कोई शुरुआत की हो और उसे अंजाम तक पहुंचाया हो. हम अपनी टीमों को ग़लती करने के लिए दंडित नहीं करते हैं, इसके बजाय हम सामूहिक रूप से सीखने और आगे बढ़ने के प्रत्येक अवसर का उपयोग करते हैं. इन सिद्धांतों ने हमारे कार्यक्षेत्र में एक ऐसी संस्कृति का संचार किया है, जो खुली है और इस बात को परिभाषित करती है, कि हम क्या करना चाहते हैं.

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